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shekhawat defamation case: गहलोत के वकील ने मांगे राजस्थान हाईकोर्ट में चल रहे मामले से जुड़े दस्तावेज, अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को

गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दायर मानहानि मामले की अगली पेशी 16 अक्टूबर को होगी. गुरुवार को पेशी के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट में एसीएमएम ने यह फैसला सुनाया.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 6, 2023, 4:23 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मानहानि मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान गहलोत के वकील ने राजस्थान हाईकोर्ट में चल रहे मामले से जुड़े दस्तावेज की मांग की. इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में एसीएमएम हरजीत सिंह जसपाल ने मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को तय कर दी. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से 91 का नोटिस देकर खुद को आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी. इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

251 नोटिस की प्रक्रिया हो रही प्रभावित: गहलोत के वकील ने तब भी इस नोटिस के तहत मुकदमे से संबंधित अपने पक्ष के दस्तावेज देने की मांग की थी. उस समय शेखावत के वकील ने कहा था कि गहलोत की ओर से 91 का नोटिस देना गैर न्यायिक है. इससे 251 के नोटिस की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है. शेखावत के वकील ने कहा कि मामले में अब गहलोत को 251 का नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया जाना चाहिए.

क्या है 251 का नोटिस: जब किसी सम्मन-मामले में अभियुक्त मजिस्ट्रेट के सामने पेश होता है या लाया जाता है, तो जिस अपराध का उस पर आरोप लगाया गया है, उसका विवरण उसे बताया जाएगा और उससे पूछा जाएगा कि क्या वह दोषी मानता है या उसके पास कोई बचाव करने के लिए है.इस प्रक्रिया के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अभी कोर्ट में पेश होना है.

ये भी पढ़ें: Shekhawat Defamation Case: CM अशोक गहलोत को समन भेजने पर 24 जून को फैसला

क्या था मामला: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें और उनके परिवार को संजीवनी घोटाले में आरोपी बताए जाने को लेकर गहलोत पर मानहानि का दावा किया था. इसके बाद अदालत ने छह जुलाई को गहलोत के खिलाफ समन जारी कर सात अगस्त को व्यक्तिगत पेशी का आदेश दिया था. गहलोत ने एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के इस आदेश को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी. सेशन कोर्ट के जज एमके नागपाल ने छह अगस्त को सुनवाई करते हुए गहलोत को व्यक्तिगत पेशी की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति देते हुए राहत प्रदान की थी. यह अनुमति अभी भी जारी है. इसलिए गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही अबतक पेश होते रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Gajendra Singh Shekhawat defamation case: CM गहलोत को आरोप मुक्त करने के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मानहानि मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान गहलोत के वकील ने राजस्थान हाईकोर्ट में चल रहे मामले से जुड़े दस्तावेज की मांग की. इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में एसीएमएम हरजीत सिंह जसपाल ने मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को तय कर दी. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से 91 का नोटिस देकर खुद को आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी. इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

251 नोटिस की प्रक्रिया हो रही प्रभावित: गहलोत के वकील ने तब भी इस नोटिस के तहत मुकदमे से संबंधित अपने पक्ष के दस्तावेज देने की मांग की थी. उस समय शेखावत के वकील ने कहा था कि गहलोत की ओर से 91 का नोटिस देना गैर न्यायिक है. इससे 251 के नोटिस की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है. शेखावत के वकील ने कहा कि मामले में अब गहलोत को 251 का नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया जाना चाहिए.

क्या है 251 का नोटिस: जब किसी सम्मन-मामले में अभियुक्त मजिस्ट्रेट के सामने पेश होता है या लाया जाता है, तो जिस अपराध का उस पर आरोप लगाया गया है, उसका विवरण उसे बताया जाएगा और उससे पूछा जाएगा कि क्या वह दोषी मानता है या उसके पास कोई बचाव करने के लिए है.इस प्रक्रिया के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अभी कोर्ट में पेश होना है.

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क्या था मामला: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें और उनके परिवार को संजीवनी घोटाले में आरोपी बताए जाने को लेकर गहलोत पर मानहानि का दावा किया था. इसके बाद अदालत ने छह जुलाई को गहलोत के खिलाफ समन जारी कर सात अगस्त को व्यक्तिगत पेशी का आदेश दिया था. गहलोत ने एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के इस आदेश को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी. सेशन कोर्ट के जज एमके नागपाल ने छह अगस्त को सुनवाई करते हुए गहलोत को व्यक्तिगत पेशी की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति देते हुए राहत प्रदान की थी. यह अनुमति अभी भी जारी है. इसलिए गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही अबतक पेश होते रहे हैं.

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