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गाजियाबाद : मुस्लिम समुदाय ने हिंदू रीति रिवाजों से कराया युवक का अंतिम संस्कार - muradnagar

गाजियाबाद के मुरादनगर में चाय की दुकान चलाने वाले अनिल कश्यप की अचानक मौत हो गई, लेकिन कोरोना की वजह से उनका परिवार अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पााया. ऐसे में स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अर्थी को कंधा दिया और हिंदू रीति रिवाजों से उसका अंतिम संस्कार कराया.

गाजियाबाद
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Published : May 11, 2021, 1:23 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुरादनगर कस्बा जाति धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत की एक मिसाल कायम कर रहा है. जहां चाय की दुकान चलाकर अपना गुजारा करने वाले अनिल कश्यप की अचानक मौत हो जाने के बाद जब उनका अंतिम संस्कार करने के लिए कोई भी रिश्तेदार या दोस्त नहीं पहुंचा तो मुस्लिम समुदाय ने सारी प्रक्रिया को पूरा कराते हुए उनकी अर्थी को कंधा दिया.

एक रिपोर्ट

राम नाम सत्य बोलते हुए दिया अर्थी को कंधा

जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर कस्बे को हिंदू-मुस्लिम एकता के रूप में जाना जाता है. जहां दोनों समुदाय के लोग आपसी भाईचारे के साथ रहते हैं. जिसका एक उदाहरण मुरादनगर कस्बे की हकीमपुरा कॉलोनी में देखने को मिला है. जहां चाय की दुकान चलाने वाले अनिल कश्यप की अचानक मौत हो जाने के कारण उनके रिश्तेदार और दोस्त उनका अंतिम संस्कार करने नहीं पहुंच सके. तो आसपास के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर हिंदू रीति रिवाज के साथ सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया और राम नाम सत्य बोलते हुए अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचे और अंतिम संस्कार कराया है.
पढ़ें- उत्तर प्रदेश : मुस्लिम धर्म गुरु के जनाजे में उमड़ा जनसैलाब,अज्ञात लोगों पर मुकदमा

मुरादनगर में मिल कर रहते हैं हिंदू-मुस्लिम
ईटीवी भारत को युवा जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव व पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी इमरान इलाही नम्बरदार ने बताया कि मुरादनगर कस्बा हमेशा से ही हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है. जिसका उदाहरण एक बार फिर से मुरादनगर में देखने को मिला है. जहां उनके मोहल्ले में अशोक कुमार कश्यप नाम के व्यक्ति चाय की दुकान करते थे. जिनकी अचानक से तबीयत बिगड़ने के बाद पड़ोसियों ने उनके इलाज कराने का प्रयास किया. लेकिन वह बच नहीं सके और उनकी मृत्यु हो गई.

अंतिम संस्कार में शामिल हुए रोजेदार
इमरान इलाही ने बताया कि अशोक कश्यप की अचानक मृत्यु हो जाने के बाद उनका कोई भी रिश्तेदार या दोस्त उनका अंतिम संस्कार करने के लिए नहीं पहुंचा. जिसके बाद आसपास के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर उनका अंतिम संस्कार कराते हुए हिंदू मुस्लिम एकता का संदेश मजबूती के साथ दिया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुरादनगर कस्बा जाति धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत की एक मिसाल कायम कर रहा है. जहां चाय की दुकान चलाकर अपना गुजारा करने वाले अनिल कश्यप की अचानक मौत हो जाने के बाद जब उनका अंतिम संस्कार करने के लिए कोई भी रिश्तेदार या दोस्त नहीं पहुंचा तो मुस्लिम समुदाय ने सारी प्रक्रिया को पूरा कराते हुए उनकी अर्थी को कंधा दिया.

एक रिपोर्ट

राम नाम सत्य बोलते हुए दिया अर्थी को कंधा

जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर कस्बे को हिंदू-मुस्लिम एकता के रूप में जाना जाता है. जहां दोनों समुदाय के लोग आपसी भाईचारे के साथ रहते हैं. जिसका एक उदाहरण मुरादनगर कस्बे की हकीमपुरा कॉलोनी में देखने को मिला है. जहां चाय की दुकान चलाने वाले अनिल कश्यप की अचानक मौत हो जाने के कारण उनके रिश्तेदार और दोस्त उनका अंतिम संस्कार करने नहीं पहुंच सके. तो आसपास के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर हिंदू रीति रिवाज के साथ सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया और राम नाम सत्य बोलते हुए अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचे और अंतिम संस्कार कराया है.
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मुरादनगर में मिल कर रहते हैं हिंदू-मुस्लिम
ईटीवी भारत को युवा जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव व पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी इमरान इलाही नम्बरदार ने बताया कि मुरादनगर कस्बा हमेशा से ही हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है. जिसका उदाहरण एक बार फिर से मुरादनगर में देखने को मिला है. जहां उनके मोहल्ले में अशोक कुमार कश्यप नाम के व्यक्ति चाय की दुकान करते थे. जिनकी अचानक से तबीयत बिगड़ने के बाद पड़ोसियों ने उनके इलाज कराने का प्रयास किया. लेकिन वह बच नहीं सके और उनकी मृत्यु हो गई.

अंतिम संस्कार में शामिल हुए रोजेदार
इमरान इलाही ने बताया कि अशोक कश्यप की अचानक मृत्यु हो जाने के बाद उनका कोई भी रिश्तेदार या दोस्त उनका अंतिम संस्कार करने के लिए नहीं पहुंचा. जिसके बाद आसपास के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर उनका अंतिम संस्कार कराते हुए हिंदू मुस्लिम एकता का संदेश मजबूती के साथ दिया है.

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