नई दिल्ली : महामारी के दौरान तीन लाख से अधिक लोगों की मौत हाे गई है. आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण से पता चला है कि अपनी जान गंवाने वाले 58 फीसदी लोग संक्रमित होने से पहले पूरी तरह स्वस्थ थे.
10.9 प्रतिशत मृतकों को नहीं थी गंभीर बीमारी
इसमें यह भी सामने आया है कि 10.9 प्रतिशत मृतकों को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी, लेकिन वे पूरी तरह से स्वस्थ नहीं थे. पीड़ितों में से 17.5 को हृदय रोग, मधुमेह, टीबी, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी थी, जबकि 13.3 प्रतिशत को इसके बारे में पता नहीं था.
21.2 प्रतिशत मौतें 66 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में हुईं. इसके बाद 36 से 45 आयु वर्ग का स्थान आता है, जिसमें 19.1 प्रतिशत मौतें कोविड के कारण हुईं. 18.3 प्रतिशत मौतें 56 से 65 वर्ष के आयु वर्ग में हुईं, जबकि 46 से 55 के बीच 16.1 प्रतिशत लोगों ने अपनी जान इस महामारी से गंवाई.
अधिकांश 45 वर्ष से कम आयु वालाें की हुई माैत
अधिक विश्लेषण से पता चला कि अधिकांश मौतें 45 वर्ष से कम आयु वर्ग में हुईं. जो कुल मौतों का 36 प्रतिशत है. इसके बाद 46 से 65 वर्ष के आयु वर्ग में 34.4 प्रतिशत मौत हुई.
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि भारत में रविवार को 24 घंटों में 3,460 मौतों के साथ 1.65 लाख ताजा कोविड -19 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 12 अप्रैल के बाद से सबसे कम नए मामले हैं.