बेंगलुरु: अब रोबोट ने शिक्षा के क्षेत्र में भी किया प्रवेश! शिक्षण प्रक्रिया में सहायता के लिए विकसित किया गया 'ईगल' रोबोट बुधवार को सरकारी हाई स्कूल, 13वीं क्रॉस, मल्लेश्वर में आकर्षण का केंद्र था. रोबोट का प्रदर्शन कैबिनेट मंत्री डॉ. सी.एन. अश्वत्थ नारायण की उपस्थिति में किया गया, जो उस विधान सभा क्षेत्र के स्थानीय विधायक भी हैं. स्कूल के शिक्षक और छात्र रोबोट द्वारा प्रदर्शित दक्षता को देखकर आश्चर्यचकित थे कि रोबोट उनके द्वारा पूछे गए सवालों के सही जवाब भी दे रहा है और यह शिक्षण-सीखने अर्थात पढ़ाने-सिखाने की प्रक्रिया में कितना सहायक हो सकता है.
वैश्विक मानकों को प्राप्त करने के लिए वांछनीय रोबोट
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. सी.एन. अश्वथा नारायण ने कहा कि शिक्षण में गुणवत्ता के वैश्विक मानकों को प्राप्त करने के लिए सरकारी शिक्षण संस्थानों में ऐसे रोबोट रखना आवश्यक है. हालांकि रोबोट शिक्षकों का विकल्प नही है. आगे उन्होंने बताया कि शिक्षकों के लिए रोबोट कोई विकल्प नहीं है. लेकिन इससे शिक्षकों को उनके काम में काफी मदद मिलेगी. इससे छात्रों के बीच सीखने की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी. यह छात्रों से सवाल करने के अलावा उनके जवाबों को ध्यान से सुनने और उस पर प्रतिक्रिया देने में भी सक्षम है
सीएम से पहले ईगल रोबोट:
'ईगल' रोबोट का प्रदर्शन भी मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के समक्ष किया जाएगा. हमारी इच्छा है कि इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री स्वयं करें. हम इसे मल्लेश्वर के सरकारी शिक्षण संस्थानों में भी लागू करना चाहते हैं, नारायण ने बताया. इंडस ट्रस्ट के संस्थापक और सीईओ सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अर्जुन रे वेन्यू पर मौजूद थे. रे ने कहा कि एक शिक्षक को पाठन सामग्री तैयार करने और उसे छात्रों को समझाने में काफी वक्त लगता है. इनमें से तकरीबन सभी सामग्री इंटरनेट पर मौजूद होती है. ऐसे में अध्यापन में रोबॉट का सहयोग लेने पर शिक्षकों का काम आसान हो जाएगा. इससे शिक्षक छात्रों के विकास के लिए जरूरी अन्य ऐसी चीजों पर फोकस कर सकेंगे, जो गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन पर नहीं मिल सकती.