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अजान और बुर्के को लेकर दिए बयान पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जताई आपत्ति

यूपी में मस्जिदों में लाउडस्पीकर हटाने की मांग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, वहीं राज्यमंत्री ने बुर्के को लेकर भी बयान दिया है. राज्यमंत्री के बयान पर शिया धर्म गुरु यासूब अब्बास और मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने आपत्ति जताई है.

डॉ. अब्बास फरंगी महली
डॉ. अब्बास फरंगी महली
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Published : Mar 25, 2021, 12:31 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 3:26 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इन दिनों मस्जिद की अजान को लेकर विवाद पैदा हो रहा है. सबसे पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को लेटर लिखकर इस मामले की शिकायत की. उसके बाद योगी सरकार के मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ला ने इस पर आपत्ति जताई.

आपत्ति जताने पर प्रदेश की पुलिस हरकत में आ गई. इस पूरे मसले पर शिया धर्म गुरु और ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता यासूब अब्बास ने अफसोस जाहिर किया है.

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता यासूब अब्बास

यासूब अब्बास ने मांग की कि इस तरह के लोगों पर लगाम लगाई जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग देश में हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं.

डॉ. यासूब अब्बास ने कहा कि हम यूपी सरकार के मंत्री के बयान की निंदा करते हैं और मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि जिम्मेदारी वाले पद पर बैठे लोग ऐसे बयान न दें. अजान पर आपत्ति करना कतई उचित नहीं है.

पढ़ें: राज्यमंत्री ने मस्जिद से अजान की आवाज पर जताई आपत्ति, जिलाधिकारी को लिखा पत्र

उन्होंने कहा कि भारत में एक साझी विरासत है, यहां मंदिरों से घंटियों की आवाज आती है और मस्जिदों से अजान की आवाज सुनाई देती है. न तो हिंदुओं को और न ही मुसलमानों को मंदिर की घंटियों और अजान से समस्या है.

डॉ. अब्बास ने कहा कि 'यह कहना दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ ताकतें हिंदू और मुसलमानों के बीच की खाई को चौड़ा करने के लिए काम कर रही हैं. उत्तर प्रदेश के मंत्री भी उनमें शामिल हैं. मैं केंद्र और राज्य सरकारों से ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने का आह्वान करता हूं, अन्यथा देश के हालात बिगड़ सकते हैं.'

मंत्री ने बुर्के को लेकर दिया बयान
राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर हटाने की मांग के बाद अब मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से मुक्ति देने की बात कहकर बहस छेड़ दी है. राज्यमंत्री ने दावा किया है कि कई मुस्लिम देशों में बुर्के पर पाबंदी है. इसके साथ ही यह अमानवीय व्यवहार व कुप्रथा भी है.

उन्होंने कहा कि देश में तीन तलाक की तर्ज पर अब मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी. इसके साथ ही कहा कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसको बढ़ावा दे रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- हरिद्वार पहुंचे कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल, लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर रखी बात

फरंगी महली की मंत्री को नसीहत

फरंगी महली ने दी नसीहत
मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के बयान पर कहा कि यूपी के मंत्री ने पहले अजान और फिर बुर्के पर सवाल खड़ा किया है जो कि बेबुनियाद और एकदम गलत है.

उन्होंने मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि किसी को भी यह हक हासिल नहीं है कि वह किसी के धर्म और रिवाज पर कोई बात कहे. हम इसकी सख्त निंदा करते है. उन्होंने कहा कि जहां तक परदे का सवाल है तो वह हमारे इस्लामी शरियत का एक अहम हिस्सा है. उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि अपने-अपने मजहब पर अमल करते हुए दूसरे सभी के धर्मो की इज्जत और आदर करें.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इन दिनों मस्जिद की अजान को लेकर विवाद पैदा हो रहा है. सबसे पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को लेटर लिखकर इस मामले की शिकायत की. उसके बाद योगी सरकार के मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ला ने इस पर आपत्ति जताई.

आपत्ति जताने पर प्रदेश की पुलिस हरकत में आ गई. इस पूरे मसले पर शिया धर्म गुरु और ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता यासूब अब्बास ने अफसोस जाहिर किया है.

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता यासूब अब्बास

यासूब अब्बास ने मांग की कि इस तरह के लोगों पर लगाम लगाई जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग देश में हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं.

डॉ. यासूब अब्बास ने कहा कि हम यूपी सरकार के मंत्री के बयान की निंदा करते हैं और मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि जिम्मेदारी वाले पद पर बैठे लोग ऐसे बयान न दें. अजान पर आपत्ति करना कतई उचित नहीं है.

पढ़ें: राज्यमंत्री ने मस्जिद से अजान की आवाज पर जताई आपत्ति, जिलाधिकारी को लिखा पत्र

उन्होंने कहा कि भारत में एक साझी विरासत है, यहां मंदिरों से घंटियों की आवाज आती है और मस्जिदों से अजान की आवाज सुनाई देती है. न तो हिंदुओं को और न ही मुसलमानों को मंदिर की घंटियों और अजान से समस्या है.

डॉ. अब्बास ने कहा कि 'यह कहना दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ ताकतें हिंदू और मुसलमानों के बीच की खाई को चौड़ा करने के लिए काम कर रही हैं. उत्तर प्रदेश के मंत्री भी उनमें शामिल हैं. मैं केंद्र और राज्य सरकारों से ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने का आह्वान करता हूं, अन्यथा देश के हालात बिगड़ सकते हैं.'

मंत्री ने बुर्के को लेकर दिया बयान
राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर हटाने की मांग के बाद अब मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से मुक्ति देने की बात कहकर बहस छेड़ दी है. राज्यमंत्री ने दावा किया है कि कई मुस्लिम देशों में बुर्के पर पाबंदी है. इसके साथ ही यह अमानवीय व्यवहार व कुप्रथा भी है.

उन्होंने कहा कि देश में तीन तलाक की तर्ज पर अब मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी. इसके साथ ही कहा कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसको बढ़ावा दे रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- हरिद्वार पहुंचे कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल, लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर रखी बात

फरंगी महली की मंत्री को नसीहत

फरंगी महली ने दी नसीहत
मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के बयान पर कहा कि यूपी के मंत्री ने पहले अजान और फिर बुर्के पर सवाल खड़ा किया है जो कि बेबुनियाद और एकदम गलत है.

उन्होंने मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि किसी को भी यह हक हासिल नहीं है कि वह किसी के धर्म और रिवाज पर कोई बात कहे. हम इसकी सख्त निंदा करते है. उन्होंने कहा कि जहां तक परदे का सवाल है तो वह हमारे इस्लामी शरियत का एक अहम हिस्सा है. उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि अपने-अपने मजहब पर अमल करते हुए दूसरे सभी के धर्मो की इज्जत और आदर करें.

Last Updated : Mar 25, 2021, 3:26 PM IST
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