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MP श्योपुर बेहद शर्मनाक .. टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन! नसबंदी के बाद महिलाओं को ठंड में जमीन पर लिटाया

श्योपुर जिले में महिला नसबंदी शिविर की शर्मनाक तस्वीरें सामने आई हैं. अस्पताल में बेड और स्ट्रेचर के इंतजाम करने की जगह जमीन पर लिटाकर महिलाओं की नसबंदी की गई. 9 डिग्री टेंपरेचर के बीच महिलाएं ठंड में ठिठुरती रहीं लेकिन, जिम्मेदारों ने रजाई-गद्दे तक के इंतजाम नहीं किए. अब आरोप लग रहे हैं कि टारगेट को पूरा करने के चक्कर में बदहाल इंतजामों के बीच यह शिविर आयोजित किया गया.

Women lie on ground in bitter cold
टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन
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Published : Dec 9, 2022, 8:10 PM IST

श्योपुर। मामला जिला मुख्यालय से 150 किलोमीटर दूर विजयपुर के सामुदायिक अस्पताल का है. जहां गुरुवार से दो दिवसीय महिला नसबंदी शिविर आयोजित किया गया. शिविर में गुरुवार को 77 महिलाओं की नसबंदी की गई. शुक्रवार सुबह11 बजे तक 17 महिलाओं की नसबंदी हो चुकी है. हैरान कर देने वाली बात है कि इस शिविर में महिलाओं को लिटाने के लिए न तो बेड हैं, न ही उन्हें लाने व ले जाने के लिए स्ट्रेचर और एंबुलेंस के इंतजाम. इन हालातों में महिलाओं को जमीन पर लिटाकर उनकी नसबंदी की जा रही है.

स्ट्रेचर तक नहीं मिला : स्ट्रेचर नहीं होने की वजह से नसबंदी कराने वाली महिलाओं को उनके महिला और पुरुष परिजन हाथ-पैर पकड़ कर और गोदी में उठाकर गाड़ियों तक पहुंचा रहे हैं. इस खींचतान में महिलाओं को चोट भी लग सकती है और उनकी जान को भी जोखिम हो सकता है लेकिन, जिम्मेदारों को उनकी जान से ज्यादा सिर्फ टारगेट पूरा करने की परवाह है. नसबंदी शिविर में विजयपुर अस्पताल में बेड के इंतजाम नहीं होने की वजह से महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया. इस दौरान उनके लिए गद्दा -रजाई तक के इंतजाम नहीं किए गए. इस वजह से महिलाएं ठंड से ठिठुरते रहीं. बाद में परेशान परिजनों ने किराए पर कंबल आदि के इंतजाम करके जमीन पर पड़ी महिलाओं को कंबल उड़ाए.

टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन

शिव'राज' की स्वास्थ्य व्यवस्थाएंः शिवपुरी में नसबंदी कराने आयीं महिलाओं को कड़कड़ाती ठंड में फर्श पर लिटाया

अंधेरे में होता रहा महिलाओं का उपचार : गुरुवार रात बिजली नहीं होने की वजह से अंधेरे में महिलाओं का उपचार किया गया. विजयपुर की नसबंदी शिविर में श्योपुर से आए दो डॉक्टर दिन-रात नसबंदी करने में जुटे हैं. यानि यह कहा जा सकता है कि वह नियमों से ऊपर हटकर और अपनी कैपेसिटी से भी कई गुना ज्यादा नसबंदी कर चुके हैं. महिलाओं के परिजनों का कहना है कि यहां व्यवस्था के नाम पर कोई इंतजाम नहीं हैं. महिलाओं को जमीन पर लिटाया जा रहा है, स्ट्रेचर तक नहीं हैं. बहुत परेशानी आ रही है. इस बारे में सीएमएचओ डॉ. बीएल यादव से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका है क्योंकि, वह नसबंदी करने में व्यस्त हैं.

श्योपुर। मामला जिला मुख्यालय से 150 किलोमीटर दूर विजयपुर के सामुदायिक अस्पताल का है. जहां गुरुवार से दो दिवसीय महिला नसबंदी शिविर आयोजित किया गया. शिविर में गुरुवार को 77 महिलाओं की नसबंदी की गई. शुक्रवार सुबह11 बजे तक 17 महिलाओं की नसबंदी हो चुकी है. हैरान कर देने वाली बात है कि इस शिविर में महिलाओं को लिटाने के लिए न तो बेड हैं, न ही उन्हें लाने व ले जाने के लिए स्ट्रेचर और एंबुलेंस के इंतजाम. इन हालातों में महिलाओं को जमीन पर लिटाकर उनकी नसबंदी की जा रही है.

स्ट्रेचर तक नहीं मिला : स्ट्रेचर नहीं होने की वजह से नसबंदी कराने वाली महिलाओं को उनके महिला और पुरुष परिजन हाथ-पैर पकड़ कर और गोदी में उठाकर गाड़ियों तक पहुंचा रहे हैं. इस खींचतान में महिलाओं को चोट भी लग सकती है और उनकी जान को भी जोखिम हो सकता है लेकिन, जिम्मेदारों को उनकी जान से ज्यादा सिर्फ टारगेट पूरा करने की परवाह है. नसबंदी शिविर में विजयपुर अस्पताल में बेड के इंतजाम नहीं होने की वजह से महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया. इस दौरान उनके लिए गद्दा -रजाई तक के इंतजाम नहीं किए गए. इस वजह से महिलाएं ठंड से ठिठुरते रहीं. बाद में परेशान परिजनों ने किराए पर कंबल आदि के इंतजाम करके जमीन पर पड़ी महिलाओं को कंबल उड़ाए.

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अंधेरे में होता रहा महिलाओं का उपचार : गुरुवार रात बिजली नहीं होने की वजह से अंधेरे में महिलाओं का उपचार किया गया. विजयपुर की नसबंदी शिविर में श्योपुर से आए दो डॉक्टर दिन-रात नसबंदी करने में जुटे हैं. यानि यह कहा जा सकता है कि वह नियमों से ऊपर हटकर और अपनी कैपेसिटी से भी कई गुना ज्यादा नसबंदी कर चुके हैं. महिलाओं के परिजनों का कहना है कि यहां व्यवस्था के नाम पर कोई इंतजाम नहीं हैं. महिलाओं को जमीन पर लिटाया जा रहा है, स्ट्रेचर तक नहीं हैं. बहुत परेशानी आ रही है. इस बारे में सीएमएचओ डॉ. बीएल यादव से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका है क्योंकि, वह नसबंदी करने में व्यस्त हैं.

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