नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर स्थित जनसंपर्क कार्यालय में दो महीने में दो बार धमकी भरे फोन आए और रंगदारी की मांग की गई. खबर है कि इस मामले की जांच 'राष्ट्रीय जांच एजेंसी' यानी 'एनआईए' करेगी. इस मामले में नागपुर पुलिस ने जयेश पुजारी उर्फ कांता को कर्नाटक की बेलगाम जेल से गिरफ्तार किया था. धमकी भरे फोन के बाद गडकरी के कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
जयेश पुजारी ने सबसे पहले जनवरी के महीने में नितिन गडकरी के नागपुर स्थित ऑफिस में 100 करोड़ और दूसरी बार 21 मार्च को तीन बार फोन किए गए थे. इस दौरान 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी. फिरौती नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी. इस बार जयेश पुजारी को बेलगांव जेल से फोन आया. उसके बाद नागपुर पुलिस 28 मार्च को जयेश पुजारी को बेलगाम जेल से गिरफ्तार कर नागपुर ले आई. जांच के दौरान जांच में सामने आया कि जयेश पुजारी के तार आतंकियों और बड़े गैंगस्टर्स से जुड़े थे.
नागपुर पुलिस ने जयेश पुजारी के खिलाफ 'यूएपीए' के तहत मामला दर्ज किया. पूरे मामले की सूचना केंद्रीय गृह विभाग को दी गई. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय मामले की जांच एनआईए को सौंपने पर राजी हो गया. इसलिए यह भी पता चला है कि 'एनआईए' की एक टीम नागपुर आएगी और जल्द ही इस मामले की जांच अपने हाथ में लेगी. बता दें कि जयेश पुजारी को हत्या और डकैती के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी , हालांकि बाद में उसकी सजा में नरमी बरती गई और सजा को उमक्रैद में बदल दिया गया.