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मोदी I.N.D.I.A से डरते हैं इसलिए इंडियन मुजाहिदीन और ईस्ट इंडिया कंपनी से कर रहे तुलना : सत्यपाल मलिक

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय से खास बातचीत में जानिए मलिक ने क्या कहा.

Satyapal Malik
सत्यपाल मलिक
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Published : Aug 1, 2023, 9:27 PM IST

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने नई दिल्ली में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी विपक्षी दलों की एकता से डरते हैं और यही कारण है कि वह (मोदी) विपक्षी इंडिया गुट की तुलना इंडियन मुजाहिदीन और ईस्ट इंडिया कंपनी से कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए सत्यपाल ने कहा कि 'मोदी साहब विपक्षी एकता से डरे हुए हैं. वह केवल विपक्षी दलों को बदनाम करना चाहते हैं और इसीलिए वह विपक्षी दलों की तुलना इंडियन मुजाहिदीन और ईस्ट इंडिया कंपनी से कर रहे हैं.'

मलिक ने कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आएगी, वह (मोदी) और अधिक उग्र होते जाएंगे. मलिक ने कहा कि 'लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ पाने के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं और करेंगे.'

मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए मलिक ने कहा कि यह पूरी घटना बीजेपी सरकार द्वारा रची गई है. मलिक ने दावा किया कि 'मणिपुर में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने राज्य के मैतेई समुदाय को अत्याधुनिक हथियार और गोला-बारूद वितरित किया.'

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, जो मैतेई भी हैं, राज्य से अन्य समुदायों का सफाया करना चाहते हैं. गौरतलब है कि मणिपुर में पुलिस बैरक से 4,000 से ज्यादा अत्याधुनिक हथियार चोरी हो चुके हैं.

मलिक ने कहा कि 'राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही हैं. दरअसल, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन काफी पहले ही लग जाना था. हालांकि, न तो मणिपुर सरकार और न ही केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहेगी क्योंकि इससे राज्य चलाने में उनकी विफलता का पता चल जाएगा.'

मलिक मेघालय के राज्यपाल रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार केंद्र में सत्ता हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. मलिक ने कहा कि 'कौन जाने कि वे भाजपा का वोट बैंक सुनिश्चित करने के लिए राम मंदिर में बम रख सकते हैं. या फिर वे 2024 में सत्ता हासिल करने के लिए कुछ ऐसे कदम उठा सकते हैं जो हमारी कल्पना से परे हैं.'

मलिक जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों में से एक थे. मलिक ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आलोचना करने के कारण, मेरी पूरी सुरक्षा वापस ले ली गई है.

मलिक ने कहा कि 'पूर्व राज्यपाल होने के नाते मुझे दिल्ली में आवास और सुरक्षा मिलनी थी. लेकिन मैं दिल्ली में केवल एक सुरक्षा गार्ड के साथ किराए के मकान में रह रहा हूं.'

मलिक राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों-चिंताओं और जवाबदेही पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर ईटीवी भारत से बात कर रहे थे. सम्मेलन में केंद्र सरकार से राम मंदिर, मथुरा, काशी आदि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की गई है. सम्मेलन में अपनाए गए संकल्प में कहा गया, 'अलकायदा, आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों ने भारत में धार्मिक स्थलों पर हमले की धमकी दी है. इसलिए हमने सरकार से ऐसी जगहों की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है.'

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Watch : सत्यपाल मलिक बोले- 'जो मोदी को हराता होगा, खुद को उससे जोड़ लूंगा', मणिपुर हिंसा पर भी दिया बयान

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने नई दिल्ली में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी विपक्षी दलों की एकता से डरते हैं और यही कारण है कि वह (मोदी) विपक्षी इंडिया गुट की तुलना इंडियन मुजाहिदीन और ईस्ट इंडिया कंपनी से कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए सत्यपाल ने कहा कि 'मोदी साहब विपक्षी एकता से डरे हुए हैं. वह केवल विपक्षी दलों को बदनाम करना चाहते हैं और इसीलिए वह विपक्षी दलों की तुलना इंडियन मुजाहिदीन और ईस्ट इंडिया कंपनी से कर रहे हैं.'

मलिक ने कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आएगी, वह (मोदी) और अधिक उग्र होते जाएंगे. मलिक ने कहा कि 'लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ पाने के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं और करेंगे.'

मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए मलिक ने कहा कि यह पूरी घटना बीजेपी सरकार द्वारा रची गई है. मलिक ने दावा किया कि 'मणिपुर में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने राज्य के मैतेई समुदाय को अत्याधुनिक हथियार और गोला-बारूद वितरित किया.'

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, जो मैतेई भी हैं, राज्य से अन्य समुदायों का सफाया करना चाहते हैं. गौरतलब है कि मणिपुर में पुलिस बैरक से 4,000 से ज्यादा अत्याधुनिक हथियार चोरी हो चुके हैं.

मलिक ने कहा कि 'राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही हैं. दरअसल, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन काफी पहले ही लग जाना था. हालांकि, न तो मणिपुर सरकार और न ही केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहेगी क्योंकि इससे राज्य चलाने में उनकी विफलता का पता चल जाएगा.'

मलिक मेघालय के राज्यपाल रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार केंद्र में सत्ता हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. मलिक ने कहा कि 'कौन जाने कि वे भाजपा का वोट बैंक सुनिश्चित करने के लिए राम मंदिर में बम रख सकते हैं. या फिर वे 2024 में सत्ता हासिल करने के लिए कुछ ऐसे कदम उठा सकते हैं जो हमारी कल्पना से परे हैं.'

मलिक जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों में से एक थे. मलिक ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आलोचना करने के कारण, मेरी पूरी सुरक्षा वापस ले ली गई है.

मलिक ने कहा कि 'पूर्व राज्यपाल होने के नाते मुझे दिल्ली में आवास और सुरक्षा मिलनी थी. लेकिन मैं दिल्ली में केवल एक सुरक्षा गार्ड के साथ किराए के मकान में रह रहा हूं.'

मलिक राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों-चिंताओं और जवाबदेही पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर ईटीवी भारत से बात कर रहे थे. सम्मेलन में केंद्र सरकार से राम मंदिर, मथुरा, काशी आदि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की गई है. सम्मेलन में अपनाए गए संकल्प में कहा गया, 'अलकायदा, आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों ने भारत में धार्मिक स्थलों पर हमले की धमकी दी है. इसलिए हमने सरकार से ऐसी जगहों की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है.'

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