नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट सोमवार को नोएडा स्थित एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (AOR), संजय कुमार पाठक द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा. इस याचिका में कोविड-19 महामारी संबंधी दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने और उनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश देने की मांग की गई है.
हाल में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और कुंभ मेले के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया था.
न्यायमूर्ति डॉ धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत के तीन-न्यायाधीशों न्यायमूर्ति नागेश्वर राव और रवींद्र भट की पीठ अधिवक्ता पाठक की याचिका पर सुनवाई करेंगे. पाठक ने16 अप्रैल को यह याचिका दायर की थी.
पाठक ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में भारत के संघ (UOI) और उत्तराखंड राज्य को तत्काल सख्त निर्देश देने की मांग की थी, साथ ही हरिद्वार सरकार को कुंभ के लिए लोगों को आमंत्रित करने वाले सभी विज्ञापनों को वापस लेने के लिए निर्देश देने को कहा था. इस दौरान उन्होंने कुछ चिंताजनक तथ्य भी पेश किए.
उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्र, उत्तराखंड सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को निर्देश दे कि हरिद्वार शहर से भीड़ को जल्द से जल्द हटाएं और कुंभ से लौटने वाले लोगों के सम्मान के साथ एक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें.
याचिकाकर्ता ने शीर्ष न्यायालय से केंद्र और राज्य सरकार के लिए निर्देश मांगा कि वह भारतीय संघ और NDMA द्वारा जारी आदेशों के साथ असंगत किसी भी सभा या आयोजन को प्रोत्साहित या बढ़ावा न दे.
एक अन्य निर्देश याचिका के माध्यम से कहा गया है कि चुनाव आयोग (ECI) को उन राज्यों में संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी करना चाहिए जहां चुनाव प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों, प्रचारकों और जनता के खिलाफ कोविड के दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए चुनावों की घोषणा की जा रही है और कानून के अनुसार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें.
पाठक ने अपनी याचिका में, जिसकी एक प्रति मीडिया द्वारा एक्सेस की गई थी ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करने और कानून के अनुसार उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों से निर्देश मांगे.
पाठक ने अपनी याचिका में कहा कि16 अप्रैल, 2021 को भारत ने कोविड-19 सकारात्मक रोगियों के 2 लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए. कई राज्यों में स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा चरमरा रहा है. अस्पताल और श्मशान में जगह नहीं रही है. कई शहरों से आवश्यक दवाओं की कमी की सूचना आ रही है.
केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु, असम और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव हुए. पाठक ने अपनी याचिका में कहा कि प्रतिवादी संख्या4 में कहा कि चुनाव आयोग कोविड -19 नियम और नियमों को लागू करने में सक्षम नहीं था.
पाठक ने अपनी याचिका में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री, संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्टार प्रचारकों को चुनावी रैलियों के दौरान कोविड -19 नियमों की धज्जियां उड़ाते देखा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह कि कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से भारत कोविड -19 में अपने उच्चतम उछाल का गवाह बना. इस दौरान उत्तराखंड में कुंभ मेले के लिए और राज्यों में चुनावी रैलियों में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जो कोविड 19 प्रोटोकॉल की सबसे बुनियादी अनदेखी थी.
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उन्होंने कहा कि रोग वर्तमान में देश भर में गति से फैल रहा था, लेकिन इसके बावजूद भारतीय रेलवे ने तीर्थयात्रियों के लिए हरिद्वार कुंभ मेला को विभिन्न स्थानों से जोड़ने के लिए 25 विशेष ट्रेनों का आयोजन किया था.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आम नागरिकों पर कोविड -19 के बढ़ते प्रसार को दोषी ठहराते हुए कहा कि वे बहुत लापरवाह हो गए थे और अब सोशल डिस्टेंसिंग मानदंड का पालन नहीं कर रहे थे,
पाठक ने याचिका में कहा कि एक ओर सड़क पर गरीब लोगों को अक्सर पुलिस अधिकारियों द्वारा कोविड -19 नियमों पालन न करने पर दंडित किया जाता है और दूसरी ओर, कुंभ-2021 और चुनाव रैलियों जैसी घटनाओं में लोगों की भीड़ बुलाई जाती है.