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PFI सदस्य की जमानत याचिका पर SC ने कहा, 'हमारा देश मजबूत है, समय आने पर लोग जवाब देंगे...'

पीएफआई के एक कथित सदस्य की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि देश कमजोर नहीं है. काफी मजबूत है. लोग समय आने पर धमकियों का जवाब देंगे. ईटीवी भारत के लिए सुमित सक्सेना की रिपोर्ट...

SC on bail plea of banned PFI Member
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Jul 13, 2023, 1:46 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि हमारा देश काफी मजबूत है. समय आने पर लोग खुद जवाब देंगे. इसे हर बार बदनाम करने की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने यह टिप्पणी तब कि जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य की जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया. ईडी ने पीएफआई सदस्य अब्दुल रजाक पीडियाक्कल से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि यह मामला सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है.

शीर्ष अदालत मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित पीएफआई नेता अब्दुल रजाक पीडियाक्कल की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के भागने का खतरा नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि क्या जमानत की ऐसी शर्तें हैं जो उसे देश छोड़ने की अनुमति नहीं देती हैं? उसे जेल में क्यों रखा जाये. वह एक साल से जेल में बंद है.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि इसके जमानत पर छूटने से कुछ संरक्षित गवाह हैं जो मुकर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ गवाह पीएफआई से जुड़े थे. जिनको आरोपी धमकी दे सकता है. राजू ने कहा कि हमें पता चला है, एक ऐसे मामले में कुछ लोग नेपाल के रास्ते भाग गए हैं. इनपर नजर रखना बहुत मुश्किल है. उनके पास बहुत सारे गुप्त स्थान हैं.

पीठ ने आश्चर्य जताया कि जब मामले में अन्य सभी जमानत पर बाहर हैं तो रजाक को सलाखों के पीछे क्यों रखा जाना चाहिए. वह विदेश में रह रहा था और संभव है कि उसने धन इकट्ठा कर प्रतिबंधित संगठन को दे दिया हो. पीठ ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे सीधे तौर पर संगठन के साथ उसका जुड़ाव साबित होता हो.

जमानत की मांग करते हुए, पीडियाक्कल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने जोर देकर कहा कि उनका मुवक्किल अदालत, एनआईए या ईडी को रिपोर्ट करेगा. पीठ ने देव से कहा कि उनका मुवक्किल सप्ताह में दो बार पुलिस या किसी भी प्राधिकारी को रिपोर्ट कर सकता है.

इससे पहले, राजू ने पीडियाक्कल को जमानत देने का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. न्यायमूर्ति बोपन्ना ने कहा कि राष्ट्र, मुझे नहीं लगता कि वह इतना कमजोर है. हमारा राष्ट्र काफी मजबूत है. मुझे नहीं लगता कि लोग इसे किसी भी हालत में नष्ट कर सकते हैं. समय आने पर जनता खुद जवाब देगी. कोर्ट ने कहा कि हमें हर बार यह कहकर राक्षसी प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.

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राजू ने कहा कि जब पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए न्यायाधिकरण की कार्यवाही चल रही थी तो उस कार्यवाही में डेटा था, जो बहुत डरावना था. उनके संगठन में सदस्य हथियारों के साथ परेड करते हैं. ये लोगों को धमकाते हैं. यह एक बहुत ही खतरनाक संगठन है. पीठ ने राजू को यह पता लगाने को कहा कि इस मामले में कितने संरक्षित गवाह शामिल हैं और सोमवार को अदालत को इसके बारे में सूचित करें, साथ ही अदालत को मुकदमे की प्रगति से भी अवगत कराएं.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि हमारा देश काफी मजबूत है. समय आने पर लोग खुद जवाब देंगे. इसे हर बार बदनाम करने की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने यह टिप्पणी तब कि जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य की जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया. ईडी ने पीएफआई सदस्य अब्दुल रजाक पीडियाक्कल से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि यह मामला सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है.

शीर्ष अदालत मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित पीएफआई नेता अब्दुल रजाक पीडियाक्कल की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के भागने का खतरा नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि क्या जमानत की ऐसी शर्तें हैं जो उसे देश छोड़ने की अनुमति नहीं देती हैं? उसे जेल में क्यों रखा जाये. वह एक साल से जेल में बंद है.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि इसके जमानत पर छूटने से कुछ संरक्षित गवाह हैं जो मुकर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ गवाह पीएफआई से जुड़े थे. जिनको आरोपी धमकी दे सकता है. राजू ने कहा कि हमें पता चला है, एक ऐसे मामले में कुछ लोग नेपाल के रास्ते भाग गए हैं. इनपर नजर रखना बहुत मुश्किल है. उनके पास बहुत सारे गुप्त स्थान हैं.

पीठ ने आश्चर्य जताया कि जब मामले में अन्य सभी जमानत पर बाहर हैं तो रजाक को सलाखों के पीछे क्यों रखा जाना चाहिए. वह विदेश में रह रहा था और संभव है कि उसने धन इकट्ठा कर प्रतिबंधित संगठन को दे दिया हो. पीठ ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे सीधे तौर पर संगठन के साथ उसका जुड़ाव साबित होता हो.

जमानत की मांग करते हुए, पीडियाक्कल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने जोर देकर कहा कि उनका मुवक्किल अदालत, एनआईए या ईडी को रिपोर्ट करेगा. पीठ ने देव से कहा कि उनका मुवक्किल सप्ताह में दो बार पुलिस या किसी भी प्राधिकारी को रिपोर्ट कर सकता है.

इससे पहले, राजू ने पीडियाक्कल को जमानत देने का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. न्यायमूर्ति बोपन्ना ने कहा कि राष्ट्र, मुझे नहीं लगता कि वह इतना कमजोर है. हमारा राष्ट्र काफी मजबूत है. मुझे नहीं लगता कि लोग इसे किसी भी हालत में नष्ट कर सकते हैं. समय आने पर जनता खुद जवाब देगी. कोर्ट ने कहा कि हमें हर बार यह कहकर राक्षसी प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.

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राजू ने कहा कि जब पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए न्यायाधिकरण की कार्यवाही चल रही थी तो उस कार्यवाही में डेटा था, जो बहुत डरावना था. उनके संगठन में सदस्य हथियारों के साथ परेड करते हैं. ये लोगों को धमकाते हैं. यह एक बहुत ही खतरनाक संगठन है. पीठ ने राजू को यह पता लगाने को कहा कि इस मामले में कितने संरक्षित गवाह शामिल हैं और सोमवार को अदालत को इसके बारे में सूचित करें, साथ ही अदालत को मुकदमे की प्रगति से भी अवगत कराएं.

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