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दिल्ली कैबिनेट ने सर्वसम्मति से बस मार्शलों की तत्काल बहाली की LG से की सिफारिश

- बस मार्शलों के लिए योजना कानून व्यवस्था का मसला. - मार्शलों को तुरंत किया जाए बहाल.

मार्शलों की तत्काल बहाली पर कैबिनेट की बैठक
मार्शलों की तत्काल बहाली पर कैबिनेट की बैठक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 19 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने सर्वसम्मति से उपराज्यपाल वीके सक्सेना से बस मार्शलों को तत्काल बहाल करने की सिफारिश की है. दिल्ली कैबिनेट का कहना है कि बस मार्शलों के लिए योजना बनाना सर्विसेज के साथ-साथ कानून-व्यवस्था का मसला है, इसलिए एलजी से बस मार्शलों के लिए योजना बनाने का अनुरोध किया गया है. वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली सरकार को लिखित में दिया है कि बस मार्शलों के लिए पॉलिसी बनाने का अधिकार केवल एलजी के पास है. योजना बनने तक बस मार्शलों को 31 अक्टूबर, 2023 से पहले की तरह तुरंत बहाल किया जाना चाहिए.

कहा गया कि एलजी को पॉलिसी बनाने में कई महीने या साल लग सकते हैं. इसलिए दिल्ली कैबिनेट ने जो बस मार्शल जहां तैनात थे, वहीं पर तत्काल बहाल करने का आग्रह किया गया है. दिल्ली सरकार बस मार्शलों पर आने वाले सभी तरह के वित्तीय खर्च को उठाने के लिए तैयार है. एलजी को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बस मार्शल के रूप में इस्तेमाल करने की तत्काल इजाजत देनी चाहिए.

महिला सुरक्षा के लिए की गई थी शुरू: दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली देश की राजधानी है. पूरी दुनिया की नजर दिल्ली पर रहती है. इस कारण दिल्ली में हर छोटी-बड़ी घटना पूरी दुनिया में भारत की छवि पर प्रभाव डालती है. इसी को ध्यान में रखते हुए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने दिल्ली में बसों के अंदर महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए बस मार्शल नियुक्त करने का ऐतिहासिक कदम उठाया, जिससे यात्रियों को, खासकर महिलाओं को छेड़छाड़, अपराध और हिंसा से बचाया जा सके.

कमी हुई उजागर: 2012 की निर्भया मामले ने महिला सुरक्षा की कमी को उजागर किया. दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह योजना शुरू की. इस योजना से हर बस में दिन और रात की शिफ्ट में वर्दीधारी मार्शल मौजूद रहते हैं, ताकि बसों में हर समय सुरक्षा बनी रहे. बस मार्शलों का काम सिर्फ निगरानी करना ही नहीं है, बल्कि यह यात्रियों, खासकर महिलाओं को यह भरोसा भी देता है कि बस में ऐसा व्यक्ति मौजूद है जो छेड़छाड़, चोरी या झगड़े जैसी घटनाओं को रोकने के लिए तैयार है.

दिल्ली सरकार का बड़ा कदम: सीसीटीवी कैमरे घटना के बाद अपराधी की पहचान करने में मदद करते हैं, लेकिन बस मार्शल तुरंत कार्रवाई करते हैं, जिससे किसी की जान भी बचाई जा सकती है. निर्भया कांड जैसी घटनाओं में, अगर बस में मार्शल होता तो शायद वह घटना को रोक सकता था और किसी की बेटी या बहन को बचाया जा सकता था. बस मार्शल की मौजूदगी से बसों में एक सुरक्षित माहौल बनता है, जिससे सभी यात्री, खासकर महिलाएं, बिना डर के सफर कर सकती हैं. इस तरह यह योजना दिल्ली सरकार का एक बड़ा और असरदार कदम है.

यह भी पढ़ें- 'आम आदमी' से शिकायत मिली तो खुद CM आतिशी आगे आईं, सोशल मीडिया पर लिखा- 'अब सब ठीक है'

यह भी पढ़ें- दिल्ली में नर्सरी एडमिशन का शेड्यूल जारी, इस दिन से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने सर्वसम्मति से उपराज्यपाल वीके सक्सेना से बस मार्शलों को तत्काल बहाल करने की सिफारिश की है. दिल्ली कैबिनेट का कहना है कि बस मार्शलों के लिए योजना बनाना सर्विसेज के साथ-साथ कानून-व्यवस्था का मसला है, इसलिए एलजी से बस मार्शलों के लिए योजना बनाने का अनुरोध किया गया है. वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली सरकार को लिखित में दिया है कि बस मार्शलों के लिए पॉलिसी बनाने का अधिकार केवल एलजी के पास है. योजना बनने तक बस मार्शलों को 31 अक्टूबर, 2023 से पहले की तरह तुरंत बहाल किया जाना चाहिए.

कहा गया कि एलजी को पॉलिसी बनाने में कई महीने या साल लग सकते हैं. इसलिए दिल्ली कैबिनेट ने जो बस मार्शल जहां तैनात थे, वहीं पर तत्काल बहाल करने का आग्रह किया गया है. दिल्ली सरकार बस मार्शलों पर आने वाले सभी तरह के वित्तीय खर्च को उठाने के लिए तैयार है. एलजी को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बस मार्शल के रूप में इस्तेमाल करने की तत्काल इजाजत देनी चाहिए.

महिला सुरक्षा के लिए की गई थी शुरू: दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली देश की राजधानी है. पूरी दुनिया की नजर दिल्ली पर रहती है. इस कारण दिल्ली में हर छोटी-बड़ी घटना पूरी दुनिया में भारत की छवि पर प्रभाव डालती है. इसी को ध्यान में रखते हुए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने दिल्ली में बसों के अंदर महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए बस मार्शल नियुक्त करने का ऐतिहासिक कदम उठाया, जिससे यात्रियों को, खासकर महिलाओं को छेड़छाड़, अपराध और हिंसा से बचाया जा सके.

कमी हुई उजागर: 2012 की निर्भया मामले ने महिला सुरक्षा की कमी को उजागर किया. दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह योजना शुरू की. इस योजना से हर बस में दिन और रात की शिफ्ट में वर्दीधारी मार्शल मौजूद रहते हैं, ताकि बसों में हर समय सुरक्षा बनी रहे. बस मार्शलों का काम सिर्फ निगरानी करना ही नहीं है, बल्कि यह यात्रियों, खासकर महिलाओं को यह भरोसा भी देता है कि बस में ऐसा व्यक्ति मौजूद है जो छेड़छाड़, चोरी या झगड़े जैसी घटनाओं को रोकने के लिए तैयार है.

दिल्ली सरकार का बड़ा कदम: सीसीटीवी कैमरे घटना के बाद अपराधी की पहचान करने में मदद करते हैं, लेकिन बस मार्शल तुरंत कार्रवाई करते हैं, जिससे किसी की जान भी बचाई जा सकती है. निर्भया कांड जैसी घटनाओं में, अगर बस में मार्शल होता तो शायद वह घटना को रोक सकता था और किसी की बेटी या बहन को बचाया जा सकता था. बस मार्शल की मौजूदगी से बसों में एक सुरक्षित माहौल बनता है, जिससे सभी यात्री, खासकर महिलाएं, बिना डर के सफर कर सकती हैं. इस तरह यह योजना दिल्ली सरकार का एक बड़ा और असरदार कदम है.

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