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प्रधानमंत्री ने नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान निकालने के लिए नौ साल तक कुछ नहीं किया: राहुल गांधी

Rahul Gandhi : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान नहीं करने का पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नौ साल पहले जो वादा किया था वह नगा लोगों के लिए खोखला वादा था. पढ़िए पूरी खबर... Bharat Jodo Nyay Yatra

Rahul Gandhi
राहुल गांधी
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By PTI

Published : Jan 17, 2024, 6:35 PM IST

कोहिमा : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए उन पर 2015 में प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद नौ साल तक नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान निकालने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया. नगालैंड के मोकोकचुंग शहर में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि नगा लोगों के विश्वास के बिना और उनके साथ चर्चा के बिना समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता.

उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 'अगर आपके पास समाधान नहीं है तो आपको झूठ नहीं बोलना चाहिए और नहीं कहना चाहिए कि आपके पास समाधान है. आप कह सकते हैं कि हमें समाधान की दिशा में काम करना होगा और हम समाधान की दिशा में काम करेंगे लेकिन आपको नगा लोगों से झूठ नहीं बोलना चाहिए.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस समझती है कि मामला गंभीर है और इसका समाधान जरूरी है. प्रारूप समझौते का जिक्र करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने नौ साल पहले जो वादा किया था वह नगा लोगों के लिए खोखला वादा था.'

  • After the Yatra is over, I will come and spend a few days in Nagaland to talk to the people in more detail and understand what your aspirations and dreams are.

    You have a soldier in New Delhi called Rahul Gandhi. If you want me to raise any issue in Parliament, I'm more than… pic.twitter.com/lEH1xbPbi9

    — Congress (@INCIndia) January 17, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मंगलवार को चिफोबोजू में संवाददाता सम्मेलन के दौरान गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी दशकों पुराने नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. नगा विद्रोह 1947 में शुरू हुआ था. दशकों पुरानी समस्या का समाधान तलाशने के लिए, केंद्र 1997 से एनएससीएन-आईएम और 2017 से कम से कम सात समूहों के नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप (एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ अलग-अलग बातचीत कर रहा है.

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ एक प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर किए और 2017 में एनएनपीजी के साथ स्थिति पर सहमति जताई. हालांकि, एनएससीएन-आईएम के नगा के लिए अलग ध्वज और संविधान की मांग पर अड़े रहने के कारण अंतिम समाधान अभी तक नहीं निकला है. कोहिमा जिले के खुजामा गांव से मोकोकचुंग तक सड़क मार्ग से लगभग 180 किमी की यात्रा करने के बाद, गांधी ने कहा कि उन्होंने सड़क की ऊबड़-खाबड़ स्थिति और अनियमित बिजली आपूर्ति देखी.

  • #WATCH | On Naga Accord, Congress MP Rahul Gandhi during his 'Bharat Jodo Nyay Yatra' in Mokokchung, Nagaland says, "I am ashamed that the Indian PM made a commitment to the people of Nagaland 9 years ago but did nothing about it. If you don't have a solution, then you should not… pic.twitter.com/IgCWafy15i

    — ANI (@ANI) January 17, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा, 'युवा नगा देश के बाकी युवाओं से कैसे प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं जिनके पास बेहतर सुविधाएं हैं? यह नगालैंड के लोगों के साथ विश्वासघात है. हम इन सड़कों से नगालैंड के लोगों के लिए सकारात्मक भविष्य लाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?' यह दावा करते हुए कि भारत में वैचारिक युद्ध चल रहा है, कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) देश में विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों पर हमला कर रहे हैं.

उन्होंने दावा किया, 'भारतीय होने के नाते सभी को एक-दूसरे की परंपरा, संस्कृति, खान-पान और धार्मिक प्रथाओं का सम्मान करना चाहिए, लेकिन आरएसएस और भाजपा उन पर हमला कर रहे हैं और उनका अनादर कर रहे हैं.' गांधी ने मणिपुर में महीनों से जारी जातीय संघर्ष के बावजूद राज्य का दौरा नहीं करने को लेकर भी प्रधानमंत्री पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'एक भारतीय के तौर पर मुझे शर्म आती है कि मणिपुर में जो कुछ हुआ उसके बाद प्रधानमंत्री अभी तक वहां नहीं गए हैं.'

राज्य में हिंसा भड़कने के कुछ सप्ताह बाद गांधी ने पिछले साल जून में दो दिन के लिए मणिपुर का दौरा किया था और कई जिलों में राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित लोगों से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि यात्रा का विचार पूरे देश का ध्यान मणिपुर, नगालैंड और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों की ओर लाना है. गांधी ने कहा कि यात्रा पूरी करने के बाद वह नगालैंड वापस आएंगे और युवाओं के साथ उनकी आकांक्षाओं पर बातचीत करने के लिए कुछ और दिन बिताएंगे. कांग्रेस नेता ने घोषणा की कि अब से नगाओं के पास नई दिल्ली में राहुल गांधी नाम का एक सैनिक है.

उन्होंने कहा, 'अगर आप चाहते हैं कि मैं संसद में कोई मुद्दा उठाऊं तो मुझे ऐसा करने में खुशी होगी.' उन्होंने युवाओं, विशेषकर लड़कियों को राजनीति में प्रवेश करने और नगालैंड को भविष्य के लिए एक नया दृष्टिकोण देने को लेकर प्रोत्साहित किया. गांधी तुली में रात्रि विश्राम करेंगे और आगे की अपनी यात्रा के लिए गुरुवार सुबह असम में प्रवेश करेंगे.

ये भी पढ़ें - अयोध्या में 22 जनवरी का कार्यक्रम राजनीतिक, प्रधानमंत्री और आरएसएस पर केंद्रित : राहुल गांधी

कोहिमा : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए उन पर 2015 में प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद नौ साल तक नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान निकालने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया. नगालैंड के मोकोकचुंग शहर में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि नगा लोगों के विश्वास के बिना और उनके साथ चर्चा के बिना समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता.

उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 'अगर आपके पास समाधान नहीं है तो आपको झूठ नहीं बोलना चाहिए और नहीं कहना चाहिए कि आपके पास समाधान है. आप कह सकते हैं कि हमें समाधान की दिशा में काम करना होगा और हम समाधान की दिशा में काम करेंगे लेकिन आपको नगा लोगों से झूठ नहीं बोलना चाहिए.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस समझती है कि मामला गंभीर है और इसका समाधान जरूरी है. प्रारूप समझौते का जिक्र करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने नौ साल पहले जो वादा किया था वह नगा लोगों के लिए खोखला वादा था.'

  • After the Yatra is over, I will come and spend a few days in Nagaland to talk to the people in more detail and understand what your aspirations and dreams are.

    You have a soldier in New Delhi called Rahul Gandhi. If you want me to raise any issue in Parliament, I'm more than… pic.twitter.com/lEH1xbPbi9

    — Congress (@INCIndia) January 17, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मंगलवार को चिफोबोजू में संवाददाता सम्मेलन के दौरान गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी दशकों पुराने नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. नगा विद्रोह 1947 में शुरू हुआ था. दशकों पुरानी समस्या का समाधान तलाशने के लिए, केंद्र 1997 से एनएससीएन-आईएम और 2017 से कम से कम सात समूहों के नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप (एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ अलग-अलग बातचीत कर रहा है.

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ एक प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर किए और 2017 में एनएनपीजी के साथ स्थिति पर सहमति जताई. हालांकि, एनएससीएन-आईएम के नगा के लिए अलग ध्वज और संविधान की मांग पर अड़े रहने के कारण अंतिम समाधान अभी तक नहीं निकला है. कोहिमा जिले के खुजामा गांव से मोकोकचुंग तक सड़क मार्ग से लगभग 180 किमी की यात्रा करने के बाद, गांधी ने कहा कि उन्होंने सड़क की ऊबड़-खाबड़ स्थिति और अनियमित बिजली आपूर्ति देखी.

  • #WATCH | On Naga Accord, Congress MP Rahul Gandhi during his 'Bharat Jodo Nyay Yatra' in Mokokchung, Nagaland says, "I am ashamed that the Indian PM made a commitment to the people of Nagaland 9 years ago but did nothing about it. If you don't have a solution, then you should not… pic.twitter.com/IgCWafy15i

    — ANI (@ANI) January 17, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा, 'युवा नगा देश के बाकी युवाओं से कैसे प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं जिनके पास बेहतर सुविधाएं हैं? यह नगालैंड के लोगों के साथ विश्वासघात है. हम इन सड़कों से नगालैंड के लोगों के लिए सकारात्मक भविष्य लाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?' यह दावा करते हुए कि भारत में वैचारिक युद्ध चल रहा है, कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) देश में विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों पर हमला कर रहे हैं.

उन्होंने दावा किया, 'भारतीय होने के नाते सभी को एक-दूसरे की परंपरा, संस्कृति, खान-पान और धार्मिक प्रथाओं का सम्मान करना चाहिए, लेकिन आरएसएस और भाजपा उन पर हमला कर रहे हैं और उनका अनादर कर रहे हैं.' गांधी ने मणिपुर में महीनों से जारी जातीय संघर्ष के बावजूद राज्य का दौरा नहीं करने को लेकर भी प्रधानमंत्री पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'एक भारतीय के तौर पर मुझे शर्म आती है कि मणिपुर में जो कुछ हुआ उसके बाद प्रधानमंत्री अभी तक वहां नहीं गए हैं.'

राज्य में हिंसा भड़कने के कुछ सप्ताह बाद गांधी ने पिछले साल जून में दो दिन के लिए मणिपुर का दौरा किया था और कई जिलों में राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित लोगों से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि यात्रा का विचार पूरे देश का ध्यान मणिपुर, नगालैंड और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों की ओर लाना है. गांधी ने कहा कि यात्रा पूरी करने के बाद वह नगालैंड वापस आएंगे और युवाओं के साथ उनकी आकांक्षाओं पर बातचीत करने के लिए कुछ और दिन बिताएंगे. कांग्रेस नेता ने घोषणा की कि अब से नगाओं के पास नई दिल्ली में राहुल गांधी नाम का एक सैनिक है.

उन्होंने कहा, 'अगर आप चाहते हैं कि मैं संसद में कोई मुद्दा उठाऊं तो मुझे ऐसा करने में खुशी होगी.' उन्होंने युवाओं, विशेषकर लड़कियों को राजनीति में प्रवेश करने और नगालैंड को भविष्य के लिए एक नया दृष्टिकोण देने को लेकर प्रोत्साहित किया. गांधी तुली में रात्रि विश्राम करेंगे और आगे की अपनी यात्रा के लिए गुरुवार सुबह असम में प्रवेश करेंगे.

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