नई दिल्ली: कोरोना टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने गुरुवार को कहा कि भारत में दो कोविड-19 टीकों कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक-वी के बीच खुराक अंतराल को बदलने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है.
अरोड़ा ने कहा कि वैक्सीन की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए कई अध्ययन और प्रोग्रामेटिक डेटा संग्रह प्रक्रियाएं चल रही हैं. एनटीएजीआई (NTAGI) नियमित आधार पर वैक्सीन प्रभावशीलता डेटा की समीक्षा कर रहा है. वर्तमान में, खुराक के अंतराल में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है.
पहले ऐसी खबरें थीं कि सरकार कोविशील्ड कोविड-19 वैक्सीन की दो खुराक के बीच न्यूनतम अंतर को कम करने के लिए कदम उठा सकती है, लेकिन राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने रिपोर्टों का खंडन किया है. वर्तमान में, कोविशील्ड को देश में 12-16 सप्ताह के अंतराल के साथ दो खुराकों के साथ प्रशासित किया जा रहा है.
इस साल मई के महीने में यह अंतर 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया गया था. जब इस साल जनवरी में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण शुरू हुआ, तो कोविशील्ड खुराक अंतर 4-6 सप्ताह पर निर्धारित किया गया था.
जायडस कैडिला के टीके को शामिल करने के लिए रुपरेखा जल्द
वहीं, टीकाकरण पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) जायडस कैडिला के कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीके को टीकाकरण अभियान में शामिल करने के लिए खाका तैयार करने के वास्ते शीघ्र ही एक बैठक करेगा. साथ ही इसमें 12-18 आयुवर्ग के उन किशोरों को प्राथमिकता दी जाएगी जो अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं.
स्वदेश में विकसित डीएनए आधारित विश्व के पहले सुई रहित कोविड रोधी टीके जाइकोव-डी की आपात इस्तेमाल की मंजूरी बीस अगस्त को दी गई थी. इसी के साथ ही यह देश में 12-18 आयुवर्ग के लोगों को लगने वाला पहला टीका बन गया है.
एनटीएजीआई के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि भारत में 12-18 आयुवर्ग के 12 करोड़ किशोर हैं और उनमें से एक प्रतिशत से कम बच्चों को अन्य बीमारियां हो सकती हैं. वयस्कों के अलावा 12-18 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों के लिए तीन-खुराक वाला टीका अक्टूबर में शुरू होगा. उन्होंने कहा कि चल रहे टीकाकरण अभियान में तीन खुराक वाले जाइकोव-डी टीके को शामिल करने के लिए शीघ्र ही एक बैठक की जाएगी और इसका खाका तैयार किया जाएगा. बैठक में प्राथमिकताएं तय की जाएंगी क्योंकि यह टीका किशोर और व्यस्कों दोनों को लग सकता है.
डॉ अरोड़ा ने कहा कि हमारा लक्ष्य एक प्राथमिकता सूची तैयार करना है जिसमें मुख्य ध्यान अन्य बीमारियों से पीड़ित 12-18 आयुवर्ग के लोगों पर दिया जाएगा. एनटीएजीआई इस टीके को कोविड टीकाकरण अभियान में शामिल करने के लिए दिशानिर्देश (प्रोटोकॉल) और रूपरेखा प्रदान करेगा. डॉ अरोड़ा ने स्कूलों को फिर से खोलने के मुद्दे पर कहा कि चरणबद्ध तरीके से यह किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा, यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी सहायक कर्मचारियों चाहे स्कूल बस चालक हों, शिक्षक हों या अन्य कर्मचारी हों, का टीकाकरण किया जाए ताकि बच्चों के चारों ओर एक सुरक्षात्मक घेरा बन सके.
इनपुट-पीटीआई-भाषा