कोलकाता : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की टीम ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक पकड़ा गया आतंकी जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से ताल्लुक रखता है.
सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी, जिसका नाम अब्दुल मन्नान है, इस साल जुलाई में पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किए गए चार जेएमबी आतंकवादियों का करीबी माना जाता है.
एनआईए के सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार जेएमबी संदिग्ध आतंकी के पास से फर्जी आधार और मतदाता पहचान पत्र समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं. जानकारों की माने तो गिरफ्तार अब्दुल मन्नान बांग्लादेश से आया था और काफी सालों से यहां रह रहा था. इस आतंकी का मुख्य काम स्थानीय युवकों का ब्रेनवॉश करना और उन्हें जेएमबी में शामिल करना था.
उस पर फर्जी पहचान दस्तावेज हासिल करने में दूसरों की मदद करने का भी संदेह है. मन्नान का बांग्लादेश स्थित जेएमबी के शीर्ष लोगों से सीधा संपर्क है.
एनआईए को संदेह है कि आतंकी मन्ना के अल-कायदा और हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी (हूजी) के साथ संबंध हो सकते हैं. साथ ही सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आतंकवादी पश्चिम बंगाल में आतंकी मॉड्यूल स्थापित कर रहा था.
पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ वर्षों में जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) से जुड़े कई आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है.
इस साल जुलाई में कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दक्षिण 24 परगना के हरिदेबपुर से जेएमबी के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था. बाद में एनआईए ने एसटीएफ से इस मामले की जांच अपने हाथ में लेते हुए तीनों को हिरासत में ले लिया था.
इस मुद्दे पर एनआईए और एसटीएफ के अधिकारी लगातार एक दूसरे के संपर्क में रहे हैं. उन्हें संदेह है कि जेएमबी के कई अन्य सहयोगी राज्य के विभिन्न इलाकों में फर्जी नामों और पहचान के साथ छिपे हो सकते हैं. इनका मुख्य लक्ष्य स्लीपर सेल्स को मजबूत करना होता है.
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बता दें कि साल 2016 में जेएमबी ने ढाका स्थित एक कैफे में आतंकी हमले को अंजाम दिया था. इस हमले में 17 विदेशियों सहित 22 लोग मारे गए थे. एनआईए ने 2019 में ही अगाह किया था कि यह संगठन अब भारत में जाल फैलाने की कोशिश कर रहा है.