बिलासपुर: कोरोना काल में डॉक्टर और नर्स अपनी जान हथेली पर रखकर टूटती सांसों को बचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. ऐसी ही एक नर्स हैं स्वाति. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे हॉस्पिटल में कार्यरत नर्स स्वाति भीमगज कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार बड़ी लगन से कर रही हैं. कर्तव्यपरायणता की इससे बेहतर और क्या मिसाल हो सकती है कि स्वाति ने कोरोना वार्ड में भर्ती मूक-बधिर मरीजों के लिए साइन लैंग्वेज सीख ली है.
मरीजों का दर्द समझते हुए सीखी साइन लैंग्वेज
नर्स स्वाति भीमगज ने बताया कि कोविड वार्ड में एक मूक-बधिर मरीज भर्ती हुए थे. वह न हमारी बात समझ पाते थे और न हम उनकी बात समझ पाते थे. एक समय ऐसा आया कि मरीज परेशान हो गया था. वह घर जाने वाले थे. ऐसे में स्वाति ने साइन लैंग्वेज सीखने की ठानी. स्वाति ने बताया कि उन्होंने काम के दौरान ही समय मिलने पर इंटरनेट के जरिए साइन लैंग्वेज को सीखा है. स्वाति कहती हैं कि सभी कोविड स्टाफ दिन-रात मेहनत कर रहे हैं.
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मूक बधिर कोरोना संक्रमितों को मिली राहत
स्वाति के साइन लैंग्वेज सीखने के बाद मूक-बधिर कोरोना संक्रमित मरीजों को राहत मिली है. अस्पताल में नर्स स्वाति जहां मूक-बधिर कोरोना मरीज की देखरेख करती हैं. वहीं, संवाद सेतु की तरह भी काम कर रही हैं. डॉक्टरों के विजिट के दौरान स्वाति मूक-बधिर मरीजों से साइन लैंग्वेज में बात कर डॉक्टरों को उनकी सेहत के बारे में बताती हैं.
हर तरफ हो रही सराहना
नर्स स्वाति के इन्हीं प्रयासों से ना सिर्फ उन्होंने मूक बधिर मरीजों का दिल जीत लिया. रेलवे ने भी नर्स स्वाति के इस प्रयास की सराहना की है. रेलवे की ऑफिशल सोशल मीडिया साइट से स्वाति का वीडियो जारी किया है. लोगों ने स्वाति के इस प्रयास को खूब सराहा है. उनके नेकदिली और अपनी ड्यूटी के प्रति इतनी गंभीरता को लोगों ने खूब पंसद किया है.
रेलवे ने किया वीडियो शेयर
रेलवे की तरफ से स्वाति का वीडियो शेयर किया गया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए रेलवे ने लिखा कि मानवीय संवेदना के साथ-साथ कर्तव्य परायणता का अनूठा उदाहरण! बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के रेलवे अस्पताल में कोरोना पीड़ित मूक-बधिर मरीजों के लिए नर्स सुश्री स्वाति ने साइन लैंग्वेज सीखी है ताकि मरीजों की बातों को आसानी से समझा जा सके और उनकी मदद की जा सके.
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रेलवे को नर्स स्वाति पर गर्व
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी CPRO साकेत रंजन ने कहा कि रेलवे के सेंट्रल हॉस्पिटल में एक मूक बधिर पेशेंट वी आनंदराय कोविड वार्ड में भर्ती किए गए थे. उनके बोलने और सुनने की असमर्थता के चलते मरीज और डॉक्टरों के बीच बातचीत में परेशानी हो रही थी. ऐसे में नर्स स्वाति ने साइन लैंग्वेज सीखने की ठानी. इंटरनेट के जरिए काफी कोशिशों के बाद उन्होंने साइन लैंग्वेज को सीखा. मरीज की बात डॉक्टर को और मरीज की बात डॉक्टर को संप्रेषित करने लगीं. इसका परिणाम यह हुआ कि मरीज जल्द स्वस्थ होने लगे.