ETV Bharat / bharat

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में मिली महापाषाण काल की गुफा

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक गुफा की खोज की गई है. कहा जा रहा है कि यह लौह युग या मेगालिथिक काल का हो सकता है.

Megalithic Era Cave Found in Karnataka's Dakshina Kannada
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में मिली महापाषाण काल की गुफा
author img

By

Published : Nov 15, 2022, 1:00 PM IST

दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक): दक्षिण कन्नड़ के कडबा तालुक के कल्लेम्बी गांव में खेती बाड़ी को लेकर जमीन समतल करने के दौरान एक गुफा की खोज की गई. यह खोज 19 अगस्त 2022 को की गयी. अधिकारियों ने अगले दिन उस जगह का दौरा किया. गुफा से एकत्र किए गए मिट्टी के बर्तनों और इसके टुकड़ों का अध्ययन किया गया. इस दौरान यह पता चला है कि यह गुफा लौह युग या मेगालिथिक काल का हो सकता है.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए मुल्की सुंदरम शेट्टी कॉलेज में पुरातत्व सामग्री के शोधकर्ता, इतिहास और पुरातत्व के प्रोफेसर प्रो. टी. मुरुगेशी ने कहा कि यहां मिली प्राचीन वस्तुएं कोडागु में हेगडेहल्ली और सिद्दलिंगपुरा के मकबरे और मूडुबिदिरा के पास मूडू कोनाजे में पहले मिले मिट्टी के बर्तनों के समान हैं. साथ ही, उनकी निर्माण शैली केरल के महापाषाण मकबरों से काफी मिलती-जुलती है.

प्राचीन वस्तुएं
प्राचीन वस्तुएं

लेकिन केरल मॉडल की कुछ सामान्य विशेषताएं यहां इनमें नहीं हैं. उन्होंने कहा आगे के शोध के बाद निश्चित जानकारी उपलब्ध होगी. लाल मिट्टी के बर्तनों की सतह पर पाए गये छोटे कणों को सावधानीपूर्वक एकत्र किया गया. उन्हें आगे के अध्ययन के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा. पाए गये सामानों में एक टांगों वाला लाल जार जो लगभग 10 इंच ऊँचा है, एक बड़ी लाल टोपी लगभग 7.5 इंच व्यास, दूसरा बड़ा काला ढक्कन 8.5 इंच व्यास, तीन लाल बर्तन व अन्य शामिल है.

उन्होंने कहा कि एक छोटा लाल ढक्कन, काला और लाल कप, फ्लैट बॉटम वाले लाल और काले लैंप कल्लेम्बी में एकत्र किए गए थे. यह स्थान एक छोटी पहाड़ी की ढलान पर स्थित है और यह एक ऐसा स्थान है जहाँ कुमारधारा नदी का प्रवाह होता है. उन्होंने कहा कि यह कडबा तालुक के एडमंगला से लगभग 16 किमी दूर है.

ये भी पढ़ें- कर्नाटक में पिता को बचाने के लिए छात्रा को मिलेगा शौर्य पुरस्कार

गुफा के अंदर धातुओं का कोई निशान नहीं मिला. खंभे के दोनों ओर मिट्टी के ढेर पाए गए. इस मिट्टी के ढेर को साफ किये बिना ठीक से अध्ययन करना कठिन था. जगह के मालिक विश्वनाथ गौड़ा बल्लाडका के मुताबिक गुफा की खोज 19 अगस्त 2022 को दोपहर में की गई थी. स्थानीय ग्राम लेखाकार की उपस्थिति में उस स्थान का पंचनामा कराया गया और यहां से सामग्री एकत्र की गई. इस समय, प्रो. मुरुगेशी के नेतृत्व में एक अध्ययन दल ने गुफा की खोज के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद 21 अगस्त को उस स्थान का दौरा किया.

दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक): दक्षिण कन्नड़ के कडबा तालुक के कल्लेम्बी गांव में खेती बाड़ी को लेकर जमीन समतल करने के दौरान एक गुफा की खोज की गई. यह खोज 19 अगस्त 2022 को की गयी. अधिकारियों ने अगले दिन उस जगह का दौरा किया. गुफा से एकत्र किए गए मिट्टी के बर्तनों और इसके टुकड़ों का अध्ययन किया गया. इस दौरान यह पता चला है कि यह गुफा लौह युग या मेगालिथिक काल का हो सकता है.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए मुल्की सुंदरम शेट्टी कॉलेज में पुरातत्व सामग्री के शोधकर्ता, इतिहास और पुरातत्व के प्रोफेसर प्रो. टी. मुरुगेशी ने कहा कि यहां मिली प्राचीन वस्तुएं कोडागु में हेगडेहल्ली और सिद्दलिंगपुरा के मकबरे और मूडुबिदिरा के पास मूडू कोनाजे में पहले मिले मिट्टी के बर्तनों के समान हैं. साथ ही, उनकी निर्माण शैली केरल के महापाषाण मकबरों से काफी मिलती-जुलती है.

प्राचीन वस्तुएं
प्राचीन वस्तुएं

लेकिन केरल मॉडल की कुछ सामान्य विशेषताएं यहां इनमें नहीं हैं. उन्होंने कहा आगे के शोध के बाद निश्चित जानकारी उपलब्ध होगी. लाल मिट्टी के बर्तनों की सतह पर पाए गये छोटे कणों को सावधानीपूर्वक एकत्र किया गया. उन्हें आगे के अध्ययन के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा. पाए गये सामानों में एक टांगों वाला लाल जार जो लगभग 10 इंच ऊँचा है, एक बड़ी लाल टोपी लगभग 7.5 इंच व्यास, दूसरा बड़ा काला ढक्कन 8.5 इंच व्यास, तीन लाल बर्तन व अन्य शामिल है.

उन्होंने कहा कि एक छोटा लाल ढक्कन, काला और लाल कप, फ्लैट बॉटम वाले लाल और काले लैंप कल्लेम्बी में एकत्र किए गए थे. यह स्थान एक छोटी पहाड़ी की ढलान पर स्थित है और यह एक ऐसा स्थान है जहाँ कुमारधारा नदी का प्रवाह होता है. उन्होंने कहा कि यह कडबा तालुक के एडमंगला से लगभग 16 किमी दूर है.

ये भी पढ़ें- कर्नाटक में पिता को बचाने के लिए छात्रा को मिलेगा शौर्य पुरस्कार

गुफा के अंदर धातुओं का कोई निशान नहीं मिला. खंभे के दोनों ओर मिट्टी के ढेर पाए गए. इस मिट्टी के ढेर को साफ किये बिना ठीक से अध्ययन करना कठिन था. जगह के मालिक विश्वनाथ गौड़ा बल्लाडका के मुताबिक गुफा की खोज 19 अगस्त 2022 को दोपहर में की गई थी. स्थानीय ग्राम लेखाकार की उपस्थिति में उस स्थान का पंचनामा कराया गया और यहां से सामग्री एकत्र की गई. इस समय, प्रो. मुरुगेशी के नेतृत्व में एक अध्ययन दल ने गुफा की खोज के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद 21 अगस्त को उस स्थान का दौरा किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.