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पुलवामा आतंकी हमला : पाक ने जिम्मेदारी लेने के लिए बनाया लश्कर-ए-मुस्तफा संगठन

एनआईए की टीम लगातार ऐसे लोगों की तलाश में जुटी है जो अवैध हथियारों का उपयोग कर रहे हैं. इन लोगों में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन से मदद पाने वाले लोग भी शामिल हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों में कई ऐसे किंगपिन या सरगना मौजूद हैं, जिन्हें पाक के आतंकी संगठनों ने अवैध हथियारों की आपूर्ति की है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी हथियारों के आदान प्रदान से जुड़े ऐसे लोगों की तलाश में है. एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले (pulwama terrorist attack) की जिम्मेदारी लेने के लिए लश्कर ए मुस्तफा (Lashkar e Mustafa - LeM) संगठन बनाया था.

pak isi
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Published : Jan 17, 2022, 8:04 PM IST

नई दिल्ली : एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया है कि हथियारों के अवैध कारोबार से जुड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए भारत में अलग-अलग जगहों पर तलाशी और छापेमारी की जा रही है. बता दें कि एनआईए ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब चार लोगों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली की ये लोग बिहार से हथियार खरीदकर जम्मू-कश्मीर ले जाने की साजिश रच रहे थे, ताकि जम्मू-कश्मीर, खासकर जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके.

एनआईए के मुताबिक मोहम्मद अरमान अली उर्फ ​​अरमान मंसूरी (Mohammed Arman Ali alias Arman Mansuri), मोहम्मद एहसानुल्लाह उर्फ ​​गुड्डू (Mohammed Ehsanullah alias Guddu Ansari), इमरान अहमद हाजम (Imran Ahmad Hajam) और इरफान अहमद डार (Irfan Ahmad) पंजाब और हरियाणा के रास्ते बिहार से जम्मू-कश्मीर तक हथियार और हथियार पहुंचाने की ताक में थे. एनआईए का कहना है कि चारों लोग हथियार पहुंचाने का काम पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन के लिए कर रहे थे. एनआईए ने चारों आरोपियों के खिलाफ शनिवार, 15 जनवरी को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की. एनआईए के मुताबिक चारों आतंकी संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा (एलईएम) से जुड़े और आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं. पूरक आरोप पत्र में इनके खिलाफ देश भर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं.

पाक समर्थिक आतंकी गतिविधियों पर चिंता
यह पूरक आरोप पत्र जम्मू -कश्मीर में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 121ए और 122, शस्त्र अधिनियम की धारा 25 (1एए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4, और अवैध गतिविधियां निरोधक कानून की धारा 18 और 23 के तहत दायर किया गया था. एनआईए अधिकारी ने कहा, हमें संदेह है कि पंजाब, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों के लोग इस तरह के हथियारों के अवैध कारोबार में सीधे तौर पर शामिल हैं. 'हथियार पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन के लिए सप्लाई करने का प्रयास किया गया,' जांच एजेंसी ने इस तथ्य पर चिंता व्यक्त की है.

लश्कर-ए-मुस्तफा संगठन
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव से ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने लश्कर ए मुस्तफा (एलईएम) नाम का आतंकवादी संगठन बनाया था.

एनआईए के सूत्र ने बताया यह मौलाना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती उर्फ अब्दुल रऊफ की योजना थी. उसने लश्कर-ए-मुस्तफा बनाया और हथियारों की तस्करी के नाम पर उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोगों को भर्ती किया एवं बाद में उन्हें आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया. आईएसआई जैश-ए-मोहम्मद को पूरा समर्थन दे रही थी और लश्कर-ए-मुस्तफा को पूरी तरह से नियंत्रित कर रही थी. यह सब अंतरराष्ट्रीय दबाव को हटाने के लिए ऐसा किया गया था.

सूत्र ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा था. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह यह दिखाना चाहते थे कि हमले के पीछे एलईएम था और भारतीय इसी के लिए काम कर रहे थे. यही कारण था कि उन्होंने यह नया संगठन बनाया और हथियारों की तस्करी के बहाने भारतीयों को भर्ती करना शुरू कर दिया. इसमें विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और जम्मू से लोगों को भर्ती किया गया था. उन्हें बिहार, पंजाब और हरियाणा के रास्ते जम्मू में हथियारों की तस्करी करने के का काम सौंपा गया था.

एनआईए को मिली जानकारी के मुताबिक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हमले में शामिल अल्लाह मालिक उर्फ हसनैन एलईएम का नेतृत्व कर रहा था और वह मौलाना मसूद अजहर के सीधे संपर्क में था. एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लश्कर-ए-मुस्तफा (NIA on Lashkar e Mustafa in pulwama) के आतंकियों द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची जा रही है.

यह भी पढ़ें- आतंकी कनेक्शन : NIA ने चार बांग्लादेशियों और एक भारतीय के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

एनआईए अधिकारी ने बताया कि शुरू में इस संबंध में जम्मू जिले के गंग्याल थाने में मामला दर्ज किया गया था लेकिन बाद में एनआईए ने जांच अपने हाथ में लेने के बाद मामला दोबारा दर्ज किया था. एनआईए ने अगस्त 2021 में गहन जांच करने के बाद छह आरोपियों के खिलाफ इस मामले में आरोप पत्र दायर किया. बाद में इस मामले की जांच जारी रही और पूरक आरोप पत्र दायर किया गया. एनआईए अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है.

(इनपुट- आईएएनएस)

नई दिल्ली : एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया है कि हथियारों के अवैध कारोबार से जुड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए भारत में अलग-अलग जगहों पर तलाशी और छापेमारी की जा रही है. बता दें कि एनआईए ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब चार लोगों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली की ये लोग बिहार से हथियार खरीदकर जम्मू-कश्मीर ले जाने की साजिश रच रहे थे, ताकि जम्मू-कश्मीर, खासकर जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके.

एनआईए के मुताबिक मोहम्मद अरमान अली उर्फ ​​अरमान मंसूरी (Mohammed Arman Ali alias Arman Mansuri), मोहम्मद एहसानुल्लाह उर्फ ​​गुड्डू (Mohammed Ehsanullah alias Guddu Ansari), इमरान अहमद हाजम (Imran Ahmad Hajam) और इरफान अहमद डार (Irfan Ahmad) पंजाब और हरियाणा के रास्ते बिहार से जम्मू-कश्मीर तक हथियार और हथियार पहुंचाने की ताक में थे. एनआईए का कहना है कि चारों लोग हथियार पहुंचाने का काम पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन के लिए कर रहे थे. एनआईए ने चारों आरोपियों के खिलाफ शनिवार, 15 जनवरी को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की. एनआईए के मुताबिक चारों आतंकी संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा (एलईएम) से जुड़े और आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं. पूरक आरोप पत्र में इनके खिलाफ देश भर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं.

पाक समर्थिक आतंकी गतिविधियों पर चिंता
यह पूरक आरोप पत्र जम्मू -कश्मीर में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 121ए और 122, शस्त्र अधिनियम की धारा 25 (1एए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4, और अवैध गतिविधियां निरोधक कानून की धारा 18 और 23 के तहत दायर किया गया था. एनआईए अधिकारी ने कहा, हमें संदेह है कि पंजाब, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों के लोग इस तरह के हथियारों के अवैध कारोबार में सीधे तौर पर शामिल हैं. 'हथियार पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन के लिए सप्लाई करने का प्रयास किया गया,' जांच एजेंसी ने इस तथ्य पर चिंता व्यक्त की है.

लश्कर-ए-मुस्तफा संगठन
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव से ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने लश्कर ए मुस्तफा (एलईएम) नाम का आतंकवादी संगठन बनाया था.

एनआईए के सूत्र ने बताया यह मौलाना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती उर्फ अब्दुल रऊफ की योजना थी. उसने लश्कर-ए-मुस्तफा बनाया और हथियारों की तस्करी के नाम पर उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोगों को भर्ती किया एवं बाद में उन्हें आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया. आईएसआई जैश-ए-मोहम्मद को पूरा समर्थन दे रही थी और लश्कर-ए-मुस्तफा को पूरी तरह से नियंत्रित कर रही थी. यह सब अंतरराष्ट्रीय दबाव को हटाने के लिए ऐसा किया गया था.

सूत्र ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा था. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह यह दिखाना चाहते थे कि हमले के पीछे एलईएम था और भारतीय इसी के लिए काम कर रहे थे. यही कारण था कि उन्होंने यह नया संगठन बनाया और हथियारों की तस्करी के बहाने भारतीयों को भर्ती करना शुरू कर दिया. इसमें विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और जम्मू से लोगों को भर्ती किया गया था. उन्हें बिहार, पंजाब और हरियाणा के रास्ते जम्मू में हथियारों की तस्करी करने के का काम सौंपा गया था.

एनआईए को मिली जानकारी के मुताबिक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हमले में शामिल अल्लाह मालिक उर्फ हसनैन एलईएम का नेतृत्व कर रहा था और वह मौलाना मसूद अजहर के सीधे संपर्क में था. एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लश्कर-ए-मुस्तफा (NIA on Lashkar e Mustafa in pulwama) के आतंकियों द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची जा रही है.

यह भी पढ़ें- आतंकी कनेक्शन : NIA ने चार बांग्लादेशियों और एक भारतीय के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

एनआईए अधिकारी ने बताया कि शुरू में इस संबंध में जम्मू जिले के गंग्याल थाने में मामला दर्ज किया गया था लेकिन बाद में एनआईए ने जांच अपने हाथ में लेने के बाद मामला दोबारा दर्ज किया था. एनआईए ने अगस्त 2021 में गहन जांच करने के बाद छह आरोपियों के खिलाफ इस मामले में आरोप पत्र दायर किया. बाद में इस मामले की जांच जारी रही और पूरक आरोप पत्र दायर किया गया. एनआईए अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है.

(इनपुट- आईएएनएस)

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