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उत्तराखंड में महकी केसर की खुशबू, पीरूमदारा के किसान की मेहनत रंग लाई

एक ओर किसान कृषि बिलों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ प्रगतिशील किसान खेती की नई राह खोज रहे हैं. पीरूमदारा के हरदीप सिंह ने केसर की खेती से इलाके को महका दिया है.

Saffron Cultivation News
कश्मीर के केसर की खेती उत्तराखंड में भी.
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Published : Apr 5, 2021, 2:19 PM IST

Updated : Apr 7, 2021, 4:18 PM IST

रामगनर : रामनगर के ग्राम ख्वाजपुर पिरूमदारा निवासी हरदीप सिंह ने कम मुनाफा दे रही पारंपरिक खेती को छोड़कर केसर की खेती शुरू की है. हरदीप ने पिछले साल अक्टूबर में अपने एक बीघा खेत में 100 ग्राम केसर के बीज बोए. उनकी मेहनत अब खेत में केसर की खुशबू से महक रही है.

कश्मीर के केसर की खेती उत्तराखंड में भी.

हरदीप ने गेहूं धान व गन्ने की फसल से हटकर अपनी जमीन में केसर की खेती शुरू की है. उन्होंने बताया कि राजस्थान में रहने वाले उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें केसर की खेती करने की सलाह दी थी. जिसके बाद उन्होंने अपनी 1 बीघा जमीन पर पिछले वर्ष अक्टूबर में केसर का बीज बोया था. केसर की खेती अप्रैल में पूरी तैयार हो जाएगी. उन्होंने बताया कि एक बीघा जमीन में उन्होंने 100 ग्राम केसर का बीज बोया था. हरदीप सिंह ने बताया कि केसर का बाजार भाव 1000 से 1500 रुपए प्रति 10 ग्राम तक है. यह भाव इससे भी अधिक बढ़ने की संभावना रहती है.

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कश्मीर के केसर की खेती उत्तराखंड में भी.

केसर की खेती करने के बाद वह काफी खुश हैं. उन्होंने किसानों से भी अपील की है वह भी अपनी जमीन पर केसर की खेती शुरू करने के साथ ही अपना जीवन-यापन भी सही ढंग से कर सकते हैं. हरदीप ने बताया कि केसर का दाम उन्हें अन्य फसलों से अधिक मिलेगा. उन्होंने कहा कि जो किसान केसर की खेती करना चाहते हैं उन्हें बीज भी उपलब्ध कराएंगे. हरदीप ने कहा कि मेरी केसर की फसल लेने के लिए कई कंपनियों के फोन आ रहे हैं. कंपनियां उनसे केसर की फसल लेना चाह रही हैं. हरदीप गर्व के साथ कह रहे हैं कि वो केसर की खेती करने वाले उत्तराखंड के पहले किसान हैं.

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कश्मीर के केसर की खेती उत्तराखंड में भी.

हरदीप ने अपने खेतों में केसर बोई और और अब उसकी फसल लहलहा रही है तो आसपास के इलाकों में भी वो चर्चित हो गए हैं. कई लोग आकर उनसे केसर की खेती के बारे में जानकारी ले रहे हैं. कोई इसका मुनाफा जानना चाहता है तो कोई इसी खेती में भविष्य तलाश रहा है.

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कश्मीर के केसर की खेती उत्तराखंड में भी.

हरदीप की केसर की खेती देखने पहुंचे स्थानीय निवासी व किसान हरीश खंतवाल कहते हैं कि हरदीप जी ने ये फसल लगाकर पूरे क्षेत्र में एक आशा की किरण जला दी है. हम भी आज इनके पास खेती को लगाने के गुर सीखने के लिए आए हैं. उन्होंने कहां अगर हरदीप जी को इसमें फायदा होता है तो हम भी इस फसल को लगाने की सोच रहे हैं.

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केसर है वहुत उपयोगी

पढ़ें: लॉकडाउन में रामनगर लौटे राजेश ने शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती, लिखी तरक्की की नई इबारत

वहीं, इस विषय में कोऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने कहा कि आज से पहले केसर की फसल के बारे में केवल जम्मू और कश्मीर में सुना था. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के रामनगर में भी हरदीप सिंह ने केसर की फसल की शुरुआत की है. ये उत्तराखंड के लिए बहुत बड़ी बात है.

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बहुत काम की चीज है केसर.

उन्होंने कहा कि किसान कुछ समय में हमारी सहकारिता के माध्यम से भी यदि केसर की खेती करना चाहेंगे तो उनको हम ब्याज मुक्त ऋण भी प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए लिया जा रहा है कि हरदीप की तरह और किसान भी उत्तराखंड में केसर की खेती की शुरुआत कर ज्यादा मुनाफा कमाएं.

रामगनर : रामनगर के ग्राम ख्वाजपुर पिरूमदारा निवासी हरदीप सिंह ने कम मुनाफा दे रही पारंपरिक खेती को छोड़कर केसर की खेती शुरू की है. हरदीप ने पिछले साल अक्टूबर में अपने एक बीघा खेत में 100 ग्राम केसर के बीज बोए. उनकी मेहनत अब खेत में केसर की खुशबू से महक रही है.

कश्मीर के केसर की खेती उत्तराखंड में भी.

हरदीप ने गेहूं धान व गन्ने की फसल से हटकर अपनी जमीन में केसर की खेती शुरू की है. उन्होंने बताया कि राजस्थान में रहने वाले उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें केसर की खेती करने की सलाह दी थी. जिसके बाद उन्होंने अपनी 1 बीघा जमीन पर पिछले वर्ष अक्टूबर में केसर का बीज बोया था. केसर की खेती अप्रैल में पूरी तैयार हो जाएगी. उन्होंने बताया कि एक बीघा जमीन में उन्होंने 100 ग्राम केसर का बीज बोया था. हरदीप सिंह ने बताया कि केसर का बाजार भाव 1000 से 1500 रुपए प्रति 10 ग्राम तक है. यह भाव इससे भी अधिक बढ़ने की संभावना रहती है.

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कश्मीर के केसर की खेती उत्तराखंड में भी.

केसर की खेती करने के बाद वह काफी खुश हैं. उन्होंने किसानों से भी अपील की है वह भी अपनी जमीन पर केसर की खेती शुरू करने के साथ ही अपना जीवन-यापन भी सही ढंग से कर सकते हैं. हरदीप ने बताया कि केसर का दाम उन्हें अन्य फसलों से अधिक मिलेगा. उन्होंने कहा कि जो किसान केसर की खेती करना चाहते हैं उन्हें बीज भी उपलब्ध कराएंगे. हरदीप ने कहा कि मेरी केसर की फसल लेने के लिए कई कंपनियों के फोन आ रहे हैं. कंपनियां उनसे केसर की फसल लेना चाह रही हैं. हरदीप गर्व के साथ कह रहे हैं कि वो केसर की खेती करने वाले उत्तराखंड के पहले किसान हैं.

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कश्मीर के केसर की खेती उत्तराखंड में भी.

हरदीप ने अपने खेतों में केसर बोई और और अब उसकी फसल लहलहा रही है तो आसपास के इलाकों में भी वो चर्चित हो गए हैं. कई लोग आकर उनसे केसर की खेती के बारे में जानकारी ले रहे हैं. कोई इसका मुनाफा जानना चाहता है तो कोई इसी खेती में भविष्य तलाश रहा है.

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कश्मीर के केसर की खेती उत्तराखंड में भी.

हरदीप की केसर की खेती देखने पहुंचे स्थानीय निवासी व किसान हरीश खंतवाल कहते हैं कि हरदीप जी ने ये फसल लगाकर पूरे क्षेत्र में एक आशा की किरण जला दी है. हम भी आज इनके पास खेती को लगाने के गुर सीखने के लिए आए हैं. उन्होंने कहां अगर हरदीप जी को इसमें फायदा होता है तो हम भी इस फसल को लगाने की सोच रहे हैं.

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केसर है वहुत उपयोगी

पढ़ें: लॉकडाउन में रामनगर लौटे राजेश ने शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती, लिखी तरक्की की नई इबारत

वहीं, इस विषय में कोऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने कहा कि आज से पहले केसर की फसल के बारे में केवल जम्मू और कश्मीर में सुना था. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के रामनगर में भी हरदीप सिंह ने केसर की फसल की शुरुआत की है. ये उत्तराखंड के लिए बहुत बड़ी बात है.

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बहुत काम की चीज है केसर.

उन्होंने कहा कि किसान कुछ समय में हमारी सहकारिता के माध्यम से भी यदि केसर की खेती करना चाहेंगे तो उनको हम ब्याज मुक्त ऋण भी प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए लिया जा रहा है कि हरदीप की तरह और किसान भी उत्तराखंड में केसर की खेती की शुरुआत कर ज्यादा मुनाफा कमाएं.

Last Updated : Apr 7, 2021, 4:18 PM IST
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