मुंबई : महाराष्ट्र में अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने के एक दिन बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने केंद्र में मंत्री पद मिलने के अफवाहों को खारिज कर दिया. उन्होंने सोमवार को कहा कि पार्टी ने दिल्ली के बारे में कोई चर्चा नहीं की है. हमारा ध्यान राज्य सरकार पर केंद्रित है. पटेल ने बताया कि हमने दिल्ली के बारे में कोई चर्चा नहीं की है. हमने केवल महाराष्ट्र में अपनी सरकार के गठन पर चर्चा की है.
हालांकि, हाल ही में उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में शिंदे सरकार में शामिल होने के लिए किसी का कोई दबाव नहीं था. एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने पार्टी प्रमुख शरद पवार के बयान पर टिप्पणी करते हुए संकेत दिया कि प्रवर्तन निदेशालय के अप्रत्यक्ष दबाव के कारण एनसीपी में विभाजन हुआ. इस बीच, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को पार्टी से निकाल दिया है. पवार ने दोनों को मिली पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी निरस्त करने का फैसला किया है.
शरद पवार ने ट्वीट किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, मैं पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल के नाम एनसीपी पार्टी के सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश देता हूं. इन सबके बीच अजित पवार गुट के नेता और विधायक शिंदे के नेतृत्व वाली और फड़णवीस सरकार में शामिल होने के सामूहिक फैसले को लेकर काफी आश्वस्त हैं. एनसीपी एमएलसी अमोल मितकारी ने कहा कि मैं कल से यहां हूं, कई विधायक मिलने आ रहे हैं. हम 35 विधायक जिन्होंने कल अजित पवार का समर्थन किया था, वे आज भी अजित दादा के साथ हैं. ऐसे और भी नेता हैं जो हमारे साथ जुड़ रहे हैं.
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आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने 5 जुलाई को मुंबई में एक बैठक बुलाई है जिसमें सभी सांसदों और विधायकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. अजित पवार ने भी उसी दिन एक अन्य स्थान पर बैठक बुलाई है. उन्होंने भी सभी विधायकों और एमएलसी समेत सभी एनसीपी नेताओं को भी बुलाया है.
(एएनआई)