पटना : हम भूखे रहे. मीलों पैदल चले. अपने बच्चों को कांधे पर रख ना धूप देखा ना बरसात. बच्चों ने पूछा तो जवाब दिया, बस बेटा अगले चौक से बाएं अपना घर है. बैरिकेडिंग पर घंटों रुके. पुलिस के डंडे खाए. चार दिन का सफर घर पहुंचने की आस में गुजरा. हम जो पहने थे, बस वही पहन कर घर की ओर चल निकले. अब हम यह सब दुबारा नहीं देखना चाहते. यह कहना है, उन तमाम लोगों का जिन्होंने लॉकडाउन में मीलों का सफर पैदल ही तय किया था. अब कोरोना के बढ़ते मामले को देखकर लोग उन दिनों को दोबारा नहीं जीना चाहते. इसी कारण प्रवासी मजदूरों का घर लौटना शुरू हो चुका है, क्योंकि सभी को लॉकडाउन का डर सताने लगा है. इसके मद्देनजर पूर्व मध्य रेल ने स्पेशल ट्रेन का परिचाल शुरू कर दिया है.
वापस लौट रहे मजदूर
देश में कोरोना की दूसरी लहर लोगों को डराने लगी है. कोरोना के मामले बिहार में भी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में इन हालातों को लेकर लोगों के बीच डर का माहौल बन गया है. हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों के रोकथाम के लिए कई राज्यों ने अपने-अपने हिसाब से नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. गाइडलाइंस के तहत सार्वजनिक समारोह से लेकर स्कूल कॉलेजों तक बंद कर दिए गए हैं.
कई मजदूर दूसरे राज्य में जाकर अपनी रोजी-रोटी के लिए मजदूरी करते हैं और ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इस कारण से मजदूरों को डर सताने लगा है कि फिर से लॉकडाउन की स्थिति ना बन जाए. इस कारण से मजदूरों का घर आना एक बार फिर से शुरू हो गया है.
लौटने लगे हैं मजदूर
लॉकडाउन के खत्म होते ही सबसे बड़ी दिक्कत रोजगार की आई थी, जिसे खत्म करने के लिए बिहार के मजदूर और छोटे-मोटे कर्मचारी वगैरह रोजगार के सिलसिले में कई अन्य राज्यों में गए. लेकिन अब जब एक साल बाद वापस से कोरोना ने पांव पसारना शुरू कर दिया है, तो लोगों को लॉकडाउन के वही पुराने दिन याद आने लगे हैं. इस कारण दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, पंजाब, हरियाणा, बेंगलुरु, चेन्नई, सूरत जैसे शहरों से मजदूर लौटने लगे हैं. सबसे ज्यादा मजदूर दिल्ली, मुंबई, पुणे और पंजाब से लौट रहे हैं.
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पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा, ट्रेन में काफी भीड़ होने के कारण अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों का भी परिचालन किया जा रहा है. महाराष्ट्र और पुणे कई स्टेशनों से चलने वाली और बिहार के कई स्टेशनों पर पहुंचने वाली कुल 16 ट्रेनें हैं. सभी ट्रेनों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. लेकिन 7 अप्रैल से 13 अप्रैल तक सभी ट्रेनें फुल हैं. इसलिए यात्रियों को ध्यान में रखते हुए पूर्व मध्य रेल ने तीन अतिरिक्त रेलगाड़ियों के परिचालन का फैसला किया है. जो स्पेशल ट्रेन मुंबई और पुणे से 3 दिन बाद यानी कि 10 अप्रैल को बिहार पहुंचेगी. दूसरे राज्य से आने वाले यात्रियों की पटना जंक्शन से थर्मल स्कैनिंग की जा रही है. थर्मल स्कैनिंग में जिस यात्री का टेंप्रेचर ज्यादा हो रहा है, उसकी कोरोना की जांच की जा रही है.
भारी संख्या में लौट रहे हैं मजदूर
यात्रियों की भीड़ की संख्या को देखते हुए पूर्व मध्य रेल ने स्पेशल ट्रेन का भी परिचालन शुरू किया है. भारी संख्या में मजदूरों का लौटना शुरू हो गया है. इस कड़ी में रेलवे प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार को भी काफी सतर्क रहना होगा. क्योंकि जिस तरह से प्रवासी मजदूरों का लौटना शुरू हुआ है. ऐसे में बिहार में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंचेंगे. उसके लिए सरकार को पूरी तरह से कमर कसनी होगी. क्योंकि बिहार में भी कोरोना के मामला प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. प्रवासी मजदूरों को लौटने के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है.