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संसदीय समिति ने पुलिस के बुनियादी ढांचा विकास के लिए बजट आवंटन की कमी पर जताई हैरानी - गृह मंत्रालय ने दी सूचना

संसदीय समिति ने पुलिस और सुरक्षा के बुनियादी ढांचे के लिए गृह मंत्रालय द्वारा खर्च कटौती करने पर हैरानी जताई है. समिति ने आवंटन को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय के सामने यह मुद्दा उठाने का सुझाव भी दिया है.

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Published : Mar 22, 2021, 10:07 PM IST

नई दिल्ली : संसदीय समिति ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पुलिस और सुरक्षा के बुनियादी ढांचे के विकास पर किया जाने वाला आवंटन बीई 2020-21 में 4,124.61 करोड़ रुपये से घटाकर 3612.29 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इससे कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में बाधा उत्पन्न होगी.

समिति ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान धन का कम उपयोग होगा. गौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनजर उभरती और बदलती प्राथमिकताओं के अनुसार संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने और सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों पर अभूतपूर्व मांग के चलते वित्तीय वर्ष 2020-21 में नए प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिली है.

खर्च सीमित करने के निर्देश

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित राजकोषीय नियंत्रण आधारित व्यय प्रबंधन दिशानिर्देशों के अनुपालन में सीएपीएफ को सलाह दी गई कि वह राशन की लागत और वेतन को छोड़कर पहली और दूसरी तिमाही में बीई 2020-21 के 10 प्रतिशत की सीमा के भीतर अपने खर्च को सीमित करे.

बुनियादी ढांचा परियोजना में बाधा

गृह मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्षता करते हुए कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने नोट किया कि कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण देशभर में श्रमिकों और सामग्री की कमी थी. जिसके परिणामस्वरूप बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए कम खर्च किया गया.

गृह मंत्रालय ने दी सूचना

समिति को गृह मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था कि कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए, सरकार ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही श्रमिकों, वस्तुओं, निर्माण आदि की गतिविधियों सहित सभी गतिविधियों पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिए थे. गृह मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, कुछ निर्माण गतिविधियों को मई 2020 के महीने से अनुमति दी गई थी, लेकिन समग्र प्रतिक्रिया शुरू नहीं हो पाई.

इन संस्थाओं पर होना है खर्च

यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटित धन सीएपीएफ, सीएपीएफ-चिकित्सा विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID), खुफिया ब्यूरो (IB), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा आवासीय और कार्यालय भवनों के निर्माण के लिए है. साथ ही पुलिस प्रशिक्षण संस्थान, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) और दिल्ली पुलिस के लिए भी था.

दिल्ली पुलिस आवास मामला

विडंबना है कि संसदीय समिति यह भी नोट करती है कि दिल्ली पुलिसकर्मियों की वर्तमान आवास संतुष्टि का स्तर केवल 19.53 प्रतिशत है. समिति ने कहा कि उचित आवास के अभाव में दिल्ली पुलिस के कर्मचारी फरीदाबाद, गुरुग्राम आदि से सटे इलाकों में रहते हैं. जबकि उन्हें आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया देनी होती है.

यह भी पढ़ें-लोकसभा ने राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

समिति ने दिल्ली पुलिस के मामले को उठाने और पुलिसकर्मियों के लिए आवास की संख्या बढ़ाने के लिए वार्षिक लक्ष्य बनाने के लिए गृह मंत्रालय को सुझाव दिया है.

नई दिल्ली : संसदीय समिति ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पुलिस और सुरक्षा के बुनियादी ढांचे के विकास पर किया जाने वाला आवंटन बीई 2020-21 में 4,124.61 करोड़ रुपये से घटाकर 3612.29 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इससे कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में बाधा उत्पन्न होगी.

समिति ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान धन का कम उपयोग होगा. गौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनजर उभरती और बदलती प्राथमिकताओं के अनुसार संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने और सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों पर अभूतपूर्व मांग के चलते वित्तीय वर्ष 2020-21 में नए प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिली है.

खर्च सीमित करने के निर्देश

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित राजकोषीय नियंत्रण आधारित व्यय प्रबंधन दिशानिर्देशों के अनुपालन में सीएपीएफ को सलाह दी गई कि वह राशन की लागत और वेतन को छोड़कर पहली और दूसरी तिमाही में बीई 2020-21 के 10 प्रतिशत की सीमा के भीतर अपने खर्च को सीमित करे.

बुनियादी ढांचा परियोजना में बाधा

गृह मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्षता करते हुए कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने नोट किया कि कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण देशभर में श्रमिकों और सामग्री की कमी थी. जिसके परिणामस्वरूप बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए कम खर्च किया गया.

गृह मंत्रालय ने दी सूचना

समिति को गृह मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था कि कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए, सरकार ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही श्रमिकों, वस्तुओं, निर्माण आदि की गतिविधियों सहित सभी गतिविधियों पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिए थे. गृह मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, कुछ निर्माण गतिविधियों को मई 2020 के महीने से अनुमति दी गई थी, लेकिन समग्र प्रतिक्रिया शुरू नहीं हो पाई.

इन संस्थाओं पर होना है खर्च

यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटित धन सीएपीएफ, सीएपीएफ-चिकित्सा विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID), खुफिया ब्यूरो (IB), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा आवासीय और कार्यालय भवनों के निर्माण के लिए है. साथ ही पुलिस प्रशिक्षण संस्थान, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) और दिल्ली पुलिस के लिए भी था.

दिल्ली पुलिस आवास मामला

विडंबना है कि संसदीय समिति यह भी नोट करती है कि दिल्ली पुलिसकर्मियों की वर्तमान आवास संतुष्टि का स्तर केवल 19.53 प्रतिशत है. समिति ने कहा कि उचित आवास के अभाव में दिल्ली पुलिस के कर्मचारी फरीदाबाद, गुरुग्राम आदि से सटे इलाकों में रहते हैं. जबकि उन्हें आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया देनी होती है.

यह भी पढ़ें-लोकसभा ने राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

समिति ने दिल्ली पुलिस के मामले को उठाने और पुलिसकर्मियों के लिए आवास की संख्या बढ़ाने के लिए वार्षिक लक्ष्य बनाने के लिए गृह मंत्रालय को सुझाव दिया है.

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