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एकतरफा आलोचना पर आया Assam Rifles का बयान- अबतक 50 हजार लोगों को बचाया - मणिपुर हिंसा

Assam Rifles की ओर से कहा गया है कि असम राइफल्स के खिलाफ शत्रुता फैलाने के उपद्रवियों के प्रयासों के बावजूद, वर्षों से असम राइफल्स की निडर सेवा लोगों के अटूट विश्वास को संरक्षित कर रही है. मई 2023 में मणिपुर में भड़की हिंसा के मद्देनजर असम राइफल्स के प्रयासों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

Assam Rifles
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Jun 27, 2023, 9:41 AM IST

इंफाल : मणिपुर में जारी विवाद के बीच असम राइफल्स ने एक नई जानकारी शेयर की है. असम राइफल्स ने बताया कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में सभी समुदायों के 50,000 से अधिक विस्थापित लोगों को निकाला है. उन्हें सुरक्षित मार्ग, आश्रय, भोजन और दवाएं प्रदान की हैं. असम राइफल्स (एआर) हिंसा प्रभावित मणिपुर के लोगों की सहायता करने में सबसे पहले और आगे रही है. बयान में कहा गया है कि बल ने बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी समुदायों के लोगों को हिंसा क्षेत्र से बचाने और निकालने में निस्वार्थ सेवा की.

इसमें कहा गया है कि सुरक्षा बलों द्वारा प्रदान किए गए अनुकूल माहौल के कारण, शांति वार्ता का पहला दौर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शुरू किया जा सका. बता दें कि 30 मई को गृह मंत्री ने राज्य का दौरा किया था. असम राइफल्स ने एनएच-37 के माध्यम से इंफाल घाटी में दवाएं और घरेलू जरूरत की आवश्यक चीजें ले जाने वाले नागरिक ट्रकों के काफिले को चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने का बीड़ा उठाया. जिसके परिणामस्वरूप 14 मई से लगभग 9000 ट्रकों का काफिला शुरू हुआ था. बयान के अनुसार, तब से लेकर ट्रक बिना किसी दुर्घटना के राजमार्ग पर चल रहे हैं.

असम राइफल्स के बयान में कहा गया है कि कठिन प्रयासों के बावजूद, असम राइफल्स को आश्चर्यजनक रूप से एकतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा है. बयान में कहा गया कि असम राइफल्स उत्तर पूर्व क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली बल है. जिसके कर्मियों ने राज्य में शांति लाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. बल लगातार उत्तर पूर्व के लोगों के लिए लगातार काम कर रहे हैं. वे अनदेखी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए मानवीय मूल्यों, करुणा और प्रतिबद्धता को कायम रख रहे हैं.

बयान में कहा गया कि राज्य में कर्फ्यू लगाए जाने और आवाजाही पर प्रतिबंध के बाद स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जहां उन्हें राशन, पानी, आश्रय और चिकित्सा सहायता जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी महसूस हुई. बयान में कहा गया है कि असम राइफल्स ने हिंसा प्रभावित जिलों में तेजी से अपने संसाधन जुटाए और जातीय दंगों के बादल में स्थानीय लोगों के लिए यही एकमात्र उम्मीद की किरण थी. हजारों निवासियों को सुरक्षित रूप से राहत शिविरों में पहुंचाया गया, जहां उन्हें सुरक्षा, चिकित्सा सहायता, भोजन, आवास और संचार सुविधाएं प्राप्त हुईं.

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स्थानीय आबादी में स्पष्ट उपस्थिति स्थापित करने और सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए फ्लैग मार्च और एरिया डोमिनेशन आयोजित किए गए. असम राइफल्स ने नागरिक प्रशासन के सहयोग से विभिन्न जिलों में सभी हितधारकों के साथ शांति बैठकें आयोजित कीं. इसके अतिरिक्त, स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिविर भी स्थापित किए गए हैं. विपरीत परिस्थितियों में, असम राइफल्स का अटूट समर्पण और निस्वार्थ सेवा प्रभावित लोगों में आशा लाने और मानवता में विश्वास बहाल करने में महत्वपूर्ण साबित हुई है.

(एएनआई)

इंफाल : मणिपुर में जारी विवाद के बीच असम राइफल्स ने एक नई जानकारी शेयर की है. असम राइफल्स ने बताया कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में सभी समुदायों के 50,000 से अधिक विस्थापित लोगों को निकाला है. उन्हें सुरक्षित मार्ग, आश्रय, भोजन और दवाएं प्रदान की हैं. असम राइफल्स (एआर) हिंसा प्रभावित मणिपुर के लोगों की सहायता करने में सबसे पहले और आगे रही है. बयान में कहा गया है कि बल ने बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी समुदायों के लोगों को हिंसा क्षेत्र से बचाने और निकालने में निस्वार्थ सेवा की.

इसमें कहा गया है कि सुरक्षा बलों द्वारा प्रदान किए गए अनुकूल माहौल के कारण, शांति वार्ता का पहला दौर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शुरू किया जा सका. बता दें कि 30 मई को गृह मंत्री ने राज्य का दौरा किया था. असम राइफल्स ने एनएच-37 के माध्यम से इंफाल घाटी में दवाएं और घरेलू जरूरत की आवश्यक चीजें ले जाने वाले नागरिक ट्रकों के काफिले को चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने का बीड़ा उठाया. जिसके परिणामस्वरूप 14 मई से लगभग 9000 ट्रकों का काफिला शुरू हुआ था. बयान के अनुसार, तब से लेकर ट्रक बिना किसी दुर्घटना के राजमार्ग पर चल रहे हैं.

असम राइफल्स के बयान में कहा गया है कि कठिन प्रयासों के बावजूद, असम राइफल्स को आश्चर्यजनक रूप से एकतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा है. बयान में कहा गया कि असम राइफल्स उत्तर पूर्व क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली बल है. जिसके कर्मियों ने राज्य में शांति लाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. बल लगातार उत्तर पूर्व के लोगों के लिए लगातार काम कर रहे हैं. वे अनदेखी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए मानवीय मूल्यों, करुणा और प्रतिबद्धता को कायम रख रहे हैं.

बयान में कहा गया कि राज्य में कर्फ्यू लगाए जाने और आवाजाही पर प्रतिबंध के बाद स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जहां उन्हें राशन, पानी, आश्रय और चिकित्सा सहायता जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी महसूस हुई. बयान में कहा गया है कि असम राइफल्स ने हिंसा प्रभावित जिलों में तेजी से अपने संसाधन जुटाए और जातीय दंगों के बादल में स्थानीय लोगों के लिए यही एकमात्र उम्मीद की किरण थी. हजारों निवासियों को सुरक्षित रूप से राहत शिविरों में पहुंचाया गया, जहां उन्हें सुरक्षा, चिकित्सा सहायता, भोजन, आवास और संचार सुविधाएं प्राप्त हुईं.

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स्थानीय आबादी में स्पष्ट उपस्थिति स्थापित करने और सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए फ्लैग मार्च और एरिया डोमिनेशन आयोजित किए गए. असम राइफल्स ने नागरिक प्रशासन के सहयोग से विभिन्न जिलों में सभी हितधारकों के साथ शांति बैठकें आयोजित कीं. इसके अतिरिक्त, स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिविर भी स्थापित किए गए हैं. विपरीत परिस्थितियों में, असम राइफल्स का अटूट समर्पण और निस्वार्थ सेवा प्रभावित लोगों में आशा लाने और मानवता में विश्वास बहाल करने में महत्वपूर्ण साबित हुई है.

(एएनआई)

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