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गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, एमपी-एमएलए कोर्ट कल सुनाएगी सजा, 14 साल पहले दर्ज हुआ था मुकदमा

गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari gangster court sentence) को गैंगस्टर मामले में दोषी करार दिया है. कल कोर्ट की ओर से सजा सुनाई जाएगी. दो मामलों से जुड़े गैंग चार्ट के आधार पर मुख्तार पर साल 2010 में मुकदमा दर्ज किया गया था.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 26, 2023, 7:04 PM IST

कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया.

गाजीपुर : गैंगस्टर मामले में गुरुवार को जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया. शुक्रवार को कोर्ट की ओर से सजा का ऐलान किया जाएगा. मामला 2009 में करंडा थाना क्षेत्र में हुए कपिलदेव सिंह हत्याकांड से जुड़ा है. इसी साल मुहम्मदाबाद के मीर हसन ने भी मुख्तार अंसारी पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था. दोनों मामलों को मिलाकर 2010 में गैंगचार्ट बना था. इसके बाद मुख्तारी अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी. बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया.

मुखबिरी के शक में हुई थी कपिल देव सिंह की हत्या : करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर गांव निवासी कपिलदेव सिंह शिक्षक थे. रिटायर होने के बाद वह गांव में ही रहते थे. साल 2009 में पुलिस की ओर से एक दबंग व्यक्ति के घर की कुर्की की कार्रवाई की गई थी. पुलिस को सामानों की लिस्ट बनाने में मदद के अलावा आम गवाह की भी जरूरत थी. पुलिस के बुलाने पर कपिलदेव मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने पुलिस का पूरा सहयोग किया. इस घटना के बाद दबंग के परिवार को गलतफहमी हो गई कि कपिलदेव ने मुखबिरी की है. इसके बाद साजिश रचकर कपिलदेव की हत्या कर दी गई. वारदात के दौरान माखिया मुख्तार अंसारी जेल में था. वह वहीं से अपने गैंग को संचालित कर रहा था.

साल 2010 में मुख्तार अंसारी पर दर्ज हुआ था मुकदमा : दूसरे मामले में मुहम्मदाबाद इलाके के मीर हसन की ओर से मुख्तार अंसारी पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुख्तार पर हत्या के प्रयास का आरोप लगा था. पुलिस ने शुरुआती जांच के दौरान मुख्तार अंसारी पर कोई कार्रवाई नहीं की थी. विवेचना के बाद जांच अधिकारी ने मुख्तार अंसारी को भी मुकदमे में शामिल कर लिया था. साल 2010 में मुख्तार पर मुकदमा दर्ज किया गया था. कपिल देव सिंह हत्याकांड के मूल मामले से मुख्तार अंसारी को पहले ही बरी किया जा चुका है. गैंगस्टर एक्ट में उसे दोषी करार दिया गया है. वहीं मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली ने बताया कि कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. मुख्तार के साथ सोनू यादव को भी दोषी करार दिया गया है. मुख्तार की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. निर्णय की कॉपी आने के बाद उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी. इस मामले में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है.

यह भी पढ़ें : कोर्ट में वर्चुअली पेशी के दौरान बेटे अब्बास को देख भावुक हुआ मुख्तार अंसारी

कोर्ट में माफिया मुख्तार बोला- हुजूर! इस घटना से मेरा कोई सरोकार नहीं, मैं 2005 से जेल में बंद हूं...

कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया.

गाजीपुर : गैंगस्टर मामले में गुरुवार को जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया. शुक्रवार को कोर्ट की ओर से सजा का ऐलान किया जाएगा. मामला 2009 में करंडा थाना क्षेत्र में हुए कपिलदेव सिंह हत्याकांड से जुड़ा है. इसी साल मुहम्मदाबाद के मीर हसन ने भी मुख्तार अंसारी पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था. दोनों मामलों को मिलाकर 2010 में गैंगचार्ट बना था. इसके बाद मुख्तारी अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी. बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया.

मुखबिरी के शक में हुई थी कपिल देव सिंह की हत्या : करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर गांव निवासी कपिलदेव सिंह शिक्षक थे. रिटायर होने के बाद वह गांव में ही रहते थे. साल 2009 में पुलिस की ओर से एक दबंग व्यक्ति के घर की कुर्की की कार्रवाई की गई थी. पुलिस को सामानों की लिस्ट बनाने में मदद के अलावा आम गवाह की भी जरूरत थी. पुलिस के बुलाने पर कपिलदेव मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने पुलिस का पूरा सहयोग किया. इस घटना के बाद दबंग के परिवार को गलतफहमी हो गई कि कपिलदेव ने मुखबिरी की है. इसके बाद साजिश रचकर कपिलदेव की हत्या कर दी गई. वारदात के दौरान माखिया मुख्तार अंसारी जेल में था. वह वहीं से अपने गैंग को संचालित कर रहा था.

साल 2010 में मुख्तार अंसारी पर दर्ज हुआ था मुकदमा : दूसरे मामले में मुहम्मदाबाद इलाके के मीर हसन की ओर से मुख्तार अंसारी पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुख्तार पर हत्या के प्रयास का आरोप लगा था. पुलिस ने शुरुआती जांच के दौरान मुख्तार अंसारी पर कोई कार्रवाई नहीं की थी. विवेचना के बाद जांच अधिकारी ने मुख्तार अंसारी को भी मुकदमे में शामिल कर लिया था. साल 2010 में मुख्तार पर मुकदमा दर्ज किया गया था. कपिल देव सिंह हत्याकांड के मूल मामले से मुख्तार अंसारी को पहले ही बरी किया जा चुका है. गैंगस्टर एक्ट में उसे दोषी करार दिया गया है. वहीं मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली ने बताया कि कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. मुख्तार के साथ सोनू यादव को भी दोषी करार दिया गया है. मुख्तार की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. निर्णय की कॉपी आने के बाद उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी. इस मामले में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है.

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