Narmada Entry in MP Politics: मधयप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले फिर नर्मदा की एंट्री एमपी की राजनीति में हो गई है. कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा में 20 हजार लीटर नर्मदा जल बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा के पहले कलश यात्रा के लिए नरसिंहपुर से बुलवाया गया है, वो भी इस वादे के साथ कि अभी 20 हजार लीटर आया है चुनाव के बाद नर्मदा को स्थाई रुप से छिंदवाड़ा लाया जाएगा. असल में 2019 के लोकसभा चुनाव में नकुलनाथ ने नर्मदा जल छिंदवाड़ा लाने का वादा भी किया था.
20000 लीटर नर्मदा का जल मंगाकर निकाली कलश यात्रा: छिंदवाड़ा जिले के लोगों को नर्मदा जी की आस्था से जोड़ने के लिए कमलनाथ की सरकार में रहते हुए साल 2019 में उनके बेटे का छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ में लोगों से वादा किया था कि "छिंदवाड़ा में नर्मदा का जल लाकर, यहां की पेयजल और सिंचाई सुविधाओं में इजाफा करेंगे." सरकार चली जाने के बाद नकुलनाथ का वादा पूरा तो नहीं हुआ, लेकिन एक बार फिर कमलनाथ और नकुलनाथ ने बाबा बागेश्वर धाम के पंड़ित धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान निकाली गई कलश यात्रा में नर्मदा जी का जल लाकर संदेश दिया है कि "अगर सरकार आती है, तो वह फिर से नर्मदा जी का जल छिंदवाड़ा में लेकर आएंगे." फिलहाल नरसिंहपुर जिले के वरमान घाट से नर्मदा नदी का 20000 लीटर जल छिंदवाड़ा लाया गया और उन्हें कलश में भरकर यात्रा निकाली गई. नर्मदा नदी से लाए गए जल का पूर्व सीएम कमलनाथ ने विधिवत पूजन भी किया.
नरसिंहपुर जिले से तामिया में नर्मदा जल लाने का था प्रस्ताव: सांसद नकुलनाथ और कांग्रेस कमलनाथ की सरकार के दौरान छिंदवाड़ा जिले में नरसिंहपुर जिले से गुजरने वाली नर्मदा नदी से लिफ्ट इरीगेशन के जरिए पांच जगह पर नर्मदा का जलाने का प्रस्ताव तैयार किया था और इसे मध्य प्रदेश सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास प्रस्ताव बनाकर भेजा भी गया था. सांसद नकुल नाथ का कहना था कि "नर्मदा का जल पांच जगह छिंदवाड़ा के तामिया विकासखंड में लाने का प्रस्ताव था, जिससे जिले की पेयजल व्यवस्था में इजाफा होता और सिंचाई सुविधाओं का भी विस्तार किया जाता. क्योंकि तामिया विकासखंड पहाड़ी इलाका है और वहां सिंचाई सुविधाओं के लिए पानी की कमी आती है."
धार्मिक आस्था का दिखावा करते हैं कमलनाथ: छिंदवाड़ा में बाबा बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा और नर्मदा जल को लेकर ईटीवी भारत ने भाजपा के जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि "सिर्फ चुनाव के समय कमलनाथ और उनके परिवार को आस्था याद आती है. यह वही कमलनाथ हैं, जिन्होंने कुछ दिनों पहले अपने जन्मदिन के मौके पर केक में हनुमान जी की तस्वीर बनाकर काट दिया था, उससे हिंदुओं की आस्था तो जमकर ठेस पहुंची थी. अब जब उनकी राजनीतिक पैठ छिंदवाड़ा में कम हो रही है और जनता उनके छलावे को समझ रही है तो यह कथा करवा कर जनता को गुमराह कर रहे हैं. मां नर्मदा में हमारी अटूट आस्था है, हर व्यक्ति उनको मानता है. प्राकृतिक रूप से वे जहां से भी गुजरी हैं, वहां का अपना विशेष महत्व है, लेकिन कृत्रिम रूप से अगर कमलनाथ नर्मदा जी को लाने की बात कर रहे हैं, तो उसका धार्मिक महत्व कितना हो सकता है समझा जा सकता है. लेकिन यह भी एक चुनावी जुमला है, उन्होंने 40 सालों से तो कुछ छिंदवाड़ा में किया नहीं और अब जब राजनीतिक विरासत खतरे में है तो आस्था का सहारा लिया जा रहा है."