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Manipur violence : सीएम बीरेन सिंह ने की जोरमथांगा से बात, शांति बहाली में मांगी मदद

मणिपुर हिंसा को लेकर राज्य के सीएम ने मिजोरम के सीएम से फोन पर बात की है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हिंसा रोकने में मदद मांगी है. पढ़ें पूरी खबर.

N Biren Singh Mizoram CM Zoramthanga
बीरेन सिंह और जोरमथांगा
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Published : Jun 18, 2023, 5:53 PM IST

इंफाल/आइजवाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने मिजोरम के अपने समकक्ष जोरमथांगा (Mizoram CM Zoramthanga) से फोन पर बात की. उन्होंने शांति बहाल करने और हिंसा प्रभावित राज्य में जारी हिंसा पर लगाम लगाने में मदद मांगी है.

मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने एक ट्वीट में कहा, 'मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मणिपुर में चल रही हिंसा के बारे में दोपहर 12:30 बजे मुझसे फोन पर बात की. इस उम्मीद के साथ इस मुद्दे को हल करने में मेरी सहायता मांग रहे हैं कि अब से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व होगा.'

  • The Chief Minister of Manipur, Shri @NBirenSingh spoke to me over the phone at 12:30 PM; regarding the #Manipur ongoing violence asking for my aid in resolving the issue with a hope that henceforth there would be a peaceful co-existence. Furthermore, the request is to take means… pic.twitter.com/9a2fN8wFho

    — Zoramthanga (@ZoramthangaCM) June 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मिजोरम के सीएम ने कहा है कि उनकी सरकार पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करती है.

मिजोरम के सीएम ने कहा कि 'मैंने मणिपुर के मुख्यमंत्री से कहा है कि मिजोरम सरकार हिंसा पर दुख व्यक्त करती है और इसे समाप्त करने के लिए कुछ निश्चित कदम और उपाय किए गए हैं. मैंने कहा कि हम मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के समर्थक हैं.'

मिजोरम के मुख्यमंत्री के अनुसार, उनके राज्य के लोग 'मैतेई समुदाय के प्रति सहानुभूति रखते थे.' जोरमथांगा ने कहा कि 'मैंने मणिपुर के मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया कि हम मिजोरम के लोग मेइती के प्रति सहानुभूति रखते हैं और यह कि सरकार और एनजीओ ने शांति और सुरक्षा के लिए उपाय किए हैं. इसलिए, मिजोरम में रहने वाले मैतेई के लिए जब तक वे मिजोरम में हैं, डरने की कोई बात नहीं है. हम उनके लिए सुरक्षा देने के लिए आगे बढ़ेंगे.'

मणिपुर में हाल ही में हिंसा की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसमें भाजपा नेताओं के घरों पर हमला किया गया. पूर्वोत्तर राज्य में एक महीने पहले मैतेई और कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं.

अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं. मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासी - नागा और कुकी - आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा किया और विभिन्न समुदायों के सदस्यों के साथ बातचीत की. उन्होंने राज्य में शांति बहाल करने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी. केंद्र ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

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मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने एक ट्वीट में कहा, 'मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मणिपुर में चल रही हिंसा के बारे में दोपहर 12:30 बजे मुझसे फोन पर बात की. इस उम्मीद के साथ इस मुद्दे को हल करने में मेरी सहायता मांग रहे हैं कि अब से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व होगा.'

  • The Chief Minister of Manipur, Shri @NBirenSingh spoke to me over the phone at 12:30 PM; regarding the #Manipur ongoing violence asking for my aid in resolving the issue with a hope that henceforth there would be a peaceful co-existence. Furthermore, the request is to take means… pic.twitter.com/9a2fN8wFho

    — Zoramthanga (@ZoramthangaCM) June 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मिजोरम के सीएम ने कहा है कि उनकी सरकार पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करती है.

मिजोरम के सीएम ने कहा कि 'मैंने मणिपुर के मुख्यमंत्री से कहा है कि मिजोरम सरकार हिंसा पर दुख व्यक्त करती है और इसे समाप्त करने के लिए कुछ निश्चित कदम और उपाय किए गए हैं. मैंने कहा कि हम मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के समर्थक हैं.'

मिजोरम के मुख्यमंत्री के अनुसार, उनके राज्य के लोग 'मैतेई समुदाय के प्रति सहानुभूति रखते थे.' जोरमथांगा ने कहा कि 'मैंने मणिपुर के मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया कि हम मिजोरम के लोग मेइती के प्रति सहानुभूति रखते हैं और यह कि सरकार और एनजीओ ने शांति और सुरक्षा के लिए उपाय किए हैं. इसलिए, मिजोरम में रहने वाले मैतेई के लिए जब तक वे मिजोरम में हैं, डरने की कोई बात नहीं है. हम उनके लिए सुरक्षा देने के लिए आगे बढ़ेंगे.'

मणिपुर में हाल ही में हिंसा की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसमें भाजपा नेताओं के घरों पर हमला किया गया. पूर्वोत्तर राज्य में एक महीने पहले मैतेई और कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं.

अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं. मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासी - नागा और कुकी - आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा किया और विभिन्न समुदायों के सदस्यों के साथ बातचीत की. उन्होंने राज्य में शांति बहाल करने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी. केंद्र ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

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