बेंगलुरु: भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शनिवार को कहा कि भारतीय नौसेना एक स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. कुमार ने कहा कि नौसेना व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए अपने प्रयासों में निरंतर और धैर्यवान रहेगी.
एडमिरल आर हरि कुमार ने सिनर्जिया कॉन्क्लेव में 'इंडो-पैसिफिक चुनौतियां और आगे का रास्ता विषय पर एक सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना विचारों के आदान-प्रदान के लिए दोस्तों को एक साथ लाने और समग्र समुद्री सुरक्षा के लिए आम चिंताओं को दूर करने के लिए एक एकजुट शक्ति के रूप में कार्य करती है.
उन्होंने कहा, 'हम एक बहुत ही विवादित वर्तमान से अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं. भारतीय नौसेना अपनी ओर से व्यापक इंडो-पैसिफिक में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए हमारे प्रयासों में निरंतर और धैर्यवान रहेगी.' उन्होंने कहा कि अगर भारतीय नौसेना को भारत और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हितों को सुरक्षित रखना है तो समुद्र की सुरक्षा अनिवार्य हो जाती है.
हम मानते हैं कि कोई भी इसे अकेले नहीं कर सकता है और हमें समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है. कुमार ने कहा,' भारतीय नौसेना सामूहिक समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए समान विचारधारा वाली नौसेनाओं के साथ सहयोग कर रही है.' उन्होंने समावेशी इंडो-पैसिफिक के लिए नौसेना की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, 'हम एक स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का समर्थन करते हैं, जहां किसी भी देश को बाहर नहीं किया जाना चाहिए.'