नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही के लिये ज्यादातर लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ा दी. अर्थव्यवस्था में ब्याज दर में तेजी के रुख के साथ लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ायी गयी हैं. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में यह कहा. हालांकि लोकप्रिय जमा योजना पीपीएफ और बैंकों में बचत जमा पर ब्याज दरें अप्रैल-जून तिमाही के लिये क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बरकरार रखी गयी हैं. अन्य बचत योजनाओं में ब्याज दरों में 0.1 प्रतिशत से 0.7 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है.
ब्याज में सबसे ज्यादा वृद्धि राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) में की गयी है. इसपर एक अप्रैल से 30 जून, 2023 के लिये अब 7.7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अबतक 7.0 प्रतिशत था. बालिकाओं के लिये बचत योजना सुकन्या समृद्धि के लिये ब्याज 7.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत किया गया है. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिये ब्याज दर 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत और और किसान विकास पत्र (केवीपी) के लिये 7.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत किया गया है.
किसान विकास पत्र अब 120 महीनों के बजाए 115 महीनों में परिपक्व होगा. पिछली तिमाही में भी ब्याज दर बढ़ायी गयी थी. लघु बचत योजनाओं के लिये ब्याज दरें में हर तिमाही संशोधित किये जाते हैं. इस संशोधन के साथ डाक घर में एक साल के लिये जमा पर ब्याज 6.8 प्रतिशत (अबतक 6.6 प्रतिशत), दो साल के लिये 6.9 प्रतिशत (अबतक 6.8 प्रतिशत), तीन साल के लिये सात प्रतिशत (अबतक 6.9 प्रतिशत) और पांच साल के लिये 7.5 प्रतिशत (अबतक सात प्रतिशत) हो गया है.
लोक भविष्य निधि पर ब्याज 7.1 प्रतिशत और बचत जमा पर चार प्रतिशत बरकरार रखा गया है. मासिक आय योजना पर ब्याज 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से नीतिगत दर यानी रेपो 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी है. इसके साथ जमा पर भी ब्याज दरें बढ़ी हैं.
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(भाषा)