नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल) : भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद शिशिर अधिकारी के घर गईं. इसके साथ ही, पश्चिम बंगाल चुनाव से ठीक पहले अब उनके भी पाला बदल कर भगवा खेमे में शामिल होने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है. सिसिर, नंदीग्राम से भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के पिता हैं.
चटर्जी ने कोंटई में शिशिर अधिकारी के आवास पर दोपहर का भोजन किया, हालांकि उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट बताया. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस दौरान शिशिर अधिकारी के राजनीतिक कदम पर कोई चर्चा नहीं हुई. लेकिन राजनीतिक गलियारों में ये कयास लगाए जाने शुरू हो गए हैं कि तृणमूल कांग्रेस सांसद (शिशिर) इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
इस दौरान सिसिर ने लॉकेट चटर्जी से बता करते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया? उन्होंने कहा कि इसका केवल एक मकसद है, ममता, शुभेंदु अधिकारी का राजनीति करियर खत्म करना चाहती हैं.
वहीं, भाजपा सांसद चटर्जी ने कहा, 'यह एक शिष्टाचार भेंट थी. शिशिर दा एक वरिष्ठ नेता हैं और अधिकारी परिवार मेदिनीपुर (जिसका नंदीग्राम हिस्सा है) का पर्याय है. उन्होंने लोकसभा में दिए मेरे बयान की एक बार तारीफ की थी. उन्होंने मुझसे फिर आने का आग्रह किया है.'
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि वह (शिशिर) भाजपा में शामिल होने का निर्णय करेंगे तो भगवा पार्टी तृणमूल कांग्रेस सांसद का स्वागत करेगी.
वहीं, शिशिर ने संवाददाताओं से कहा कि उनके दो बेटे भाजपा में हैं और लॉकेट चटर्जी के उनके आवास पर आने में कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है. जब एक नेता शिष्टाचार के नाते आई तब हर कोई इसे क्यों संदेह की नजरों से देख रहा है.
टीएमसी का शिशिर अधिकारी से अनुरोध
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने संपर्क किए जाने पर कहा, 'शिशिर दा हाल के समय में काफी हद तक निष्क्रिय रहे हैं. हम उनसे अपनी उम्र का ध्यान रखते हुए दल-बदल के खेल में शामिल नहीं होने का अनुरोध करेंगे.'
भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि पूर्वी मेदिनीपुर चाहता है कि अधिकारी परिवार के वरिष्ठ सदस्य भगवा खेमे में शामिल हों.
यह भी पढ़ें- कंधार विमान बंधकों की रिहाई के लिए खुद को सौंपने को तैयार थीं ममता : यशवंत सिन्हा
गौरतलब है कि दो महीने पहले भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु और उनके भाई सौमेंदु उस वक्त घर पर नहीं थे, जब भाजपा सांसद वहां पहुंची थीं. उनके एक और भाई एवं तृणमूल कांग्रेस सांसद दिव्येंदु उस वक्त मौजूद थे.