नई दिल्ली : कोविड -19 के कारण देश भर में कई पत्रकारों की मौत का मामला उठाते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है कि पत्रकारों और उनके परिवारों के सदस्यों को उचित उपचार मुहैया कराए जाएं.
याचिका में सभी पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को 'अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं' के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया गया है ताकि उन्हें भी विभिन्न लाभ मिल सकें.
यह याचिका कोटा नीलिमा द्वारा दायर की गई है, जो इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की निदेशक हैं तथा उसकी मीडिया पहल 'रेट द डिबेट' है. याचिका में कोविड महामारी के दौरान आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के वितरण से संबंधित चल रहे स्वत: संज्ञान वाले मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है.
कोविड से 253 पत्रकारों की मौत
याचिका में कहा गया है कि कोविड -19 के कारण 253 पत्रकारों की मौतें हुई हैं और इनकी पुष्टि हो चुकी है तथा 93 मौतों की पुष्टि नहीं हुई है. ये मौतें एक अप्रैल 2020 से 19 मई 2021 के बीच हुई हैं.
आवेदन में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि महामारी के दौरान निजी और सरकारी अस्पतालों में पत्रकारों को मुफ्त इलाज और उनके खर्च के भुगतान के लिए सरकार को निर्देश दिया जाए.
अधिवक्ता लुबना नाज़ के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पत्रकार कल्याण योजना के तहत उन पत्रकारों के परिवारों की तत्काल मदद के लिए विशेष अभियान शुरू किया है, जिनकी कोविड के कारण मृत्यु हो गई.
पढ़ें-निरर्थक मामलों से राष्ट्रीय महत्व के मामलों की सुनवाई में विलंब होता है: SC
इसमें कहा गया है कि इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए मान्यता की आवश्यकता होती है और यह पत्रकारों के लिए सबसे बड़ी बाधा साबित हुई है.
(पीटीआई-भाषा)