छिंदवाड़ा। जहां बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए समाज कई ढोंग करता है. वहीं, छिंदवाड़ा जिले के उमरेठ जैसे छोटे से गांव के किसान नंदलाल पवार देश के लिए मिसाल हैं. तीन बेटियों के पिता ने खेती करते हुए अपनी बेटियों को कुश्ती जैसे कठिन खेल में उतारा और आज उनकी बेटिया विश्व में नाम कमा रही हैं. नंदलाल पवार की दूसरी बेटी शिवानी पवार ने कनाडा में आयोजित 'वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स' में शानदार प्रदर्शन दोहराते हुए भारत के लिए एक गोल्ड मैडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है.
किसान की बेटी की विदेश में धूम: उमरेठ की शिवानी पवार ने कनाडा के विनिपेग में आयोजित वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में धूम मचा दी. शिवानी ने सेमी फाइनल में कोलंबिया और फाइनल में कनाडा की पहलवान को 50 किलो वर्ग कुश्ती में दस शून्य के अंतर से पराजित कर गोल्ड मैडल जीता. कनाडा के विनिपेग में 28 जुलाई से वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स प्रारंभ हुए हैं. मध्यप्रदेश की शिवानी पवार ने इंडियन रेसलर के तौर पर इसमें भाग लिया. उमरेठ के खेत खलिहानों से निकली इस बेटी ने विदेश की धरती पर कालंबिया और कनाडा के पहलवानों को अपने विरुद्ध एक भी प्वाइंट हासिल नहीं करने दिया.
दस शून्य के अंतर से जीती दोनों कुश्ती: शिवानी ने दोनों कुश्ती दस शून्य के अंतर से जीती. फस्ट बाउट में शिवानी को बाय मिला. दूसरे बाउट में शिवानी ने कोलंबिया की पहलवान को सेमीफाईनल में दस शून्य से पराजित किया. फाईनल बाउट में कनाडा की पहलवान को शिवानी ने दस शून्य के अंतर से पराजित कर गोल्ड मैडल जीत लिया. पोडियम पर मैडल पहनकर शिवानी ने तिरंगा लहराया. गौरतलब है कि बीते वर्ष शिवानी ने सर्बिया में रजत पदक जीता था. गोल्डन गर्ल शिवानी पवार की उपलब्धियां इस क्षेत्र में महिला पहलवानों के लिए संजीवनी साबित हो रही है.
अब तक देश और प्रदेश को दिलाए कई पदक: देश और मप्र के लिए अबतक उसने कई पदक दिलाएं दिलाएं हैं, जिनमें 2 स्वर्ण, दो रजत एवं 5 कांस्य पदक जीते हैं. प्रदेश की सर्वोच्च खेल पुरस्कार विक्रम अवार्ड से सम्मानित और देश की इकलौती मुस्लिम महिला इंटरनेशनल कुश्ती कोच फातिमा बानो से शिवानी पवार को वर्ष 2011-12 से नियमित रूप से लगातार कुश्ती का प्रशिक्षण मिल रहा है.
बचपन से था फुटबॉल और रनिंग का शौक: उमरेठ के पंडित विशंभर नाथ सरकारी स्कूल में पढ़ी शिवानी पवार को आठवीं कक्षा तक फुटबॉल और रनिंग का शौक था. जब पहली बार में ही शिवानी फुटबॉल के मुकाबले में स्टेट लेवल में चैंपियन बनी तो उसके स्कूली खेल प्रशिक्षक कलशराम मर्सकोले ने उसे कुश्ती खेलने के लिए प्रेरित किया और फिर शिवानी को कलश राम मर्सकोले ने ट्रेनिंग देना भी शुरू किया. उसके बाद शिवानी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. शिवानी की इस ऐतिहासिक सफलता पर उनके प्रारंभिक कोच कलशराम मर्सकोले ने शुभकामनाएं दी हैं.
दुनिया की परवाह किए बिना बेटियों को बढ़ाया आगे: किसान नंदलाल पवार ने बताया कि "उनकी तीन बेटियों और एक बेटे में शिवानी मंझली पुत्री है. नंदलाल की तीनों बेटियां भारती पवार, शिवानी पवार और रीतिका पवार ने कुश्ती में कई बार प्रतिनिधित्व कर पदक हासिल किया हैं. जिससे ये दंगल गर्ल कहलाती हैं. मूलत: किसान परिवार में जन्मी तीनों का कुश्ती से कोई पारिवारिक संबंध नहीं है. शुरुआत के दिनों में तो जब बेटियां कुश्ती खेलने जाती थीं तो लोग नंदलाल परिवार को ताना मारा करते थे कि बेटियों को कुश्ती जैसी खेल में क्यों भेज रहा है. लेकिन समाज के तानों से दूर रहकर उन्हें अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए की जान लगा दी.'' ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता- पायका से जुड़ने पर कुश्ती कोच, भारतीय शैली कुश्ती महासंघ के जिला सचिव कलशराम मर्सकोले ने इन्हें प्रशिक्षित करना शुरू किया. जिसका परिणाम है, कि छिंदवाड़ा जिला में उमरेठ तहसील की बालिकाओं ने कुश्ती में नया आयाम स्थापित करना शुरू कर दिया.
शिवानी की सफलता का सफर: राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में 9 बार शामिल हुई शिवानी ने एक गोल्ड, 3-3 रजत और कांस्य पदक जीता. उन्होंने सब जूनियर नेशनल चैम्पियनशिप कन्याकुमारी 2013-14 में प्रतिनिधित्व किया. आरजीकेए नेशनल चैम्पियनशिप महाराष्ट्र में 38 किग्रा वजनवर्ग में कांस्य पदक जीता. सब जूनियर नेशनल चैम्पियनशिप श्रीनगर 2015-16 में 4० किग्रा वजनवर्ग में प्रतिनिधित्व किया. स्कूल गैम्स उज्जैन 2014-15 में 46 किग्रा वजनवर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया. आरजीकेए नेशनल चैम्पियनशिप गुजरात में कांस्य पदक प्राप्त किया. सब जूनियर नेशनल चैम्पियनशिप रांची में प्रतिनिधित्व किया. स्कूल गैम्स उज्जैन 2015-16 में 49 किग्रा वजन वर्ग में रजत पदक और जूनियर नेशनल चैम्पियनशिप गोदा/उत्तरप्रदेश में 48 किग्रा वजनवर्ग में रजत पदक जीता.
सर्बिया में चैंपियनशिप में जीता सिल्वर: वहीं सब जूनियर चैम्पियनशिप रीवा 2013-14 में 38 किग्रा, आरजीकेए इंदौर 2013-14, सब जूनियर चैम्पियनशिप इंदौर 2014-15 में 40 किग्रा वजनवर्ग, आरजीकेए उज्जैन 2014- 15 में 46 किग्रा वजनवर्ग, स्कूल गैम्स उज्जैन 2014-15, सब जूनियर चैम्पियनशिप इंदौर 48 किग्रा वजनवर्ग, स्कूल गैम्स उज्जैन 2015-16 में 49 किग्रा वजनवर्ग और जूनियर चैम्पियनशिप इंदौर 2015-16 में 48 किग्रा वजनवर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया. वहीं, 17 से 22 जुलाई-18 को दिल्ली में आयोजित एशियार्ड जूनियर कुश्ती चैम्पियनशिप में पांचवां स्थान हासिल किया. 2021 के नए सर्बिया में हुए अंतरराष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में भी शिवानी ने सिल्वर मेडल जीता था.
ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण लाना सपना: कुश्ती खिलाड़ी शिवानी के पिता नंदलाल पवार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि "उनकी बेटी शिवानी पवार और उनके परिवार का सपना है की बेटी ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर गांव सहित देश का नाम भी रोशन करें."