नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 15 जुलाई 2023 तक फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की आधिकारिक यात्रा करेंगे. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री 13-14 जुलाई 2023 तक पेरिस का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री 14 जुलाई 2023 को बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि होंगे, इस परेड में तीनों सेनाओं के भारतीय सशस्त्र बलों का एक दस्ता भी भाग लेगा. फ्रांस यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय लौटते समय 15 जुलाई को अबू धाबी जायेंगे.
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On the 15th, I will be in UAE for an official visit. I shall be holding talks with H.H. Sheikh Mohamed bin Zayed Al Nahyan. I am confident our interactions will add strength to India-UAE friendship and benefit the people of our countries. @MohamedBinZayed
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— Narendra Modi (@narendramodi) July 13, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्वास जताया कि उनकी फ्रांस यात्रा द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को नई गति प्रदान करेगी और कहा कि वह आगे बढ़ने के लिए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ व्यापक चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं. फ्रांस दौरे से पहले मोदी ने कहा कि उनकी फ्रांस यात्रा विशेष रूप से विशेष है क्योंकि वह पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस या बैस्टिल दिवस समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में राष्ट्रपति मैक्रॉन के साथ शामिल होंगे.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष हमारी रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ है. मोदी ने कहा कि गहरे विश्वास और प्रतिबद्धता में निहित, दोनों देश रक्षा, अंतरिक्ष, नागरिक परमाणु, नीली अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, शिक्षा, संस्कृति और लोगों से लोगों के संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में निकटता से सहयोग करते हैं. हम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी मिलकर काम करते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें 2022 में फ्रांस की अपनी आखिरी आधिकारिक यात्रा के बाद से राष्ट्रपति मैक्रों से कई बार मिलने का अवसर मिला है.
अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति मैक्रों से औपचारिक वार्तालाप करेंगे. राष्ट्रपति मैक्रों प्रधानमंत्री के सम्मान में एक राजकीय भोज के साथ-साथ एक निजी रात्रि भोज की मेजबानी करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस यात्रा में फ्रांस के प्रधानमंत्री के साथ-साथ फ्रांस की सीनेट और नेशनल असेंबली के अध्यक्षों से भी मुलाकात करेंगे. वह फ्रांस में भारतीय प्रवासियों, भारतीय और फ्रांसीसी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और प्रमुख फ्रांसीसी हस्तियों के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत करेंगे.
इस वर्ष भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ है और प्रधानमंत्री की यह यात्रा रणनीतिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, शैक्षणिक और आर्थिक सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के लिए साझेदारी की रूपरेखा तैयार करने का अवसर प्रदान करेगी. इसके पश्चात, प्रधानमंत्री 15 जुलाई को अबू धाबी का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ बातचीत करेंगे.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र दो दिवसीय फ्रांस यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी और आने वाले वर्षों में दोनों देशों के सामरिक गठजोड़ के लिए 'नये मानदंड' तय करेगी. प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच बातचीत रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर केंद्रित रहने की उम्मीद है. समझा जाता है कि भारत द्वारा राफेल के नौसेना प्रारूप के 26 विमानों की खरीद के लिए आवश्यक तैयारियां की गयी है ताकि इसकी घोषणा की जा सके. इसके साथ ही विमान के इंजन के संयुक्त विकास से जुड़े सौदे पर भी बात आगे बढ़ सकती है.
क्वात्रा ने संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी और हम समझते हैं कि यह आने वाले वर्षों में दोनों देशों के सामरिक गठजोड़ के लिए 'नये मानदंड' तय करेगी.' मोदी 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे. इसमें भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है. इस यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ सामारिक, वैज्ञानिक, अकादमिक और आर्थिक सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग का रास्ता तलाशने पर भी चर्चा होगी. इसमें रक्षा, अंतरिक्ष, कारोबार एवं निवेश के क्षेत्र शाामिल हैं.
क्वात्रा ने हाल ही में फ्रांस के कई शहरों में हिंसक घटनाओं को उस देश का आंतरिक मामला बताया और कहा कि इसका इस यात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. मोदी-मैक्रों वार्ता के आयामों के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी देने से इंकार करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि चर्चा में सैन्य उपकरणों का सह उत्पादन, सह विकास और मिलकर डिजाइन तैयार करने से जुड़ना और इसे भारत की आत्मनिर्भरता की प्राथमिकताओं से जोड़ना शामिल हो सकता है. समझा जाता है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) प्रमुख रक्षा सौदों को मंजूरी दे सकती है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान किये जाने की उम्मीद है.
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राफेल और विमानों के इंजन से जुड़ी परियोजना के अलावा डीएसी तीन अतिरिक्त स्कार्पिन पनडुब्बी खरीद को भी मंजूरी दे सकती है. मोदी का फ्रांस की सीनेट के अध्यक्ष गरार्ड लार्चर, प्रधानमंत्री लिसाबेथ बार्न से मिलने और भारतीय समुदाय को संबोधित करने का कार्यक्रम है. शाम में राष्ट्रपति मैक्रों, प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में निजी रात्रि भोज की मेजबानी करेंगी. शुक्रवार को एलिसी पैलेस में प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया जायेगा और इसके बाद मोदी एवं मैक्रों के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता होगी. दोनों नेता भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में भी हिस्सा लेंगे.
भारत पहले ही वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीद चुका है. भारतीय नौसेना स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए डेक-आधारित 26 लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है. रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए फ्रांसिसी पक्ष और सहयोगी मडगांव डॉक लिमिटेड अब तीन अतिरिक्त स्कार्पिन पनडुब्बी के आर्डर को आशान्वित हैं. रक्षा मंत्रालय विमान इंजन के संयुक्त विकास के लिए फ्रांसिसी कंपनी साफरान के साथ बातचीत कर रही है.
(एजेंसियां)