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जेब पर भारी पड़ रहा ATM, सुविधा के नाम पर वसूले जा रहे 24 रुपये - जेब पर भारी पड़ रहा ATM

फरीदाबाद में स्थित आधे से ज्यादा एटीएम खराब पड़े हैं या फिर उनमें कैश नहीं है जिसकी वजह से स्थानीय लोग काफी परेशान है. लोगों का ये भी कहना है कि अन्य बैंक के एटीएम से ट्रांजैक्शन करते पर खाते से शुल्क के नाम पर 24 रुपये काट लिए जाते हैं जो की गलत है.

जेब पर भारी पड़ रहा ATM
जेब पर भारी पड़ रहा ATM
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Published : Dec 2, 2020, 11:37 AM IST

फरीदाबाद: आज के आधुनिक युग में हर किसी की जेब में नगदी हो ना हो लेकिन एटीएम कार्ड जरूर होगा, जिसकी मदद से वो अपनी सहूलियत के हिसाब से एटीएम से रुपये निकाल कर भुगतान कर सकता है.

एटीएम कार्ड की सबसे ज्यादा जरूरत त्योहारी सीजन या फिर शादियों के समय होती है, इस वक्त में आप जब चाहे तब रुपये निकाल कर खर्च कर सकते हैं लेकिन, इन दिनों फरीदाबाद में एटीएम कार्ड का इस्तमाल करने वाले ज्यादातर लोग बेहद परेशान है.

जेब पर भारी पड़ रहा एटीएम.

ट्रांजैक्शन के नाम पर 24 रुपये शुल्क कटने से परेशान लोग

लोगों का कहना है कि शहर में लगे आधे से ज्यादा एटीएम में रुपये नहीं होते हैं तो, कुछ एटीएम खराब पड़े हैं अगर उनके बैंक के अलावा किसी अन्य बैंक के एटीएम से ट्रांजैक्शन की जाए तो, खाते से शुल्क के नाम पर 24 रुपये काट लिए जाते हैं, जिससे आम नागरिक काफी परेशान है.

लोगों का कहना है कि जनता की सहूलियत के लिए बैंक के द्वारा एटीएम मशीनें प्रदान की जाती हैं, जिससे कोई भी खाताधारक कहीं से भी अपने खाते से पैसा निकाल सके. जब हम किसी दूसरे बैंक का एटीएम मशीन यूज करते हैं तो इससे हमारे बैंक की मोटी कमाई होती है.

दूसरे एटीएम यूज करने से बैंकों को मोटी कमाई

दरअसल हर बैंक अपने उपभोक्ता को पांच निशुल्क नकदी निकलने की सुविधा देता है यानी कि उपभोक्ता पांच बार किसी दूसरे बैंक की एटीएम मशीन से बिना किसी शुल्क के पैसा निकाल सकता है, लेकिन इन ट्रांजैक्शन के खत्म होने के बाद जब उपभोक्ता अपने बैंक से संबंधित एटीएम का प्रयोग ना करके दूसरे बैंक के एटीएम का प्रयोग करता है तो 5,000 रुपये के ट्रांजैक्शन पर उससे 24 रुपये वसूल लिए जाते हैं. इन पैसों का उपभोक्ता को कोई फायदा नहीं होता ना ही उसे कोई सुविधा मिलती है.

पढ़ें : असम में अरुणोदय योजना की शुरुआत, 17 लाख परिवारों को मिलेगा लाभ

बैंक उपभोक्ताओं ने कहा कि जब भी किसी बैंक की अपनी एटीएम मशीन में पैसा ना हो या फिर उसमें किसी और प्रकार की समस्या हो तो उसकी जिम्मेदारी बैंक को तय करनी चाहिए और उनकी मशीन में समस्या होने पर उपभोक्ता के खाते से पैसे नहीं कटने चाहिए इसकी जवाबदेही भी बैंक की ही होनी चाहिए.

बैंक के उपभोक्ताओं का मानना है कि शुल्क के नाम पर लिए जाना वाला ही पैसा नहीं काटा जाना चाहिए क्योंकि इसके बदले उनको कोई सुविधा नहीं मिलती और उनकी मजबूरी है कि उनको दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालना पड़ता है.

फरीदाबाद: आज के आधुनिक युग में हर किसी की जेब में नगदी हो ना हो लेकिन एटीएम कार्ड जरूर होगा, जिसकी मदद से वो अपनी सहूलियत के हिसाब से एटीएम से रुपये निकाल कर भुगतान कर सकता है.

एटीएम कार्ड की सबसे ज्यादा जरूरत त्योहारी सीजन या फिर शादियों के समय होती है, इस वक्त में आप जब चाहे तब रुपये निकाल कर खर्च कर सकते हैं लेकिन, इन दिनों फरीदाबाद में एटीएम कार्ड का इस्तमाल करने वाले ज्यादातर लोग बेहद परेशान है.

जेब पर भारी पड़ रहा एटीएम.

ट्रांजैक्शन के नाम पर 24 रुपये शुल्क कटने से परेशान लोग

लोगों का कहना है कि शहर में लगे आधे से ज्यादा एटीएम में रुपये नहीं होते हैं तो, कुछ एटीएम खराब पड़े हैं अगर उनके बैंक के अलावा किसी अन्य बैंक के एटीएम से ट्रांजैक्शन की जाए तो, खाते से शुल्क के नाम पर 24 रुपये काट लिए जाते हैं, जिससे आम नागरिक काफी परेशान है.

लोगों का कहना है कि जनता की सहूलियत के लिए बैंक के द्वारा एटीएम मशीनें प्रदान की जाती हैं, जिससे कोई भी खाताधारक कहीं से भी अपने खाते से पैसा निकाल सके. जब हम किसी दूसरे बैंक का एटीएम मशीन यूज करते हैं तो इससे हमारे बैंक की मोटी कमाई होती है.

दूसरे एटीएम यूज करने से बैंकों को मोटी कमाई

दरअसल हर बैंक अपने उपभोक्ता को पांच निशुल्क नकदी निकलने की सुविधा देता है यानी कि उपभोक्ता पांच बार किसी दूसरे बैंक की एटीएम मशीन से बिना किसी शुल्क के पैसा निकाल सकता है, लेकिन इन ट्रांजैक्शन के खत्म होने के बाद जब उपभोक्ता अपने बैंक से संबंधित एटीएम का प्रयोग ना करके दूसरे बैंक के एटीएम का प्रयोग करता है तो 5,000 रुपये के ट्रांजैक्शन पर उससे 24 रुपये वसूल लिए जाते हैं. इन पैसों का उपभोक्ता को कोई फायदा नहीं होता ना ही उसे कोई सुविधा मिलती है.

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बैंक उपभोक्ताओं ने कहा कि जब भी किसी बैंक की अपनी एटीएम मशीन में पैसा ना हो या फिर उसमें किसी और प्रकार की समस्या हो तो उसकी जिम्मेदारी बैंक को तय करनी चाहिए और उनकी मशीन में समस्या होने पर उपभोक्ता के खाते से पैसे नहीं कटने चाहिए इसकी जवाबदेही भी बैंक की ही होनी चाहिए.

बैंक के उपभोक्ताओं का मानना है कि शुल्क के नाम पर लिए जाना वाला ही पैसा नहीं काटा जाना चाहिए क्योंकि इसके बदले उनको कोई सुविधा नहीं मिलती और उनकी मजबूरी है कि उनको दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालना पड़ता है.

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