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मानसून सत्र में मराठा आरक्षण, देशमुख की जांच को लेकर सरकार को घेरेगा विपक्ष - महाराष्ट्र विधानमंडल

महाराष्ट्र विधानमंडल के आगामी पांच जुलाई से शुरू होने जा रहे दो दिवसीय मानसून सत्र में उच्चतम न्यायालय द्वारा नौकरियों एवं शिक्षा में मराठा आरक्षण को निरस्त किए जाने, राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से संबंधित चीनी मिल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कुर्क किए जाने तथा पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ धनशोधन संबंधी जांच जैसे मुद्दों पर विपक्ष द्वारा सरकार को घेरे जाने की संभावना है.

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Published : Jul 3, 2021, 7:58 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र कोविड-19 के मद्देनजर केवल दो दिन का होगा जो पांच से छह जुलाई तक चलेगा. राकांपा के वरिष्ठ नेता देशमुख वसूली रैकेट के आरोपों में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच का सामना भी कर रहे हैं. ये आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने लगाए थे.

ईडी ने देशमुख को फिर से समन भेजकर कहा है कि वह धनशोधन मामले की जांच के क्रम में पांच जुलाई को मुंबई में एजेंसी के समक्ष पेश हों. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केवल दो दिन के मानसून सत्र को लेकर भी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की यह कहकर आलोचना करती रही है कि राज्य सरकार कोविड-19 के बहाने जनता के मुद्दों से बचने की कोशिश कर रही है.

यह भी पढ़ें-जानिए क्यों खराब हुए थे गांधी-बच्चन परिवार के रिश्ते

देशमुख से संबंधित मुद्दे के साथ ही महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक से संबंधित कथित घोटाले को लेकर ईडी द्वारा अजित पवार से संबंधित चीनी मिल को कुर्क किए जाने से सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को और ताकत मिल गई है. उच्च न्यायालय द्वारा वसूली संबंधी आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र कोविड-19 के मद्देनजर केवल दो दिन का होगा जो पांच से छह जुलाई तक चलेगा. राकांपा के वरिष्ठ नेता देशमुख वसूली रैकेट के आरोपों में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच का सामना भी कर रहे हैं. ये आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने लगाए थे.

ईडी ने देशमुख को फिर से समन भेजकर कहा है कि वह धनशोधन मामले की जांच के क्रम में पांच जुलाई को मुंबई में एजेंसी के समक्ष पेश हों. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केवल दो दिन के मानसून सत्र को लेकर भी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की यह कहकर आलोचना करती रही है कि राज्य सरकार कोविड-19 के बहाने जनता के मुद्दों से बचने की कोशिश कर रही है.

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देशमुख से संबंधित मुद्दे के साथ ही महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक से संबंधित कथित घोटाले को लेकर ईडी द्वारा अजित पवार से संबंधित चीनी मिल को कुर्क किए जाने से सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को और ताकत मिल गई है. उच्च न्यायालय द्वारा वसूली संबंधी आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था.

(पीटीआई-भाषा)

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