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Modi-Morrison virtual summit : यूक्रेन में जनहानि के लिए रूस को जवाबदेह ठहराना चाहिए - मॉरिसन - Modi-Morrison virtual summit

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Australian PM Scott Morrison) के साथ वर्चुअल वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. इस दौरान मॉरिसन ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण से हुई जनहानि के लिए रूस को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

Modi-Morrison virtual summit
मोदी-मॉरिसन वर्चुअल समिट
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Published : Mar 21, 2022, 3:45 PM IST

Updated : Mar 21, 2022, 5:59 PM IST

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Australian PM Scott Morrison) ने भारत के अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ डिजिटल शिखर वार्ता में सोमवार को कहा कि रूस के यूक्रेन में 'भयानक' आक्रमण करने के बाद युद्धग्रस्त देश में हुई जनहानि के लिए उसे जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऐसी भयानक घटनाएं कभी न हों. मॉरिसन ने यूक्रेन संकट पर क्वाड देशों के नेताओं की हाल में हुई बैठक का भी जिक्र किया और कहा कि इससे 'हिंद प्रशांत क्षेत्र' के लिए घटनाक्रम के 'असर और परिणामों' पर चर्चा करने का अवसर मिला. इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन द्वारा भारत में विभिन्न क्षेत्रों में 1500 करोड़ रुपये के निवेश पैकेज की घोषणा की गई.

'क्वाड' चार देशों का एक समूह है. इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'हम यूरोप में भयानक स्थिति से व्यथित हैं, हालांकि हमारा ध्यान हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर अधिक है.' वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विविध क्षेत्रों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों में काफी प्रगति देखी गयी है. उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक सहयोग समझौते के लिए वार्ता के नतीजे पर पहुंचना आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अहम होगा.

उन्होंने कहा, 'हमारी भागीदारी मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाती है.' मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खनिज, जल प्रबंधन और अक्षय ऊर्जा के अहम क्षेत्रों में तीव्र गति से सहयोग बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर वार्ता का तंत्र स्थापित होने को लेकर मैं खुश हूं.' मॉरिसन ने यूरोप में 'परेशान करने वाली' और भयानक स्थिति का उल्लेख किया.

ये भी पढ़ें - भारत-ऑस्ट्रेलिया डिजिटल शिखर सम्मेलन, 1500 करोड़ के निवेश की उम्मीद

उन्होंने कहा कि यूक्रेन की तरह घटनाएं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कभी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं उस साझेदारी के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं, जो हमारे बीच है, जबकि हम निश्चित रूप से यूरोप की भयानक स्थिति से व्यथित हैं.' क्वाड देशों के नेताओं ने तीन मार्च को यूक्रेन संकट पर चर्चा के लिए ऑनलाइन बैठक की थी. मॉरिसन ने कहा, 'हमारा क्षेत्र बदलाव और बहुत दबाव का सामना कर रहा है और क्वाड नेताओं की हाल में बैठक हुई थी, जिसमें हमें यूक्रेन पर रूस के गैरकानूनी आक्रमण पर चर्चा करने का अवसर मिला था. हमें अपने लिए उस भयानक घटना के निहितार्थ और परिणामों पर भी विचार-विमर्श करने का मौका भी मिला था.'

उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी उस महत्वाकांक्षा को दर्शाती है, जो दोनों ने साझा की और संबंधों को बनाए रखा. उन्होंने कहा, 'आपसी सहयोग की गति उल्लेखनीय रही है. हमारी इच्छा इस सहयोग को और बढ़ाने की है.'

इस संबंध में भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि आस्ट्रेलिया के पीएम मॉरिसन ने विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर के बारे में विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि इस दौरान पीएम मोदी ने लद्दाख में एलसी पर पिछले साल हुई घटनाओं का उल्लेख किया और जोर देकर कहा कि सीमा क्षेत्र में चीन के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए शांति एक आवश्यक शर्त थी.

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Australian PM Scott Morrison) ने भारत के अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ डिजिटल शिखर वार्ता में सोमवार को कहा कि रूस के यूक्रेन में 'भयानक' आक्रमण करने के बाद युद्धग्रस्त देश में हुई जनहानि के लिए उसे जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऐसी भयानक घटनाएं कभी न हों. मॉरिसन ने यूक्रेन संकट पर क्वाड देशों के नेताओं की हाल में हुई बैठक का भी जिक्र किया और कहा कि इससे 'हिंद प्रशांत क्षेत्र' के लिए घटनाक्रम के 'असर और परिणामों' पर चर्चा करने का अवसर मिला. इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन द्वारा भारत में विभिन्न क्षेत्रों में 1500 करोड़ रुपये के निवेश पैकेज की घोषणा की गई.

'क्वाड' चार देशों का एक समूह है. इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'हम यूरोप में भयानक स्थिति से व्यथित हैं, हालांकि हमारा ध्यान हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर अधिक है.' वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विविध क्षेत्रों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों में काफी प्रगति देखी गयी है. उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक सहयोग समझौते के लिए वार्ता के नतीजे पर पहुंचना आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अहम होगा.

उन्होंने कहा, 'हमारी भागीदारी मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाती है.' मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खनिज, जल प्रबंधन और अक्षय ऊर्जा के अहम क्षेत्रों में तीव्र गति से सहयोग बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर वार्ता का तंत्र स्थापित होने को लेकर मैं खुश हूं.' मॉरिसन ने यूरोप में 'परेशान करने वाली' और भयानक स्थिति का उल्लेख किया.

ये भी पढ़ें - भारत-ऑस्ट्रेलिया डिजिटल शिखर सम्मेलन, 1500 करोड़ के निवेश की उम्मीद

उन्होंने कहा कि यूक्रेन की तरह घटनाएं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कभी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं उस साझेदारी के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं, जो हमारे बीच है, जबकि हम निश्चित रूप से यूरोप की भयानक स्थिति से व्यथित हैं.' क्वाड देशों के नेताओं ने तीन मार्च को यूक्रेन संकट पर चर्चा के लिए ऑनलाइन बैठक की थी. मॉरिसन ने कहा, 'हमारा क्षेत्र बदलाव और बहुत दबाव का सामना कर रहा है और क्वाड नेताओं की हाल में बैठक हुई थी, जिसमें हमें यूक्रेन पर रूस के गैरकानूनी आक्रमण पर चर्चा करने का अवसर मिला था. हमें अपने लिए उस भयानक घटना के निहितार्थ और परिणामों पर भी विचार-विमर्श करने का मौका भी मिला था.'

उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी उस महत्वाकांक्षा को दर्शाती है, जो दोनों ने साझा की और संबंधों को बनाए रखा. उन्होंने कहा, 'आपसी सहयोग की गति उल्लेखनीय रही है. हमारी इच्छा इस सहयोग को और बढ़ाने की है.'

इस संबंध में भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि आस्ट्रेलिया के पीएम मॉरिसन ने विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर के बारे में विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि इस दौरान पीएम मोदी ने लद्दाख में एलसी पर पिछले साल हुई घटनाओं का उल्लेख किया और जोर देकर कहा कि सीमा क्षेत्र में चीन के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए शांति एक आवश्यक शर्त थी.

Last Updated : Mar 21, 2022, 5:59 PM IST
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