नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट, कलकत्ता होई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है, जिसमें राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को पंचायत चुनाव के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की मांग करने और उन्हें तैनात करने का निर्देश दिया गया था. वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सोमवार को इस मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की.
एसईसी की ओर से पेश अरोड़ा ने कहा कि आदेश के खिलाफ अपील पिछले शुक्रवार को दायर की गई थी, लेकिन उस पर सुनवाई नहीं हुई. दरअसल, हाई कोर्ट ने 15 जून को एसईसी को 48 घंटे के भीतर पंचायत चुनाव के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की मांग करने और तैनात करने का निर्देश दिया था. अदालत ने कहा था कि चुनाव प्रक्रिया के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय बलों को तैनात करने के लिए 13 जून को उसके द्वारा आदेश पारित किए जाने के बाद से अब तक कोई सराहनीय कदम नहीं उठाया गया है.
होई कोर्ट ने एसईसी को राज्य के सभी जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करने का निर्देश दिया था, जो 8 जुलाई के पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने को लेकर हिंसा से प्रभावित थे. यह देखते हुए कि आजतक कानून और व्यवस्था के दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं. एसईसी की दलील दी थी कि ऐसा करने में कुछ दिन और लग सकते हैं. इस पर अदालत ने कहा था कि किसी भी तरह की प्रतीक्षा की जा रही है. लंबे समय तक स्थिति को और अधिक नुकसान पहुंचाएगा और चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता की रक्षा करने में सहायता नहीं करेगा.
उच्च न्यायालय ने केंद्र को आवश्यक संख्या में केंद्रीय बलों को तैनात करने का निर्देश दिया था और इसका खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी और इसका कोई हिस्सा राज्य को नहीं देना होगा. अदालत ने 13 जून को एसईसी द्वारा संवेदनशील घोषित क्षेत्रों और जिलों में तत्काल केंद्रीय बलों की मांग और तैनाती का निर्देश दिया था. एसईसी को इसके बाद राज्य द्वारा प्रस्तुत मूल्यांकन योजना की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया था और जहां भी राज्य पुलिस बल की अपर्याप्तता है, अर्धसैनिक बल तैनात किया जाएगा.
भाजपा के शुभेंदु अधिकारी और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी सहित विपक्षी नेताओं ने शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि जिसमें कहा गया था कि राज्य में 2021 में कोलकाता नगर निगम चुनाव और 2022 में नगर निकाय चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. उन्होंने यह दावा करते हुए नामांकन की अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए भी प्रार्थना की थी कि दिया गया समय पर्याप्त नहीं था. अदालत ने प्रार्थना पर विचार करने के लिए इसे एसईसी पर छोड़ दिया था.
(पीटीआई)