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दुनिया अभिभूत थी, लेकिन कुछ लोगों का ध्यान प्रमाणपत्रों पर मेरी तस्वीर पर ही था: मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने गुजरात के गांधीनगर में आयोजित डिजिटल इंडिया वीक 2022 में कई डिजिटल पोर्टल लॉन्च किए (PM Modi launches multiple digital portals ). उन्होंने कहा कि बुनियादी पंजीकरण और दस्तावेजों के लिए जनता को दौड़ना पड़ा लेकिन देश ने इस मुद्दे को डिजिटल रूप से हल किया. मोदी ने विपक्ष पर निशाना भी साधा.

PM Modi
पीएम नरेंद्र मोदी
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Published : Jul 4, 2022, 8:47 PM IST

Updated : Jul 4, 2022, 10:04 PM IST

गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आलोचकों को आड़े हाथ लेते हुए सोमवार को कहा कि जब पूरी दुनिया इस बात की चर्चा कर रही थी कि भारत कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के बाद अपने नागरिकों को तत्काल प्रमाणपत्र दे रहा है, तब कुछ लोग केवल ये बातें कर रहे थे कि प्रमाणपत्रों पर उनकी तस्वीर क्यों है. प्रधानमंत्री ने यहां 'डिजिटल इंडिया वीक 2022' का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का नाम लिए बिना उनकी भी आलोचना की जिन्होंने यूपीआई जैसे ऑनलाइन भुगतान के तरीकों का संसद में विरोध किया था.

मोदी ने कहा, 'डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने पिछले आठ साल में देश में जो क्षमता पैदा की है, उसने कोविड-19 महामारी के दौरान हमें बहुत मदद की. हम इसके कारण दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण और राहत अभियान चलाने में सफल रहे.' उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान तकनीक ने समाज के वंचित तबकों को राहत पहुंचाई. उन्होंने कहा, हमने महामारी के दौरान महिलाओं, किसानों, श्रमिकों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये पहुंचाए. 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' की मदद से हमने सुनिश्चित किया कि देश की 80 करोड़ आबादी को मुफ्त राशन बंटे.

मोदी ने कहा कि भारत की डिजिटल तकनीक से संचालित कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को दुनियाभर में प्रशंसा मिली. उन्होंने कहा, 'इतनी बड़ी जनसंख्या को टीके की हर खुराक से बनने वाले रिकॉर्ड से दुनिया अभिभूत थी. अन्य देशों में लोगों को टीकों के प्रमाणपत्र मिलने में समस्या आई. लेकिन भारत में जब किसी व्यक्ति ने खुराक ली तो उसे उसके मोबाइल फोन पर तुरंत प्रमाणपत्र मिल गया.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'दुनिया इस बात की चर्चा कर रही है कि हमने लोगों के टीका लगते ही उन्हें कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र प्रदान करने में कैसे सफलता प्राप्त की, लेकिन यहां (भारत में) कुछ लोगों का ध्यान केवल इस बात पर केंद्रित था इन प्रमाणपत्रों पर मोदी की तस्वीर क्यों है.' कोविड-19 प्रमाणपत्रों पर प्रधानमंत्री की तस्वीर को लेकर कई लोगों ने भाजपा नीत राजग सरकार की आलोचना की. इस बारे में सोशल मीडिया पर मीम और चुटकुले भी देखे गए. केरल उच्च न्यायालय में तो एक याचिका दाखिल कर प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री की तस्वीर होने पर सवाल उठाया गया. मोदी ने संभवत: पहली बार टीका प्रमाणपत्रों पर तस्वीर के विषय पर कुछ कहा है.

उन्होंने यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की लोकप्रियता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह लोगों के बीच काफी सफल रहा. उन्होंने कहा, 'पहले कुछ बड़े स्टोरों में कार्ड स्वैप करके डिजिटल भुगतान की सुविधा थी. लेकिन अब मुझे बताया गया कि बिहार में एक भिखारी ने भी अपना क्यूआर कोड लिया है और वह पैसे डिजिटल तरीके से लेता है.'

प्रधानमंत्री ने डिजिटल भुगतान प्रणाली पर संसद में हुए उनकी सरकार के विरोध को याद करते हुए और परोक्ष रूप से चिदंबरम के संदर्भ में कहा, 'जब हमने संसद में इस योजना को पेश किया तो एक पूर्व वित्त मंत्री ने कई मुद्दे उठा दिए. उन्होंने कहा कि लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं हैं, वे इसका उपयोग कैसे करेंगे. वह बहुत विद्वान हैं. ज्यादा विद्वान लोगों के साथ यह दिक्कत होती है कि वे बहुत ज्यादा विश्लेषण करने लगते हैं.'

भारत ने 'ऑनलाइन' जाकर सभी 'लाइन' को खत्म किया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने विभिन्न सेवाएं मुहैया कराने के लिए 'ऑनलाइन' जाकर सभी 'लाइन' (कतारों) को समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ अगर भारत नई प्रौद्योगिकी को नहीं अपनाएगा, तो यह पिछड़ा रहेगा. उन्होंने कहा कि देश ने तीसरी औद्योगिक क्रांति के दौरान इसका अनुभव किया.

उन्होंने कहा, 'आठ से 10 साल पहले, हमें हर चीज के लिए लाइन (कतारों) में खड़ा होना पड़ता था. हमें जन्म प्रमाणपत्र के लिए, बिल भरने के लिए, राशन के लिए, प्रवेश के लिए, परीक्षा परिणाम के लिए, प्रमाणपत्रों के लिए तथा बैंक में लाइन में खड़ा होना पड़ता था. हम कितनी लाइन में खड़े होते थे? भारत ने 'ऑनलाइन' जाकर सभी 'लाइन' को खत्म कर दिया है.' मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम डिजिटल इंडिया ने गरीबों को भ्रष्टाचार से राहत दी है और वह सभी क्षेत्रों में बिचौलियों को खत्म करने के लिए काम कर रही है. डिजिटल इंडिया वीक 2022 में कई डिजिटल पोर्टल लॉन्च किए किए गए, जानिए आनलॉइन पोर्टल के बारे में.

'डिजिटल इंडिया भाषिणी' : भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच को सक्षम बनाएगी. भारतीय भाषाओं में सामग्री के निर्माण में मदद करेगी. ये क्राउडसोर्सिंग पहल के माध्यम से इन डेटासेट को बनाने के लिए बड़े पैमाने पर नागरिक जुड़ाव को सक्षम बनाएगी.

'डिजिटल इंडिया जेनेसिस' (इनोवेटिव स्टार्टअप्स के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट) - एक नेशनल डीप-टेक स्टार्टअप प्लेटफॉर्म है जो भारत के टियर- II और टियर- III शहरों में सफल स्टार्टअप्स की खोज, समर्थन, विकास और सफल बनाने के लिए है. इस योजना के लिए कुल ₹750 करोड़ के परिव्यय की परिकल्पना की गई है.

IndiaStack.Global : आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, कोविन वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), दीक्षा प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन जैसी इंडिया स्टैक के तहत कार्यान्वित प्रमुख परियोजनाओं का वैश्विक भंडार है. ग्लोबल पब्लिक डिजिटल गुड्स रिपोजिटरी के लिए भारत की यह पेशकश भारत को जनसंख्या पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं के निर्माण में अग्रणी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी और अन्य देशों के लिए बहुत मददगार साबित होगी.

'MyScheme' : सरकारी योजनाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने वाला एक सेवा खोज मंच है. इसका उद्देश्य वन-स्टॉप सर्च और डिस्कवरी पोर्टल की पेशकश करना है जहां उपयोगकर्ता उन योजनाओं को ढूंढ सकते हैं जिनके लिए वे पात्र हैं. वह नागरिकों को 'मेरी पहचान'- एक नागरिक लॉगिन के लिए राष्ट्रीय एकल साइन ऑन भी समर्पित करेंगे. नेशनल सिंगल साइन-ऑन (NSSO) एक उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है जिसमें क्रेडेंशियल का एक सेट कई ऑनलाइन एप्लिकेशन या सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है.

C2S प्रोग्राम : इसका उद्देश्य स्नातक, परास्नातक और अनुसंधान स्तरों पर सेमीकंडक्टर चिप्स के डिजाइन के क्षेत्र में विशेष जनशक्ति को प्रशिक्षित करना और देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन में शामिल स्टार्टअप्स के विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है. यह संगठनात्मक स्तर पर सलाह देने की पेशकश करता है और संस्थानों को डिजाइन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराता है. यह सेमीकंडक्टर में एक मजबूत डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए भारत सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है.

जानिए डिजिटल इंडिया वीक में क्या रहेगा खास : डिजिटल इंडिया वीक के तहत 4 से 6 जुलाई तक गांधीनगर में फिजिकल इवेंट होंगे. यह कार्यक्रम डिजिटल इंडिया की वर्षगांठ मनाएगा और प्रदर्शित करेगा कि कैसे आधार, यूपीआई, कोविन, डिजिलॉकर आदि जैसे सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने नागरिकों के लिए जीवन को आसान बनाया है. यह वैश्विक दर्शकों के लिए भारत के तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करेगा, हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सहयोग और व्यापार के अवसरों का पता लगाएगा और नेक्स्टजेन के लिए अवसरों का खाका पेश करेगा.

यह स्टार्टअप और सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के नेताओं की भागीदारी का गवाह बनेगा. 200 से अधिक स्टालों के साथ एक डिजिटल मेला भी आयोजित किया जा रहा है जो जीवन को आसान बनाने वाले डिजिटल समाधानों को प्रदर्शित करेगा और उन समाधानों को भी प्रदर्शित करेगा जो भारतीय यूनिकॉर्न और स्टार्टअप ने विकसित किए हैं.

पढ़ें- तेलंगाना फतह के लिए BJP-NEC का मंत्र- परिवारवाद पर करो प्रहार

गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आलोचकों को आड़े हाथ लेते हुए सोमवार को कहा कि जब पूरी दुनिया इस बात की चर्चा कर रही थी कि भारत कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के बाद अपने नागरिकों को तत्काल प्रमाणपत्र दे रहा है, तब कुछ लोग केवल ये बातें कर रहे थे कि प्रमाणपत्रों पर उनकी तस्वीर क्यों है. प्रधानमंत्री ने यहां 'डिजिटल इंडिया वीक 2022' का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का नाम लिए बिना उनकी भी आलोचना की जिन्होंने यूपीआई जैसे ऑनलाइन भुगतान के तरीकों का संसद में विरोध किया था.

मोदी ने कहा, 'डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने पिछले आठ साल में देश में जो क्षमता पैदा की है, उसने कोविड-19 महामारी के दौरान हमें बहुत मदद की. हम इसके कारण दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण और राहत अभियान चलाने में सफल रहे.' उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान तकनीक ने समाज के वंचित तबकों को राहत पहुंचाई. उन्होंने कहा, हमने महामारी के दौरान महिलाओं, किसानों, श्रमिकों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये पहुंचाए. 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' की मदद से हमने सुनिश्चित किया कि देश की 80 करोड़ आबादी को मुफ्त राशन बंटे.

मोदी ने कहा कि भारत की डिजिटल तकनीक से संचालित कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को दुनियाभर में प्रशंसा मिली. उन्होंने कहा, 'इतनी बड़ी जनसंख्या को टीके की हर खुराक से बनने वाले रिकॉर्ड से दुनिया अभिभूत थी. अन्य देशों में लोगों को टीकों के प्रमाणपत्र मिलने में समस्या आई. लेकिन भारत में जब किसी व्यक्ति ने खुराक ली तो उसे उसके मोबाइल फोन पर तुरंत प्रमाणपत्र मिल गया.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'दुनिया इस बात की चर्चा कर रही है कि हमने लोगों के टीका लगते ही उन्हें कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र प्रदान करने में कैसे सफलता प्राप्त की, लेकिन यहां (भारत में) कुछ लोगों का ध्यान केवल इस बात पर केंद्रित था इन प्रमाणपत्रों पर मोदी की तस्वीर क्यों है.' कोविड-19 प्रमाणपत्रों पर प्रधानमंत्री की तस्वीर को लेकर कई लोगों ने भाजपा नीत राजग सरकार की आलोचना की. इस बारे में सोशल मीडिया पर मीम और चुटकुले भी देखे गए. केरल उच्च न्यायालय में तो एक याचिका दाखिल कर प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री की तस्वीर होने पर सवाल उठाया गया. मोदी ने संभवत: पहली बार टीका प्रमाणपत्रों पर तस्वीर के विषय पर कुछ कहा है.

उन्होंने यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की लोकप्रियता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह लोगों के बीच काफी सफल रहा. उन्होंने कहा, 'पहले कुछ बड़े स्टोरों में कार्ड स्वैप करके डिजिटल भुगतान की सुविधा थी. लेकिन अब मुझे बताया गया कि बिहार में एक भिखारी ने भी अपना क्यूआर कोड लिया है और वह पैसे डिजिटल तरीके से लेता है.'

प्रधानमंत्री ने डिजिटल भुगतान प्रणाली पर संसद में हुए उनकी सरकार के विरोध को याद करते हुए और परोक्ष रूप से चिदंबरम के संदर्भ में कहा, 'जब हमने संसद में इस योजना को पेश किया तो एक पूर्व वित्त मंत्री ने कई मुद्दे उठा दिए. उन्होंने कहा कि लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं हैं, वे इसका उपयोग कैसे करेंगे. वह बहुत विद्वान हैं. ज्यादा विद्वान लोगों के साथ यह दिक्कत होती है कि वे बहुत ज्यादा विश्लेषण करने लगते हैं.'

भारत ने 'ऑनलाइन' जाकर सभी 'लाइन' को खत्म किया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने विभिन्न सेवाएं मुहैया कराने के लिए 'ऑनलाइन' जाकर सभी 'लाइन' (कतारों) को समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ अगर भारत नई प्रौद्योगिकी को नहीं अपनाएगा, तो यह पिछड़ा रहेगा. उन्होंने कहा कि देश ने तीसरी औद्योगिक क्रांति के दौरान इसका अनुभव किया.

उन्होंने कहा, 'आठ से 10 साल पहले, हमें हर चीज के लिए लाइन (कतारों) में खड़ा होना पड़ता था. हमें जन्म प्रमाणपत्र के लिए, बिल भरने के लिए, राशन के लिए, प्रवेश के लिए, परीक्षा परिणाम के लिए, प्रमाणपत्रों के लिए तथा बैंक में लाइन में खड़ा होना पड़ता था. हम कितनी लाइन में खड़े होते थे? भारत ने 'ऑनलाइन' जाकर सभी 'लाइन' को खत्म कर दिया है.' मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम डिजिटल इंडिया ने गरीबों को भ्रष्टाचार से राहत दी है और वह सभी क्षेत्रों में बिचौलियों को खत्म करने के लिए काम कर रही है. डिजिटल इंडिया वीक 2022 में कई डिजिटल पोर्टल लॉन्च किए किए गए, जानिए आनलॉइन पोर्टल के बारे में.

'डिजिटल इंडिया भाषिणी' : भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच को सक्षम बनाएगी. भारतीय भाषाओं में सामग्री के निर्माण में मदद करेगी. ये क्राउडसोर्सिंग पहल के माध्यम से इन डेटासेट को बनाने के लिए बड़े पैमाने पर नागरिक जुड़ाव को सक्षम बनाएगी.

'डिजिटल इंडिया जेनेसिस' (इनोवेटिव स्टार्टअप्स के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट) - एक नेशनल डीप-टेक स्टार्टअप प्लेटफॉर्म है जो भारत के टियर- II और टियर- III शहरों में सफल स्टार्टअप्स की खोज, समर्थन, विकास और सफल बनाने के लिए है. इस योजना के लिए कुल ₹750 करोड़ के परिव्यय की परिकल्पना की गई है.

IndiaStack.Global : आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, कोविन वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), दीक्षा प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन जैसी इंडिया स्टैक के तहत कार्यान्वित प्रमुख परियोजनाओं का वैश्विक भंडार है. ग्लोबल पब्लिक डिजिटल गुड्स रिपोजिटरी के लिए भारत की यह पेशकश भारत को जनसंख्या पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं के निर्माण में अग्रणी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी और अन्य देशों के लिए बहुत मददगार साबित होगी.

'MyScheme' : सरकारी योजनाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने वाला एक सेवा खोज मंच है. इसका उद्देश्य वन-स्टॉप सर्च और डिस्कवरी पोर्टल की पेशकश करना है जहां उपयोगकर्ता उन योजनाओं को ढूंढ सकते हैं जिनके लिए वे पात्र हैं. वह नागरिकों को 'मेरी पहचान'- एक नागरिक लॉगिन के लिए राष्ट्रीय एकल साइन ऑन भी समर्पित करेंगे. नेशनल सिंगल साइन-ऑन (NSSO) एक उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है जिसमें क्रेडेंशियल का एक सेट कई ऑनलाइन एप्लिकेशन या सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है.

C2S प्रोग्राम : इसका उद्देश्य स्नातक, परास्नातक और अनुसंधान स्तरों पर सेमीकंडक्टर चिप्स के डिजाइन के क्षेत्र में विशेष जनशक्ति को प्रशिक्षित करना और देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन में शामिल स्टार्टअप्स के विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है. यह संगठनात्मक स्तर पर सलाह देने की पेशकश करता है और संस्थानों को डिजाइन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराता है. यह सेमीकंडक्टर में एक मजबूत डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए भारत सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है.

जानिए डिजिटल इंडिया वीक में क्या रहेगा खास : डिजिटल इंडिया वीक के तहत 4 से 6 जुलाई तक गांधीनगर में फिजिकल इवेंट होंगे. यह कार्यक्रम डिजिटल इंडिया की वर्षगांठ मनाएगा और प्रदर्शित करेगा कि कैसे आधार, यूपीआई, कोविन, डिजिलॉकर आदि जैसे सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने नागरिकों के लिए जीवन को आसान बनाया है. यह वैश्विक दर्शकों के लिए भारत के तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करेगा, हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सहयोग और व्यापार के अवसरों का पता लगाएगा और नेक्स्टजेन के लिए अवसरों का खाका पेश करेगा.

यह स्टार्टअप और सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के नेताओं की भागीदारी का गवाह बनेगा. 200 से अधिक स्टालों के साथ एक डिजिटल मेला भी आयोजित किया जा रहा है जो जीवन को आसान बनाने वाले डिजिटल समाधानों को प्रदर्शित करेगा और उन समाधानों को भी प्रदर्शित करेगा जो भारतीय यूनिकॉर्न और स्टार्टअप ने विकसित किए हैं.

पढ़ें- तेलंगाना फतह के लिए BJP-NEC का मंत्र- परिवारवाद पर करो प्रहार

Last Updated : Jul 4, 2022, 10:04 PM IST
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