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पीएम मोदी ने की उद्धव सरकार की तारीफ, फडणवीस ने बताया फेल

काेराेना की दूसरी लहर से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है. काेराेना महामारी से निपटने की दिशा में महाराष्ट्र सरकार का प्रयास जारी है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने काेराेना से निटपने के उपायाें काे लेकर उद्धव सरकार की सराहना की है, जबकि विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस कड़ी आलाेचना कर रहे हैं.

पीएम मोदी
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Published : May 9, 2021, 7:55 AM IST

मुंबई : महाराष्ट्र कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है. स्थिति काे नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र की लड़ाई की प्रशंसा की है, वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार की कड़ी आलोचना की है.

प्रधानमंत्री ने शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की और राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों की जानकारी ली. इस दाैरान पीएम मोदी ने राज्य सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम की तारीफ की. वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने और अन्य कंपनी के टीके के उपयोग की अनुमति देने को कहा है.

जबकि दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में कोरोना संकट से निपटने के उपायों काे लेकर सीएम उद्धव ठाकरे की आलोचना की है. फडणवीस ने कोरोना की स्थिति काे लेकर मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है.

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में, फडणवीस ने मुंबई में कोरोना मौतों की सही जानकारी नहीं देने, काेराेना परीक्षणों के प्रकार से समझौता करने, कोरोना संक्रमण दर में गिरावट की बात करने और वास्तविक स्थिति नहीं बताने जैसे गंभीर मुद्दे उठाये हैं. उन्होंने कहा, 'शहर में एक दिन में एक लाख आरटी-पीसीआर जांच करने की क्षमता है, लेकिन बीते 10 दिन का औसत 34,191 है. इनमें से 30 प्रतिशत रैपिड एंटीजन जांच की गईं.'

फडणवीस ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद आरटी-पीसीआर क्षमता कम होने पर 30 प्रतिशत रैपिड-एंटीजेन जांच करने की सलाह देता है. रैपिड-एंटीजेन जांचों की संख्या 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि रैपिड-एंटीजेन जांच की विश्वसनीयता 50 प्रतिशत होती है, लिहाजा ऐसी जांचों से भ्रम पैदा होता है.

उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा कि बृह्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) कुछ कोविड-19 रोगियों की मौत के अन्य कारण बताकर संक्रमण से हुई मृत्यु के मामलों को कम करके बता रहा है.

फडणवीस ने कहा, 'अन्य कारणों से हुई मौत की श्रेणी में कुछ विशिष्ट मामलों को रखा जाता है, जैसे कि कोविड-19 रोगी का आत्महत्या कर लेना, दुर्घटना में मृत्यु, हत्या, ब्रेन डेड घोषित किया जाना या रोगी के कैंसर की चौथी स्टेज में पहुंच जाना.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएमसी कोविड-19 से हुई कुछ मौतों के संदिग्ध तरीके से इस श्रेणी में रख रही है.

इसे भी पढ़ें : केंद्र सरकार का वैक्सीन बजट ₹35 हजार करोड़, खर्च मात्र ₹4,744 करोड़

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने महामारी की दूसरी लहर से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये हाल ही में बीएमसी की प्रशंसा की थी.

मुंबई : महाराष्ट्र कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है. स्थिति काे नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र की लड़ाई की प्रशंसा की है, वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार की कड़ी आलोचना की है.

प्रधानमंत्री ने शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की और राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों की जानकारी ली. इस दाैरान पीएम मोदी ने राज्य सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम की तारीफ की. वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने और अन्य कंपनी के टीके के उपयोग की अनुमति देने को कहा है.

जबकि दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में कोरोना संकट से निपटने के उपायों काे लेकर सीएम उद्धव ठाकरे की आलोचना की है. फडणवीस ने कोरोना की स्थिति काे लेकर मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है.

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में, फडणवीस ने मुंबई में कोरोना मौतों की सही जानकारी नहीं देने, काेराेना परीक्षणों के प्रकार से समझौता करने, कोरोना संक्रमण दर में गिरावट की बात करने और वास्तविक स्थिति नहीं बताने जैसे गंभीर मुद्दे उठाये हैं. उन्होंने कहा, 'शहर में एक दिन में एक लाख आरटी-पीसीआर जांच करने की क्षमता है, लेकिन बीते 10 दिन का औसत 34,191 है. इनमें से 30 प्रतिशत रैपिड एंटीजन जांच की गईं.'

फडणवीस ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद आरटी-पीसीआर क्षमता कम होने पर 30 प्रतिशत रैपिड-एंटीजेन जांच करने की सलाह देता है. रैपिड-एंटीजेन जांचों की संख्या 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि रैपिड-एंटीजेन जांच की विश्वसनीयता 50 प्रतिशत होती है, लिहाजा ऐसी जांचों से भ्रम पैदा होता है.

उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा कि बृह्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) कुछ कोविड-19 रोगियों की मौत के अन्य कारण बताकर संक्रमण से हुई मृत्यु के मामलों को कम करके बता रहा है.

फडणवीस ने कहा, 'अन्य कारणों से हुई मौत की श्रेणी में कुछ विशिष्ट मामलों को रखा जाता है, जैसे कि कोविड-19 रोगी का आत्महत्या कर लेना, दुर्घटना में मृत्यु, हत्या, ब्रेन डेड घोषित किया जाना या रोगी के कैंसर की चौथी स्टेज में पहुंच जाना.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएमसी कोविड-19 से हुई कुछ मौतों के संदिग्ध तरीके से इस श्रेणी में रख रही है.

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गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने महामारी की दूसरी लहर से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये हाल ही में बीएमसी की प्रशंसा की थी.

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