नई दिल्ली : पार्टी छोड़ने के बाद पीसी चाको पूरी तरह से बगावत के मूड में दिखे. उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को भी नहीं बख्शा और आरोप लगाया कि केरल इकाई में चल रही गुटबाजी पर आलाकमान मूकदर्शक बना हुआ है. इस्तीफे के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है.
चाको ने कहा कि केरल में कांग्रेस पार्टी नहीं है, बल्कि केरल कांग्रेस के भीतर दो समूह हैं. शीर्ष नेता ने कहा कि दुर्भाग्य से हाईकमान भी दोनों समूहों की राय से सहमत है. उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत परेशान करने वाला और निराशाजनक है. मैंने हाईकमान के हस्तक्षेप की मांग की, लेकिन सफलता नहीं मिली. हाईकमान भी इस स्थिति का मूक गवाह है.
चाको पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी और नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला के नेतृत्व में केरल कांग्रेस में दो प्रमुख समूहों का उल्लेख कर रहे थे. हालांकि, उन्होंने अपने भविष्य के बारे में अभी कुछ साझा नहीं किया है. जब उनसे भविष्य के राजनीतिक करियर के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि एक राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते मुझे राजनीति में दिलचस्पी होगी. लेकिन अभी मुझे किसी भी राजनीतिक दल से कोई लगाव नहीं है.
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चाको ने यह भी आरोप लगाया कि आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नाम का चयन करते समय दोनों समूहों के अलावा किसी से भी सलाह नहीं ली जा रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई आंतरिक लोकतंत्र नहीं बचा है. यदि आप कांग्रेस में किसी समूह के हैं, तो केवल आप ही बचेंगे. दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाईकमान भी इन समूहों द्वारा दिए गए प्रस्तावों से सहमत है.