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खेत को बनाया 'म्यूजियम' : कौन हैं रामलोटन, जिनकी पीएम मोदी ने की 'मन की बात' में तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के सतना जिले के रहने वाले किसान रामलोटन कुशवाहा की सराहना की है. रामलोटन कुशवाहा ने अपने खेत में एक देसी म्यूजियम बनाया है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

रामलोटन
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Published : Jun 27, 2021, 5:24 PM IST

सतना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में मध्य प्रदेश के सतना जिले के रहने वाले एक किसान का जिक्र किया है. पीएम मोदी ने किसान रामलोटन कुशवाहा की सराहना की है, जिन्होंने कई औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण का काम किया है.

सतना के उचेहरा विकासखंड के अतरवेदिया गांव में रहने वाले किसान रामलोटन कुशवाहा रविवार को अचानक सूर्खियों में आ गए. पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में उनका जिक्र किया और उनके काम की सराहना की.

मन की बात में सतना के किसान का जिक्र

पीएम मोदी ने क्या कहा तारीफ में
प्रधानमंत्री मोदी ने रामलोटन कुशवाहा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने खेत में एक देसी म्यूजियम बनाया है. इस म्यूजियम में सैंकड़ों औषधीय पौधों और बीजों का संग्रह किया है. इन्हें वह दूर-सुदूर क्षेत्रों से यहां लेकर आए. इसके अलावा वह हर साल कई तरह की सब्जियां भी उगाते हैं. रामलोटन की इस बगिया को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं. इससे लोग बहुत कुछ सीखते हैं. यह एक बहुत अच्छा प्रयास है, जिससे अन्य लोग भी बहुत कुछ सीख सकते हैं.

जानें कौन हैं किसान रामलोटन कुशवाहा
सतना जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर उचेहरा तहसील के अतरवेदिया गांव में किसान रामलोटन कुशवाहा रहते हैं. उन्होंने एक एकड़ से कम के खेत में औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटियों का संरक्षण और संवर्धन कर एक देसी म्यूजियम बनाया है. साथ में हर साल कई तरह की सब्जियां उगाते हैं.

यह भी पढ़ें- पहली बार ड्रोन से आतंकी हमला, जम्मू के टेक्निकल एयरपोर्ट में 5 मिनट के अंदर 2 ब्लास्ट

क्या-क्या है रामलोटन की बगिया में ?
रामलोटन कुशवाहा की बगिया में 250 से भी अधिक औषधीय पौधों का अनुपम संग्रह है. वह साल भर में कई तरह की सब्जियां उगाते हैं, जो बेहद खास होती है. 12 प्रकार की लौकियां, गाय के मुंह के आकार के बैगन देखने लोग दूर-दूर से आते हैं.

आकार के आधार पर नाम
रामलोटन ने लौकियों को उनके आकार के आधार पर नाम दिए गए हैं, जैसे बीन वाली लौकी, अजगर लौकी, तंबूरा लौकी. इनमें से कुछ खाने के काम आती हैं, बाकी की लौकियां औषधीय उपयोग में लाई जाती हैं.

इन सब्जियों से पीलिया, बुखार भी ठीक किया जाता सकता है. इसके अलावा बगिया में जंगली धनिया, जंगली मिर्चा, गौमुख बैगन, सुई धागा, हाथी पंजा, सिंदूर, अजवाइन, शक्कर पत्ती, जंगली पालक, अजूबी, बालम खीरा, पिपरमिंट, गरूड़, सोनचट्टा, सफेद और काली मूसली और पारस पीपल जैसी तमाम औषधीय गुण के पौधे रोपे हैं.

सतना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में मध्य प्रदेश के सतना जिले के रहने वाले एक किसान का जिक्र किया है. पीएम मोदी ने किसान रामलोटन कुशवाहा की सराहना की है, जिन्होंने कई औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण का काम किया है.

सतना के उचेहरा विकासखंड के अतरवेदिया गांव में रहने वाले किसान रामलोटन कुशवाहा रविवार को अचानक सूर्खियों में आ गए. पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में उनका जिक्र किया और उनके काम की सराहना की.

मन की बात में सतना के किसान का जिक्र

पीएम मोदी ने क्या कहा तारीफ में
प्रधानमंत्री मोदी ने रामलोटन कुशवाहा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने खेत में एक देसी म्यूजियम बनाया है. इस म्यूजियम में सैंकड़ों औषधीय पौधों और बीजों का संग्रह किया है. इन्हें वह दूर-सुदूर क्षेत्रों से यहां लेकर आए. इसके अलावा वह हर साल कई तरह की सब्जियां भी उगाते हैं. रामलोटन की इस बगिया को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं. इससे लोग बहुत कुछ सीखते हैं. यह एक बहुत अच्छा प्रयास है, जिससे अन्य लोग भी बहुत कुछ सीख सकते हैं.

जानें कौन हैं किसान रामलोटन कुशवाहा
सतना जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर उचेहरा तहसील के अतरवेदिया गांव में किसान रामलोटन कुशवाहा रहते हैं. उन्होंने एक एकड़ से कम के खेत में औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटियों का संरक्षण और संवर्धन कर एक देसी म्यूजियम बनाया है. साथ में हर साल कई तरह की सब्जियां उगाते हैं.

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क्या-क्या है रामलोटन की बगिया में ?
रामलोटन कुशवाहा की बगिया में 250 से भी अधिक औषधीय पौधों का अनुपम संग्रह है. वह साल भर में कई तरह की सब्जियां उगाते हैं, जो बेहद खास होती है. 12 प्रकार की लौकियां, गाय के मुंह के आकार के बैगन देखने लोग दूर-दूर से आते हैं.

आकार के आधार पर नाम
रामलोटन ने लौकियों को उनके आकार के आधार पर नाम दिए गए हैं, जैसे बीन वाली लौकी, अजगर लौकी, तंबूरा लौकी. इनमें से कुछ खाने के काम आती हैं, बाकी की लौकियां औषधीय उपयोग में लाई जाती हैं.

इन सब्जियों से पीलिया, बुखार भी ठीक किया जाता सकता है. इसके अलावा बगिया में जंगली धनिया, जंगली मिर्चा, गौमुख बैगन, सुई धागा, हाथी पंजा, सिंदूर, अजवाइन, शक्कर पत्ती, जंगली पालक, अजूबी, बालम खीरा, पिपरमिंट, गरूड़, सोनचट्टा, सफेद और काली मूसली और पारस पीपल जैसी तमाम औषधीय गुण के पौधे रोपे हैं.

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