दिघी : महाराष्ट्र में यह हृदय विदारक घटना जिसने भी सुनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाया. मृत महिला के शव के पास बच्चे के बैठे होने की जानकारी जब पुलिस को मिली तो दो महिला पुलिस अधिकारी आगे आईं और बच्चे को ले जाकर खाना खिलाया गया.
घटना दिघी थाना क्षेत्र के अंतर्गत फुगे वस्ती में सोमवार को हुई. मृतक महिला का नाम सरस्वती राजेश कुमार (उम्र 29 वर्ष, फुगेवस्ती, दिघी, मूल निवासी उत्तर प्रदेश) है. पुलिस के अनुसार मृतक सरस्वती अपने पति के साथ किसी काम से यहां आई थी. उनके पति एक महीने पहले गांव वापस आ गए क्योंकि चुनाव होने थे. तब से सरस्वती अपने बेटे के साथ फुगेवस्ती में रह रही थी.
क्षेत्र के निवासियों ने दिघी पुलिस को सूचित किया कि फुगेवस्ती के एक घर से तीखी गंध आ रही है. नतीजतन दिघी पुलिस तुरंत जांच के लिए मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने घर को अंदर से बंद पाया. पुलिस अधिकारी ने खिड़की के माध्यम से धातु की छड़ की मदद से दरवाजा खोला. सरस्वती उस समय घर में मृत पाई गई.
पास ही एक डेढ़ साल के बच्चा अपनी मां के मृत शरीर के बगल में पड़ा देखा गया. लड़का बेहद भूखा और प्यासा था. पुलिस ने बच्चे की देखभाल के लिए अगले दरवाजे पर रहने वाली महिला से पूछा. हालांकि कोई भी कोरोना के डर के कारण बच्चे की देखभाल करने के लिए तैयार नहीं हुआ.
फिर दिघी पुलिस स्टेशन से सुशीला गाभले और रेखा वाजे महिला पुलिस अधिकारियों को बच्चे की देखभाल के लिए नियुक्त किया गया. उन्होंने बच्चे को दूध और बिस्कुट खिलाया. फिर बच्चे को थोड़ा बुखार होने की वजह से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि बच्चे को कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई.
उसे दिघी में एक बच्चा के वार्ड में रखा गया है और दिघी पुलिस अब मामले की जांच कर रही है. मृतक सरस्वती राजेश कुमार का YCM अस्पताल में शव परीक्षण किया गया. डॉक्टरों ने विसरा सुरक्षित रखा है क्योंकि मौत का सही कारण ज्ञात नहीं है. इस बीच पुलिस द्वारा बच्चे के पिता को घटना की सूचना दे दी गई.
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वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मोहन शिंदे ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश जा रहे हैं. महिला पुलिस कर्मी सुशीला गभले और रेखा वाजे द्वारा बच्चे के लिए दिखाए गए प्यार को सभी द्वारा सराहा जा रहा है.