नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बल तैनात करने की अपील की गई है. एडवोकेट स्टालिन भास्करन की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि केरल सरकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मुल्लापेरियार बांध को तोड़ने की आशंका के मद्देनजर बांध की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार मुल्लापेरियार बांध पर केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात करे.
याचिका में कहा गया है कि बांध तमिलनाडु में लाखों लोगों को सहारा है. ऐसा कोई राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय अध्ययन नहीं है जो कहता है कि जल स्तर का बढ़ना बांध के लिए खतरनाक है. केवल भूकंप से खतरा है और वह भी यदि रिक्टर पैमाने पर उसकी तीव्रता 6 से अधिक हो.
भास्करन की याचिका में कहा गया है कि पूरा परिवार खेती पर निर्भर है. उनका जीवन और उनके गांव मुल्लापेरियार के लोगों की जीवन यापन बांध के पानी पर निर्भर है. उनका तर्क है कि केरल सरकार और राजनीतिक दलों के झूठे प्रचार के कारण तमिलनाडु के लोग पीने के पानी या कृषि जल के अपने अधिकारों को नहीं खो सकते हैं. उनका कहना है कि आंदोलनकारी बेवजह भय का माहौल बना रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु को बांध रखरखाव का अधिकार है और सुरक्षा प्रदान करना केरल सरकार की जिम्मेदारी है. लेकिन केरल पुलिस तमिलनाडु के अधिकारियों को बांध तक पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है, जो रखरखाव में बाधा उत्पन्न कर रहा है.
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राजनीतिक दलों के आंदोलनकारी मुल्लापेरियार को बंद करने और बिना किसी वैध कारण के नए बांध के निर्माण की मांग कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि केरल सरकार, राजनीतिक दल और सामाजिक कार्यकर्ता व्यक्तिगत हित में मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा को लेकर जनता में दहशत फैला रहे हैं. बांध पर हिंसक गतिविधियों को देखते हुए यह जरूरी है कि केंद्रीय बलों को मुल्लापेरियार बांध पर तुरंत तैनात किया जाए. ताकि किसी भी व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले विनाशकारी कार्यों को रोकने में मदद मिल सके.
केरल में जलाशय का जलस्तर बढ़ा, 8 शटर उठाए गए
तमिलनाडु ने मुल्लापेरियार जलाशय के पांच शटर बंद करने के एक दिन बाद ही बुधवार को जलाशय के आठ शटर खोल दिए, क्योंकि रात भर हुई भारी बारिश ने वहां जलस्तर बढ़ा दिया. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को एक पत्र लिखा है, जिन्होंने दोनों राज्यों के हितों की रक्षा करने का आश्वासन दिया है.