नई दिल्ली : देश की जनता एक ओर जहां संसद सत्र का इंतजार करती है. जनता से जुड़े हुए मुद्दों को सभी राजनीतिक दलों के सांसद सदन के अंदर उठाएं. लेकिन विपक्ष इससे पीछे भाग रहा है. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष समेत अन्य पर कागज फेंकने की घटना को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को शर्मसार करने की घटना बताया.
उक्त बातें बुधवार को मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय केंद्रीय खेल और सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहीं. उन्होंने बताया कि संसद में बुधवार को भी 18 से ज्यादा प्रश्नों के उत्तर हुए. इस दौरान अलग-अलग दलों के सांसदों ने अपने प्रश्नों को रखा. लेकिन कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने जिस तरह से सदन न चलने का हर संभव प्रयास किया.
मंत्री ठाकुर ने विपक्ष के सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि वो विरोध कर सकते हैं, उसकी भी एक मर्यादा है. लेकिन कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने मर्यादाओं को तोड़ने का काम किया है. उसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सांसदों के द्वारा कभी स्पीकर पर कागज फेंकना, कभी मंत्रीगण पर कागज फेंकना, कभी तख्ती लेकर आना, कभी पत्रकार गैलरी तक कागज फेंकना और जो अधिकारी बैठे हैं उनके ऊपर चढ़-चढ़ कर दबाना और कागज फेंकना ये अपने आप में शर्मसार करने वाली घटनाएं हैं.
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उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री जी ने पहले दिन कहा था कि हम सदन के अंदर चर्चा के लिए तैयार हैं. सरकार अलग-अलग विषयों पर चर्चा करती है. वहीं बीएसी (बिजनेस एडवायजरी कौंसिल) की मीटिंग में तय होता है कि किन-किन विषयों पर चर्चा होगी. आखिरकार विपक्ष इससे पीछे क्यों भाग रहा है.
वहीं आज सुबह कार्यवाही शुरू होने पर शोर-शराबे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूरा प्रश्नकाल चलाया. इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह और विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने अनेक सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये.
हालांकि, प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद कुछ कांग्रेस सदस्यों ने पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल की ओर कागज उछाले और कुछ देर बाद सत्तापक्ष की तरफ भी कागज फेंके जिसके बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गयी. संसद के मॉनसून सत्र में पिछले सप्ताह और इस सप्ताह के शुरुआती दो दिन में विपक्ष के हंगामे के बीच पूरा प्रश्नकाल बाधित रहा था. सदन की बैठक शुरू होते ही जब अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया तो कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य उक्त विषयों पर नारेबाजी करते हुए और तख्तियां लहराते हुए आसन के समीप आ गये. हालांकि हंगामे के बीच ही पूरा प्रश्नकाल चलाया गया.
प्रश्नकाल के बाद सदन में पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल जैसे ही आसन पर आए, तो कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने उनकी ओर कागज उछाले. इस दौरान सदन के पटल पर आवश्यक कागजात रखे गए. वहीं पेगासस जासूसी मामला और कुछ अन्य मुदों को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.