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राजस्थान विधानसभा चुनाव में जेजेपी की नहीं लग पाई चाबी, कुलदीप बिश्नोई का चला सिक्का, जानिए राजनीतिक समीकरण - jjp BJP alliance in haryana

राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम आने के साथ ही एक ओर बीजेपी काफी उत्साहित है. वहीं, चुनावी परिणाम आने के बाद जेजेपी यानी जननायक जनता पार्टी में हताशा देखने को मिल रही है. आखिर राजस्थान में जेजेपी के पिछड़ने के पीछे क्या वजह रही है साथ ही इस चुनाव परिणाम का बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा में क्या लाभ मिलने वाला है आइए जानते हैं. (Rajasthan Assembly Election Result Mission 2024 lok sabha election 2024 Haryana Assembly Elections 2024 )

Rajasthan Assembly Election Result Analysis
राजस्थान विधानसभा चुनाव विश्लेषण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 5, 2023, 10:30 AM IST

राजस्थान विधानसभा चुनाव विश्लेषण.

चंडीगढ़: राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे से जहां हरियाणा बीजेपी में भी उत्साह दिखाई दे रहा है. जननायक जनता पार्टी में राजस्थान के बाद कहीं ना कहीं हताशा देखने को मिल रही है. हालांकि पार्टी के नेता इस बात को मानने से इनकार करते दिखाई देते हैं. वहीं, अगर हम बात कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में हुए शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई की करें तो वे राजस्थान विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी के लिए अहम कड़ी साबित हुए.

राजस्थान चुनाव में जेजेपी के हाथ लगी निराशा: राजस्थान चुनाव में बड़ी उम्मीद के साथ मैदान में उतरी जननायक जनता पार्टी हरियाणा की तरह राजस्थान की सत्ता में अपनी चाबी का इस्तेमाल नहीं कर पाई. राजस्थान में 19 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने वाली जेजेपी की लगभग सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई. राजस्थान की सत्ता में अपनी चाबी के दम पर प्रवेश करने का जेजेपी का मंसूबा कामयाब नहीं हो पाया. जननायक जनता पार्टी उम्मीद कर रही थी कि हरियाणा से सटे राजस्थान के जिलों से वह शायद राजस्थान की विधानसभा में प्रवेश कर जाए. विधानसभा में तो प्रवेश नहीं मिला बल्कि उसे अपने उम्मीदवारों की जमानत बचना भी मुश्किल हुआ.

राजस्थान चुनाव में मिली हार पर क्या कहते हैं दुष्यंत चौटाला?: जननायक जनता पार्टी उम्मीद कह रही थी कि जिन 19 सीटों पर उनके उम्मीदवार चुनाव मैदान में लड़ रहे हैं उनमें से कुछ सीट उनके हाथ लग जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. लगभग सभी सीटों पर जेजेपी के उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बच पाई. राजस्थान के चुनाव के नतीजों को लेकर खुद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि उम्मीद के मुताबिक जेजेपी को परिणाम नहीं मिले. हालांकि वे कहते हैं कि राजस्थान में उन्होंने ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है. हालांकि जेजेपी के सभी उम्मीदवारों को सिर्फ 51 हजार से अधिक वोट मिल पाए.

अनिल विज ने एक तीर से साधे दो निशाने: हालांकि बीजेपी के नेता जननायक जनता पार्टी की राजस्थान में हुई हर पर कोई सीधा बयान नहीं दे रहे हैं. वहीं, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने आज तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद खुशी को जताते हुए आम आदमी पार्टी के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि आम आदमी पार्टी अब जेजेपी बन गई है. उन्होंने आम आदमी पार्टी अब जेजेपी बनी यानी जमानत जब्त पार्टी बन गई है.

जेजेपी की हार पर क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: जननायक जनता पार्टी की राजस्थान में हुई करारी हार को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि हरियाणा में जेजेपी और बीजेपी का गठबंधन अब बीजेपी के हाईकमान पर निर्भर है. वे कहते हैं कि अगर जननायक जनता पार्टी राजस्थान में 4 से 5 फ़ीसदी वोट लेने में कामयाब होती तो स्थिति अलग होती. वहीं, अब मौजूदा दौर में जननायक जनता पार्टी हरियाणा में राजस्थान के चुनाव की वजह से बीजेपी के सामने कमजोर पड़ चुकी है. वे कहते हैं कि आने वाले दिनों में यह गठबंधन ना रहे तो कोई हैरानी की बात नहीं है.

राजस्थान चुनाव परिणाम का हरियाणा में असर!: जेजेपी के राजस्थान में चुनावी नतीजे के संबंध में बात करते हुए राजनीतिक मामलों की जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि जननायक जनता पार्टी ने राजस्थान में चुनाव लड़ा लेकिन उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले. हालांकि उनका पहले भी वहां पर जनाधार रहा है. वे कहते हैं कि जिस तरीके से आज के दौर में डायरेक्ट फाइट से नतीजे आ रहे हैं, हो सकता है आने वाले दिनों में बीजेपी हरियाणा में सीधे तौर पर कांग्रेस के साथ डायरेक्ट चुनाव लड़े और क्षेत्रीय दलों की भूमिका को दरकिनार करे. वे कहते हैं कि भले ही 5 साल जेजेपी के साथ सरकार बीजेपी ने चलाई हो, लेकिन कोई भी राष्ट्रीय पार्टी, खासतौर पर बीजेपी चाहेगी कि इसका वर्चस्व एक तरफा हो. ताकि वह मजबूती से सरकार चलाएं.

बीजेपी के लिए लक्की साबित हुए कुलदीप बिश्नोई: हरियाणा में कभी कांग्रेस के नेता रहे कुलदीप बिश्नोई जहां बीजेपी में शामिल होने के बाद खुद के बेटे को आदमपुर से विधायक बनने में कामयाब हुए. वहीं, अब राजस्थान चुनाव में भी बीजेपी के लिए करीब 20 से अधिक सीटों पर जीत दिलाने में उनका अहम योगदान माना जा रहा है. यानी कुलदीप बिश्नोई का साथ बीजेपी के लिए राजस्थान चुनाव में फायदा का सौदा रहा.

राजस्थान चुनाव में बिश्नोई समाज का असर: राजस्थान में 20 से ज्यादा सीटों पर बिश्नोई समाज के वोट का असर पड़ता है. जिनमें से लगभग सभी सीटें बीजेपी ने जीती हैं.यानी करीब एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर कुलदीप बिश्नोई बिश्नोई समाज के वोटों को बीजेपी के पक्ष में लाने में कामयाब हुए, जिनमें खासतौर पर नागौर, जोधपुर, बीकानेर कुछ हिस्सा पाली का, कुछ जालौर का हिस्सा शामिल है. जिसमें करीब 27 सीटों पर बिश्नोई समाज का असर है.

कुलदीप बिश्नोई को लेकर क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: राजस्थान के चुनावी नतीजे में बिश्नोई समाज के वोट बैंक को साधने में सफल हुए कुलदीप बिश्नोई की इस सफलता को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि राजस्थान के चुनावी नतीजों के बाद कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में अपने कद को बढ़ाने में कामयाब हुए हैं. वे कहते हैं कि आने वाले दिनों में बीजेपी कुलदीप बिश्नोई को लोकसभा चुनाव में हरियाणा या राजस्थान कहीं से भी चुनावी मैदान में उतर सकती है.

कुलदीप बिश्नोई में दांव खेल सकती है बीजेपी!: वहीं, इसको लेकर राजनीतिक मामलों की जानकारी धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि कुलदीप बिश्नोई बीजेपी के लिए राजस्थान में 20 से ज्यादा सीटों पर जीत दिलाने में कामयाब हुए हैं. वे कहते हैं कि इसका फायदा उनको हरियाणा और राजस्थान दोनों जगह मिलेगा. उनके मुताबिक अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुलदीप बिश्नोई को बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाए. यानी उनके भविष्य की राजनीति बीजेपी के साथ जाने से सुरक्षित हो गई है.

ये भी पढ़ें: संगठन के सहारे चुनाव! हरियाणा में 2024 में बेड़ा पार लगाने की तैयारियों में जुटे सियासी दल, जानिए किस पार्टी की कितनी है तैयारी?

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राजस्थान विधानसभा चुनाव विश्लेषण.

चंडीगढ़: राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे से जहां हरियाणा बीजेपी में भी उत्साह दिखाई दे रहा है. जननायक जनता पार्टी में राजस्थान के बाद कहीं ना कहीं हताशा देखने को मिल रही है. हालांकि पार्टी के नेता इस बात को मानने से इनकार करते दिखाई देते हैं. वहीं, अगर हम बात कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में हुए शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई की करें तो वे राजस्थान विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी के लिए अहम कड़ी साबित हुए.

राजस्थान चुनाव में जेजेपी के हाथ लगी निराशा: राजस्थान चुनाव में बड़ी उम्मीद के साथ मैदान में उतरी जननायक जनता पार्टी हरियाणा की तरह राजस्थान की सत्ता में अपनी चाबी का इस्तेमाल नहीं कर पाई. राजस्थान में 19 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने वाली जेजेपी की लगभग सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई. राजस्थान की सत्ता में अपनी चाबी के दम पर प्रवेश करने का जेजेपी का मंसूबा कामयाब नहीं हो पाया. जननायक जनता पार्टी उम्मीद कर रही थी कि हरियाणा से सटे राजस्थान के जिलों से वह शायद राजस्थान की विधानसभा में प्रवेश कर जाए. विधानसभा में तो प्रवेश नहीं मिला बल्कि उसे अपने उम्मीदवारों की जमानत बचना भी मुश्किल हुआ.

राजस्थान चुनाव में मिली हार पर क्या कहते हैं दुष्यंत चौटाला?: जननायक जनता पार्टी उम्मीद कह रही थी कि जिन 19 सीटों पर उनके उम्मीदवार चुनाव मैदान में लड़ रहे हैं उनमें से कुछ सीट उनके हाथ लग जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. लगभग सभी सीटों पर जेजेपी के उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बच पाई. राजस्थान के चुनाव के नतीजों को लेकर खुद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि उम्मीद के मुताबिक जेजेपी को परिणाम नहीं मिले. हालांकि वे कहते हैं कि राजस्थान में उन्होंने ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है. हालांकि जेजेपी के सभी उम्मीदवारों को सिर्फ 51 हजार से अधिक वोट मिल पाए.

अनिल विज ने एक तीर से साधे दो निशाने: हालांकि बीजेपी के नेता जननायक जनता पार्टी की राजस्थान में हुई हर पर कोई सीधा बयान नहीं दे रहे हैं. वहीं, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने आज तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद खुशी को जताते हुए आम आदमी पार्टी के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि आम आदमी पार्टी अब जेजेपी बन गई है. उन्होंने आम आदमी पार्टी अब जेजेपी बनी यानी जमानत जब्त पार्टी बन गई है.

जेजेपी की हार पर क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: जननायक जनता पार्टी की राजस्थान में हुई करारी हार को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि हरियाणा में जेजेपी और बीजेपी का गठबंधन अब बीजेपी के हाईकमान पर निर्भर है. वे कहते हैं कि अगर जननायक जनता पार्टी राजस्थान में 4 से 5 फ़ीसदी वोट लेने में कामयाब होती तो स्थिति अलग होती. वहीं, अब मौजूदा दौर में जननायक जनता पार्टी हरियाणा में राजस्थान के चुनाव की वजह से बीजेपी के सामने कमजोर पड़ चुकी है. वे कहते हैं कि आने वाले दिनों में यह गठबंधन ना रहे तो कोई हैरानी की बात नहीं है.

राजस्थान चुनाव परिणाम का हरियाणा में असर!: जेजेपी के राजस्थान में चुनावी नतीजे के संबंध में बात करते हुए राजनीतिक मामलों की जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि जननायक जनता पार्टी ने राजस्थान में चुनाव लड़ा लेकिन उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले. हालांकि उनका पहले भी वहां पर जनाधार रहा है. वे कहते हैं कि जिस तरीके से आज के दौर में डायरेक्ट फाइट से नतीजे आ रहे हैं, हो सकता है आने वाले दिनों में बीजेपी हरियाणा में सीधे तौर पर कांग्रेस के साथ डायरेक्ट चुनाव लड़े और क्षेत्रीय दलों की भूमिका को दरकिनार करे. वे कहते हैं कि भले ही 5 साल जेजेपी के साथ सरकार बीजेपी ने चलाई हो, लेकिन कोई भी राष्ट्रीय पार्टी, खासतौर पर बीजेपी चाहेगी कि इसका वर्चस्व एक तरफा हो. ताकि वह मजबूती से सरकार चलाएं.

बीजेपी के लिए लक्की साबित हुए कुलदीप बिश्नोई: हरियाणा में कभी कांग्रेस के नेता रहे कुलदीप बिश्नोई जहां बीजेपी में शामिल होने के बाद खुद के बेटे को आदमपुर से विधायक बनने में कामयाब हुए. वहीं, अब राजस्थान चुनाव में भी बीजेपी के लिए करीब 20 से अधिक सीटों पर जीत दिलाने में उनका अहम योगदान माना जा रहा है. यानी कुलदीप बिश्नोई का साथ बीजेपी के लिए राजस्थान चुनाव में फायदा का सौदा रहा.

राजस्थान चुनाव में बिश्नोई समाज का असर: राजस्थान में 20 से ज्यादा सीटों पर बिश्नोई समाज के वोट का असर पड़ता है. जिनमें से लगभग सभी सीटें बीजेपी ने जीती हैं.यानी करीब एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर कुलदीप बिश्नोई बिश्नोई समाज के वोटों को बीजेपी के पक्ष में लाने में कामयाब हुए, जिनमें खासतौर पर नागौर, जोधपुर, बीकानेर कुछ हिस्सा पाली का, कुछ जालौर का हिस्सा शामिल है. जिसमें करीब 27 सीटों पर बिश्नोई समाज का असर है.

कुलदीप बिश्नोई को लेकर क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: राजस्थान के चुनावी नतीजे में बिश्नोई समाज के वोट बैंक को साधने में सफल हुए कुलदीप बिश्नोई की इस सफलता को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि राजस्थान के चुनावी नतीजों के बाद कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में अपने कद को बढ़ाने में कामयाब हुए हैं. वे कहते हैं कि आने वाले दिनों में बीजेपी कुलदीप बिश्नोई को लोकसभा चुनाव में हरियाणा या राजस्थान कहीं से भी चुनावी मैदान में उतर सकती है.

कुलदीप बिश्नोई में दांव खेल सकती है बीजेपी!: वहीं, इसको लेकर राजनीतिक मामलों की जानकारी धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि कुलदीप बिश्नोई बीजेपी के लिए राजस्थान में 20 से ज्यादा सीटों पर जीत दिलाने में कामयाब हुए हैं. वे कहते हैं कि इसका फायदा उनको हरियाणा और राजस्थान दोनों जगह मिलेगा. उनके मुताबिक अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुलदीप बिश्नोई को बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाए. यानी उनके भविष्य की राजनीति बीजेपी के साथ जाने से सुरक्षित हो गई है.

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