मुंबई: महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने एक विचारोत्तेजक बयान दिया है कि वह अब मुख्यमंत्री बनेंगे. एक मीडिया ग्रुप ने शुक्रवार को अजित पवार का इंटरव्यू लिया. इस इस साक्षात्कार के दौरान अजीत पवार ने यह सांकेतिक बयान दिया है, महाराष्ट्र की राजनीति में कई घटनाक्रम चल रहे हैं. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बयान दिया है कि 2024 में नहीं तो मैं अभी मुख्यमंत्री बनूंगा.
अजित पवार ने यह बयान एक अखबार मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू में दिया है. पिछले कुछ दिनों से चर्चा बनी हुई है कि अजित पवार महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम रचेंगे. पूरे राज्य में अजित पवार के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा चल रही है. उसके बाद पहली बार अजित पवार का इंटरव्यू लिया गया. इस साक्षात्कार के दौरान उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति के कई घटनाक्रमों पर टिप्पणी की है.
पवार ने कहा कि उन्होंने सुना है कि जून 2022 में शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाखुश थे और उनके दिमाग में कुछ चल रहा था. पवार ने खुलासा किया कि उनके सहयोगी स्वर्गीय आरआर पाटिल 2004 में मुख्यमंत्री बनते, जब एनसीपी ने अपनी सहयोगी कांग्रेस की तुलना में अधिक विधानसभा सीटें जीतीं, लेकिन दिल्ली से एक संदेश आया कि उनकी पार्टी को डिप्टी सीएम का पद मिलेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या राकांपा अगले साल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने पर मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करेगी, उन्होंने टिप्पणी की कि 2024 ही क्यों, हम अब भी सीएम पद के लिए दावा पेश करने को तैयार हैं. हालांकि उन्होंने बयान के बारे में विस्तार से नहीं बताया. रैपिड फायर राउंड के दौरान, पुणे जिले के बारामती के विधायक, जिन्होंने कई बार डिप्टी सीएम के रूप में कार्य किया है, से साक्षात्कारकर्ता ने पूछा कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे. इस पर, पवार ने तुरंत जवाब दिया कि हां, मैं 100 प्रतिशत (मुख्यमंत्री) बनना चाहूंगा.
यह पूछे जाने पर कि एनसीपी को डिप्टी सीएम पद के लिए आकर्षण क्यों है क्योंकि पार्टी को पिछले 20 वर्षों में कई मौकों पर वह पद मिला है, अनुभवी राजनेता ने कहा कि 2004 में, एनसीपी और कांग्रेस ने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा और एनसीपी ने अधिक सीटें जीतीं. उन्होंने कहा कि हमें 71 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस ने 69 सीटें जीतीं. कांग्रेस सहित सभी ने सोचा कि सीएम एनसीपी से होगा. हालांकि, कुछ निर्णय उच्चतम स्तर पर लिए गए और दिल्ली से एक संदेश आया कि राकांपा को उपमुख्यमंत्री का पद मिलेगा और मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस को मिलेगा.