हैदराबाद : भारत में कोरोना पर रोक लगाने के लिए मुख्य रूप से रेमडेसिविर और प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन अब बाजार में एक और दवा उपलब्ध हो गई है. इसका नाम कोविड कॉकटेल है. इसकी कीमत 59760 रुपये है. यह कोरोना के बी.1.617 वैरिएंट पर काफी प्रभावकारी है.
मेदांता के निदेशक डॉ नरेश त्रेहान ने कहा कि उनके यहां 82 साल के एक मरीज को कॉकटेल दवा दी गई. उन्होंने कहा कि दवा देने के बाद मरीज को भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है.
डॉ त्रेहान के मुताबिक कोविड कॉकटेल का यूरोप और अमेरिका में खूब इस्तेमाल किया गया है. यह काफी प्रभावी रहा है. जिन मरीजों को यह दवा दी गई, उनमें से 80 फीसदी को भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी. इन सभी मरीजों को संक्रमण के सात दिनों के अंदर यह दवा दी गई थी.
दवा कोरोना रोगियों की स्थिति बिगड़ने से पहले हल्खे और मध्यम लक्षणों से सुरक्षा प्रदान करता है.
सामान्य रूप से अभी जो दवा दी जाती है, उन्हें अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है. डॉक्टर लगातार उनकी निगरानी करते हैं. एंटीबॉडी बनने में समय लगता है. लेकिन कॉकटेल दवा की मदद से एंटीबॉडी बहुत जल्द बनता है.
उन्होंने कहा कि इस दवा को देने के बाद मरीज के शरीर में जो एंटीबॉडी बनती है, वह तीन से चार हफ्ते तक रहती है. लेकिन इस दौरान यह दवा वायरस के असर को करीब-करीब निष्प्रभावी कर देता है.
नरेश त्रेहन के अनुसार प्लाज्मा के साथ-साथ रेमेडिसिविर और टोसिलिजुमैब से यह दवा बिल्कुल अलग है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी यह दवा दी गई थी. दवा लेने के एक सप्ताह बाद ही ट्रंप काम पर लौट गए थे.
डॉ. त्रेहान ने कहा कि कोरोना मरीज को शुरुआती स्तर पर जब कासिरिविमैब औप इम्डेविमैब (दो दवाओं का कॉकटेल) की खुराक दी जाती है तो यह वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकता है. यह वायरस का म्यूटेशन रोकता है.
भारत में इसे प्रमुख दवा कंपनी रोश इंडिया और सिप्ला ने पेश किया है. बाजार में अभी इसकी कीमत 59,760 रुपये रखी गई है. इसमें सभी कर शामिल हैं.
सिप्ला और रोश ने अपने बयान में कहा कि एंटीबॉडी कॉकटेल (कैसिरिविमैब और इमदेविमाब) की पहली खेप भारत में उपलब्ध है. दूसरी खेप जून के मध्य तक उपलब्ध होगी. कुल मिलाकर इन खुराकों से दो लाख रोगियों का इलाज किया जा सकता है.
सिप्ला देश भर में अपनी मजबूत वितरण क्षमता की मदद से इस दवा का वितरण करेगी.
दवा प्रमुख अस्पतालों और कोविड उपचार केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध होगी.