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मेघालय सरकार सोलर पावर से रिमोट स्वास्थ्य केंद्रों को करेगी रौशन

मेघालय सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा को अंतिम गांव तक पहुंचाने के इरादे से 100 स्वास्थ्य केंद्रों को सोलर पावर से जोड़ दिया है. जिससे लोगों को चौबीस घंटे स्वास्थ्य लाभ मिलेगा और उनका सरकारी तंत्र पर विश्वास भी बढ़ेगा.

सोलर पावर से रिमोट स्वास्थ्य केंद्रों
सोलर पावर से रिमोट स्वास्थ्य केंद्रों
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Published : Apr 9, 2022, 12:57 PM IST

शिलांग: मेघालय सरकार ने दूरदराज के गांवों के 100 स्वास्थ्य केंद्रों में सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण लगाए हैं. राज्य सरकार शेष ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के कामकाज में सुधार लाने के लिए सभी केंद्रों को सौर ऊर्जा से जोड़ने की योजना बना रही है. एक कार्यक्रम में एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 11 जिलों में सौर उपकरणों को स्थापित करके 100 उप-केंद्रों को सफलतापूर्वक संचालित किया है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रेडिएंट वार्मर, सक्शन उपकरण, स्पॉटलाइट, सोलर डायरेक्ट ड्राइव वैक्सीन रेफ्रिजरेटर और ल्यूमिनरीज जैसे सोलर पावर से चलने वाले उपकरण स्थापित किए गए और अब कार्यरत हैं. राज्य के दूरदराज इलाकों में बीमार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सरकार ने शेष 342 उप-केंद्रों और 122 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) तक सोलर पावर से जोड़ने के लिए सेल्को फाउंडेशन (SELCO Foundation) के साथ भागीदारी की है. मेघालय में अंतिम छोर तक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए इन सभी केंद्रों का स्थलीय मूल्यांकन किया जा रहा है. इन दुर्गम इलाकों में सुदूरता, जलवायु जोखिमों और ग्रामीण बस्तियों की प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता के बावजूद सौर ऊर्जा से बेहद फायदा होगा. इससे टीकाकरण, मातृत्व देखभाल, प्रसव एव अन्य चिकित्सा सहित महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सहायता मिलेगा. इससे टीकाकरण के माध्यम से कोविड-19 की रोकथाम में भी मदद मिलेगा. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मेघालय के प्रमुख राम कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य प्रणालियों में लगातार पावर सप्लाई रहने से स्वास्थ्य सिस्टम के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा.

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ये स्वास्थ्य केंद्र में उनकी दूरस्थता के बावजूद लगातार बिजली मिले जिससे स्वास्थ्य सेवाएं 24/7 उपलब्ध होगी. स्वास्थ्य केंद्रों को पावर सप्लाई के मामले में स्वनिर्भर बनाना है ताकि नॉर्मल बिजली सप्लाई पर उनकी निर्भरता न हो. मेघालय और कुछ अन्य राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एनएचएम में राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य के पूरे स्पेक्ट्रम को सेल्को फाउंडेशन और क्रिप्टोरिलीफ द्वारा सोलर कवर मुहैया कराया जा रहा है.

जलियाह की एक एएनएम सी सिरती ने कहा हमें सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण मिल रहे हैं जिनका उपयोग सुरक्षित और स्वस्थ प्रसव के लिए किया जाता है. SELCO फाउंडेशन और क्रिप्टो रिलीफ ने कहा कि वे पांच राज्यों में सौलर ऊर्जा से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को अपग्रेड करने के लिए साझा कार्य कर रहे हैं. क्रिप्टो रिलीफ के प्रमुख संदीप नेलवाल ने कहा उनकी टीम को पता है कि सौर ऊर्जा स्वास्थ्य केंद्र इन जिलों में जमीन पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में मील की पत्थर साबित होगा. सेल्को फाउंडेशन के सीईओ डॉ हरीश हांडे ने कहा कि कंपनी मेघालय सरकार के साथ साझेदारी करके गर्व महसूस कर रही है. राज्य के ये 100 उप केंद्र देश के लिए एक मॉडल होगा जिससे लोगों को पता चलेगा कि हम सौर ऊर्जा का उपयोग करके अंतिम गांव तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचा सकते हैं.

यह भी पढ़ें-लेह वायु सेना स्टेशन पर स्थापित हुई सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना

पीटीआई

शिलांग: मेघालय सरकार ने दूरदराज के गांवों के 100 स्वास्थ्य केंद्रों में सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण लगाए हैं. राज्य सरकार शेष ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के कामकाज में सुधार लाने के लिए सभी केंद्रों को सौर ऊर्जा से जोड़ने की योजना बना रही है. एक कार्यक्रम में एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 11 जिलों में सौर उपकरणों को स्थापित करके 100 उप-केंद्रों को सफलतापूर्वक संचालित किया है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रेडिएंट वार्मर, सक्शन उपकरण, स्पॉटलाइट, सोलर डायरेक्ट ड्राइव वैक्सीन रेफ्रिजरेटर और ल्यूमिनरीज जैसे सोलर पावर से चलने वाले उपकरण स्थापित किए गए और अब कार्यरत हैं. राज्य के दूरदराज इलाकों में बीमार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सरकार ने शेष 342 उप-केंद्रों और 122 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) तक सोलर पावर से जोड़ने के लिए सेल्को फाउंडेशन (SELCO Foundation) के साथ भागीदारी की है. मेघालय में अंतिम छोर तक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए इन सभी केंद्रों का स्थलीय मूल्यांकन किया जा रहा है. इन दुर्गम इलाकों में सुदूरता, जलवायु जोखिमों और ग्रामीण बस्तियों की प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता के बावजूद सौर ऊर्जा से बेहद फायदा होगा. इससे टीकाकरण, मातृत्व देखभाल, प्रसव एव अन्य चिकित्सा सहित महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सहायता मिलेगा. इससे टीकाकरण के माध्यम से कोविड-19 की रोकथाम में भी मदद मिलेगा. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मेघालय के प्रमुख राम कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य प्रणालियों में लगातार पावर सप्लाई रहने से स्वास्थ्य सिस्टम के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा.

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ये स्वास्थ्य केंद्र में उनकी दूरस्थता के बावजूद लगातार बिजली मिले जिससे स्वास्थ्य सेवाएं 24/7 उपलब्ध होगी. स्वास्थ्य केंद्रों को पावर सप्लाई के मामले में स्वनिर्भर बनाना है ताकि नॉर्मल बिजली सप्लाई पर उनकी निर्भरता न हो. मेघालय और कुछ अन्य राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एनएचएम में राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य के पूरे स्पेक्ट्रम को सेल्को फाउंडेशन और क्रिप्टोरिलीफ द्वारा सोलर कवर मुहैया कराया जा रहा है.

जलियाह की एक एएनएम सी सिरती ने कहा हमें सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण मिल रहे हैं जिनका उपयोग सुरक्षित और स्वस्थ प्रसव के लिए किया जाता है. SELCO फाउंडेशन और क्रिप्टो रिलीफ ने कहा कि वे पांच राज्यों में सौलर ऊर्जा से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को अपग्रेड करने के लिए साझा कार्य कर रहे हैं. क्रिप्टो रिलीफ के प्रमुख संदीप नेलवाल ने कहा उनकी टीम को पता है कि सौर ऊर्जा स्वास्थ्य केंद्र इन जिलों में जमीन पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में मील की पत्थर साबित होगा. सेल्को फाउंडेशन के सीईओ डॉ हरीश हांडे ने कहा कि कंपनी मेघालय सरकार के साथ साझेदारी करके गर्व महसूस कर रही है. राज्य के ये 100 उप केंद्र देश के लिए एक मॉडल होगा जिससे लोगों को पता चलेगा कि हम सौर ऊर्जा का उपयोग करके अंतिम गांव तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचा सकते हैं.

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