नई दिल्ली : महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार को लेकर महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से कैबिनेट बैठक बुलाई गई है. इस बैठक के बाद ही सीएम ठाकरे के समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या को लेकर जमीनी रिपोर्ट पर गौर किया जाएगा और उसका विश्लेषण करेंगे. तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का इंतजार करना होगा.'
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट ने एमवीए सरकार को घुटनों पर ला दिया. बागी नेता एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास लगभग दो दर्जन विधायकों का समर्थन है. खड़गे ने शिंदे के इस दावे के जवाब में कहा, 'हमें यह समझना होगा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट शिवसेना के भीतर है, न कि कांग्रेस और राकांपा जैसे सहयोगियों में.
गौरतलब है कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सेना में अल्पकालिक भर्ती की नई अग्निपथ योजना देश एवं सेना के साथ मोदी सरकार का नया धोखा और सेना को कमजोर करने वाला कदम है. उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों कृषि कानूनों की तरह इस योजना को वापस लेना पड़ेगा. इस सवाल पर कि क्या रक्षा प्रमुख और एनएसए अजीत डोभाल द्वारा दिए गए बयानों के बावजूद अग्निपथ योजना को वापस लिया जाएगा. इस पर खड़गे ने दृढ़ता से उत्तर दिया कि क्या वे, भगवान? जरा देखिए कि जिस तरह से योजना की घोषणा की गई है, इससे केवल 25 प्रतिशत को ही रोजगार मिलेगी. शेष 75 फीसदी का क्या? वे कहां जाएंगे?'
भगवा पार्टी पर तंज कसते हुए खड़गे ने अपनी पार्टी के सदस्यों के बयानों का जिक्र किया और कहा कि इन 'अग्निवीरों' को भाजपा कार्यालय में सुरक्षा गार्ड के रूप में एक स्थायी नौकरी मिलेगी. उन्होंने कहा कि युवाओं की समस्याओं को दूर करने के बजाय, केंद्र उन्हें बता रहे हैं कि वे उन्हें पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं. इसके बाद उन्हें गार्ड के रूप में नौकरी मिलेगी, पकोड़े बेचेंगे, आदि काम रह जाएगा. इसलिए इस योजना ने तनाव कम करने के बजाय उथल-पुथल मचा दी है. इन अग्निवीरों को न तो कोई पेंशन मिलेगी और न ही कोई सुरक्षा. इसलिए यह तनाव पैदा करने वाली योजना है.
राजनीतिक मकसद से अग्निपथ योजना लाने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए, उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि देश में रोजगार सृजन में अत्यधिक गिरावट देखी जा रही है और पीएम मोदी के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं. बढ़ती बेरोजगारी, इस योजना को राजनीतिक मकसद और पीएम मोदी के तनाव को कम करने के लिए लाया गया है.
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