नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की और जी-20 शिखर सम्मेलन के उनके अनुभवों के बारे में जानकारी हासिल की. सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रधानमंत्री विदेश मंत्रालय के अधिकारियों सहित सभी स्तर के कर्मचारियों से मिलने और उनसे बातचीत करने के लिए सुषमा स्वराज भवन गए.
भारत की अध्यक्षता में हुआ जी20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन रविवार को समाप्त हो गया, और इसे काफी हद तक बेहद सफल माना गया, क्योंकि इस शक्तिशाली समूह ने यूक्रेन में युद्ध सहित कई मुद्दों पर सर्वसम्मति से एक संयुक्त बयान जारी किया. मोदी के नेतृत्व को दुनिया भर के नेताओं से प्रशंसा भी मिली.
जी20 शिखर सम्मेलन स्थल पर बीएसईएस ने की बिजली की निर्बाध आपूर्ति
वहीं दूसरी ओर बीएसईएस ने पिछले महीने और सितंबर के पहले सप्ताह में पड़ी गर्मी के कारण शहर में पहले से ही बिजली की भारी मांग के बीच यहां जी20 शिखर सम्मेलन स्थल पर विश्वसनीय और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किये. बिजली कंपनी के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने कहा कि बीएसईएस ने प्रगति मैदान में मुख्य आयोजन स्थल भारत मंडपम में बिजली की आपूर्ति बढ़ा दी और अपने पर्यवेक्षी नियंत्रण एवं डेटा एक्सेस (एससीएडीए) नियंत्रण कक्ष से मांग की निगरानी की.
एक अधिकारी ने कहा कि 9-10 सितंबर को आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन से पहले, दिल्ली की अधिकतम बिजली की मांग पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में अधिक थी. बीएसईएस ने शहर में और भारत मंडपम तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में होटलों में विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की तैयारी की थी.
इस बार, लगभग पूरे अगस्त और सितंबर के अधिकांश दिनों में दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ी है. चार सितंबर को दिल्ली की सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पिछले 85 वर्षों में यह सितंबर का सबसे गर्म दिन रहा.
(पीटीआई-भाषा)