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पर्यावरण मंजूरी को चुनौती देने वाली अर्जी पर केंद्र को नोटिस

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Published : Aug 29, 2021, 7:07 PM IST

एक रियल स्टेट कंपनी दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर के पास एक आवासीय परिसर का निर्माण कर रही है. विश्वविद्यालय ने यह कहते हुए पर्यावरण मंजूरी को चुनौती दी थी कि यह परियोजना दिल्ली के मास्टर प्लान-2021 का उल्लंघन है और सार्वजनिक हितों के खिलाफ है.

पर्यावरण मंजूरी
पर्यावरण मंजूरी

नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के पास आवासीय परिसर के निर्माण के लिए एक निजी बिल्डर को मिली पर्यावरण मंजूरी (ईसी) को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है.

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, यंग बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य को नोटिस जारी कर एक महीने में जवाब देने को कहा है. पीठ ने कहा कि चूंकि इस अधिकरण को पर्यावरण मंजूरी देने के फैसले के गुण दोष की समीक्षा करनी है, इसलिए प्रभावित पक्षों को नोटिस देना और रिकॉर्ड पर लाना जरूरी है.

बिल्डर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील आत्माराम एनएस नाडकर्णी ने पीठ से कहा कि एनजीटी के निर्णय के लंबित रहने तक परियोजना के निर्माण या विकास के लिए अधिकारियों से मंजूरी लेने के अलावा कोई और कदम नहीं उठाया जाएगा.

एक रियल स्टेट कंपनी दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) परिसर के पास एक आवासीय परिसर का निर्माण कर रही है. उसने पहले अधिकरण से कहा था कि वह परियोजना के लिए नए सिरे से पर्यावरण मंजूरी के लिए पर्यावरण मंत्रालय में आवेदन करेगी.

विश्वविद्यालय ने पहले यह कहते हुए पर्यावरण मंजूरी को चुनौती दी थी कि यह परियोजना दिल्ली के मास्टर प्लान-2021 का उल्लंघन है और सार्वजनिक हितों के खिलाफ है.

यह भी पढ़ें- रेल ट्रैक पर हाथियों की मौत : एनजीटी ने केंद्रीय निगरानी समिति को दिया यह निर्देश

डीयू की ओर से पेश अधिवक्ता संजय उपाध्याय ने दलील दी कि इस परियोजना के तहत विश्वविद्यालय के पास 38 मंजिलों और 446 फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा. डीयू के अनुसार, यह परियोजना वायु गुणवत्ता, यातायात प्रबंधन, पानी की उपलब्धता, अपशिष्ट निपटान समेत पर्यावरण को गंभीर रूप से खतरे में डाल देगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के पास आवासीय परिसर के निर्माण के लिए एक निजी बिल्डर को मिली पर्यावरण मंजूरी (ईसी) को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है.

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, यंग बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य को नोटिस जारी कर एक महीने में जवाब देने को कहा है. पीठ ने कहा कि चूंकि इस अधिकरण को पर्यावरण मंजूरी देने के फैसले के गुण दोष की समीक्षा करनी है, इसलिए प्रभावित पक्षों को नोटिस देना और रिकॉर्ड पर लाना जरूरी है.

बिल्डर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील आत्माराम एनएस नाडकर्णी ने पीठ से कहा कि एनजीटी के निर्णय के लंबित रहने तक परियोजना के निर्माण या विकास के लिए अधिकारियों से मंजूरी लेने के अलावा कोई और कदम नहीं उठाया जाएगा.

एक रियल स्टेट कंपनी दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) परिसर के पास एक आवासीय परिसर का निर्माण कर रही है. उसने पहले अधिकरण से कहा था कि वह परियोजना के लिए नए सिरे से पर्यावरण मंजूरी के लिए पर्यावरण मंत्रालय में आवेदन करेगी.

विश्वविद्यालय ने पहले यह कहते हुए पर्यावरण मंजूरी को चुनौती दी थी कि यह परियोजना दिल्ली के मास्टर प्लान-2021 का उल्लंघन है और सार्वजनिक हितों के खिलाफ है.

यह भी पढ़ें- रेल ट्रैक पर हाथियों की मौत : एनजीटी ने केंद्रीय निगरानी समिति को दिया यह निर्देश

डीयू की ओर से पेश अधिवक्ता संजय उपाध्याय ने दलील दी कि इस परियोजना के तहत विश्वविद्यालय के पास 38 मंजिलों और 446 फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा. डीयू के अनुसार, यह परियोजना वायु गुणवत्ता, यातायात प्रबंधन, पानी की उपलब्धता, अपशिष्ट निपटान समेत पर्यावरण को गंभीर रूप से खतरे में डाल देगी.

(पीटीआई-भाषा)

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