भुवनेश्वर: चक्रवात के साथ ओडिशा का संबंध काफी पुराना है. प्रदेश के लोगों को करीब हर साल छोटे-बड़े चक्रवात का सामना करना पड़ता है. ऐसे में एक बार फिर से साइक्लोन की खबरें सामने आ रही हैं. वहीं ओडिशा सरकार का कहना है कि वो इस स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. साथ ही सरकार ने कहा कि लोगों से घबराहट में खरीदारी नहीं करनी चाहिए. यह आश्वासन ऐसे समय में आया है जब राज्य में कुछ ही दिनों में चक्रवाती तूफान आने की संभावना है. हालांकि ओडिशा को पिछले कुछ वर्षों से लगातार चक्रवातों के प्रकोप का सामना करना पड़ा था.
यह आश्वासन ऐसे समय में आया है जब राज्य में कुछ ही दिनों में चक्रवाती तूफान आने की संभावना है. हालांकि ओडिशा को पिछले कुछ वर्षों से लगातार चक्रवातों के प्रकोप का सामना करना पड़ा था. इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव एस सी महापात्र ने कहा, 'राज्य किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टरों को संभावित आपदा के बारे में सूचित कर दिया गया है.' दूसरी तरफ भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि चक्रवात की संभावना की स्पष्ट तस्वीर अभी सामने नहीं आई है.
मौसम विभाग ने कहा है कि 6 मई के आसपास दक्षिण अंडमान सागर के पास एक लो प्रेशर बन रहा है, जो कि नॉर्थ-वेस्ट की और मूव कर सकता है और 48 घंटे के बाद यानी 8 मई को ये गहरे चक्रवात में बदल सकता है. आईएमडी के महानिदेशक, मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि आज तक हमने सिस्टम के लैंडफॉल और संभावित क्षेत्र के प्रभावित होने के बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया है. उन्होंने कहा कि अभी चक्रवात के बारे में बोलना जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि राज्य में एक चक्रवाती तूफान आने का दावा करने वाले सोशल मीडिया पर पोस्टों से राज्य के लोग घबरा गए हैं. महापात्र ने यह स्पष्ट किया कि समुद्र में सभी निम्न दबाव चक्रवात का रूप नहीं लेते हैं और उनमें से कई समुद्र के भीतर ही समाप्त हो जाते हैं. उन्होंने कहा, मौसम विभाग दक्षिण अंडमान सागर में हो रहे परिवर्तन पर करीब से नजर रखे हुए है, हम कम दबाव बनने के बाद ही (चक्रवात के बारे में) भविष्यवाणी कर पाएंगे.
आवश्यक वस्तुओं की न करें खरीदारी : वहीं ओडिशा के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री (Food Supplies and Consumer Welfare Minister) आरपी स्वैन ने लोगों से अपील की है कि इस साइक्लोन से घबराने की जरूरत नहीं है. लोग आवश्यक वस्तुओं (essential commodities) की खरीदारी करके स्टॉक न बढ़ाएं. मंत्री ने कहा है कि इससे बाजार में बनावटी कमी (artificial shortage) दिख सकती है और जमाखोरों को फायदा होगा. स्वैन ने कहा है कि खाद्य आपूर्ति विभाग बाजार की निगरानी कर रहा है और जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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